बाघ पर निबंध – Essay on Tiger in Hindi
Essay on Tiger in Hindi : दोस्तों आज हमने हमारे देश की राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध लिखा है बाघ के दिन प्रतिदिन बढ़ती प्रजाति एक चिंता का विषय है इसलिए इसके प्रति जागरूकता फैलाना बहुत अधिक जरूरी है.
इसीलिए विद्यार्थियों को परीक्षाओं, लेखन प्रतियोगिताओं आदि में पैराग्राफ और निबंध लिखना दिया जाता है विद्यार्थियों की सहायता के लिए हमने बाघ पर निबंध सरल भाषा में और अलग अलग सभी सीमाओं में लिखा है.
Get Some Essay on Tiger in hindi for student under 100, 250, 400 and 1000 words.
10 line Essay on Tiger in Hindi
(1) बाघ एक चौपाया जानवर है.
(2) बाघ हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पशु है.
(3) बाघ स्तनधारी जानवर है क्योंकि यह इंसानों की तरह ही बच्चों को जन्म देता है.
(4) बाघ मांसाहारी जानवर है.
(5) बाघ रात में शिकार करता है और दिन में सोता है.
(6) बाघ का शरीर 7 से 10 फीट तक लंबा होता है.
(7) भारतीय बाघ का शरीर का रंग पीले और भूरे रंग का मिश्रण होता है और उसके ऊपर काले रंग की धारियां होती है.
(8) बाघ के दो आंख और दो कान, एक लंबी पूछ होते है.
(9 ) बाघ जंगल, घास के मैदानों, वनों में अकेला रहना पसंद करता है.
(10) इसका मुख्य आहार चीतल, हिरण, जंगली सूअर, भैंस, सांभर, बकरी इत्यादि जानवर है.
Essay on Save Tiger in Hindi 250 words
बाघ एक स्तनधारी जानवर है जो कि जंगल में सबसे ताकतवर जानवर के रूप में जाना जाता है इसका शरीर 7 से 10 फुट लंबा होता है. बाघ की सबसे ज्यादा जनसंख्या हमारे देश भारत में ही पाई जाती है यह भारत के सुंदरवन जंगल में सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते है.
यह पशु देखने में सबसे सुंदर लगता है लेकिन यह जितना सुंदरता है उतना ही है खतरनाक है क्योंकि यह मांसाहारी होता है और जंगल के लगभग सभी जानवरों को मारकर खा सकता है जैसे की हिरण, गाय, बकरी, भैंस, चीतल आदि जानवर इसके प्रिय भोजन है.
यह मुख्य रूप से एशिया महाद्वीप पर ही पाया जाता है. एक दशक पहले बाघों का शिकार उनकी खाल और अन्य शरीर की हड्डियों के लिए किया जाने लगा इसलिए भारत सरकार ने बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया.
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इसके शरीर का रंग पीले और भूरे रंग का मिश्रण है और उसके ऊपर काले रंग की धारियां होती है इसके शरीर के पेट के नीचे वाले हिस्से का रंग और गांव के नीचे वाले हिस्से का रंग सफेद होता है.
इसकी दो आंखें और दो कान होते है यह इंसानों की तुलना में ज्यादा अच्छी तरह से देख सकता है और सुन भी सकता है. इसकी नाक की कोशिकाएं बहुत कोई भी दुर्गंध या सुगंध कई किलोमीटर दूर से ही सूंघ लेती है.
भारत सरकार ने इस के बढ़ते हुए शिकार को देखते हुए सन 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की घोषणा करते हुए इन्हें संरक्षण प्रदान किया था इसी कारण आज हमारे देश में अन्य देशों की तुलना में ज्यादा बाघ पाए जाते है.
Best Essay on Tiger in Hindi 400 words
बाघ हमारे देश की शान है क्योंकि यह जंगल के पशुओं में सबसे ताकतवर पशु है और इसकी सुंदरता इसके शरीर पर चार चांद लगा देती है इसीलिए भारत सरकार ने हमारे देश के राष्ट्रीय पशु के रूप में बांध चुना है. बाघ आमतौर पर जंगल में अकेला ही रहना पसंद करता है.
बाघ जंगल में झाड़ियों में घात लगा कर बैठा रहता है जब भी कोई जानवर वहां से गुजरता है तो यह उस पर हमला करके उसे मार गया देता है. यह सब एक प्राकृतिक प्रक्रिया है क्योंकि बाघ का मुख्य भोजन जंगल के अन्य सभी जानवर होते है कभी-कभी यह इंसानों के ऊपर भी हमला कर देता है.
बाघ मुख्य रूप से भारत, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, कोरिया, कंबोडिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया इत्यादि देशों में पाया जाता है लेकिन इसी सबसे अधिक जनसंख्या भारत के सुंदरवन के जंगलों में पाई जाती है. भारत के बाघ को बंगाल टाइगर (Bengal Tiger) के रूप में भी जाना जाता है.
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एक व्यस्क बाघ का वजन 350 किलो से भी अधिक हो सकता है इसके बावजूद भी यह पानी में तैरने में माहिर होते है साथ ही यह 50 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते है लेकिन भारी शरीर होने के कारण यह अधिक दूरी तक नहीं छोड़ पाता है.
यह बहुत ही ताकतवर जानवर है क्योंकि यह एक बार किसी जानवर को अगर पकड़ लेता है तो फिर उसको छोड़ता नहीं है.
बाघ एक बार भी 20 से 25 किलो मांस खा जाता है. इसका रंग पीले और भूरे रंग का मिश्रण होता है और पूरे शरीर पर काली धारियां होती है जिसे झाड़ियों में घुल-मिल जाता है और किसी को आसानी से दिखाई नहीं देता है.
इसके मुंह के ऊपर वाले और नीचे वाले दोनों जबड़ो में दो-दो नुकीले दांत होते है जिसे अपने शिकार को मार गिराता है और उनका मांस फाड़ देता है.
बाघ की कुल 8 प्रजातियां पाई जाती है लेकिन उनमें से अब सिर्फ 6 प्रजातियां ही बची है जिनके नाम इस प्रकार है – बंगाल टाइगर, सुमात्रा बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ, साइबेरियन बाघ, मलयान बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ है.
बाघ की औसत आयु 25 से 30 वर्ष की होती है. मादा बाघ एक बार में दो से तीन शावकों को जन्म देती है. इसका गर्भाशय काल 115 से 120 दिन का होता है.
बाघ की घटती हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सन 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इन्हें संरक्षण प्रदान किया है.
Essay on Tiger in Hindi 1000 words
रूपरेखा –
बाघ बड़े शरीर वाला ताकतवर जानवर है जोकि हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पशु भी है. इसकी सुंदरता और ताकत का मेल इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देता है. भारत में इसे बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है इसका वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टाइग्रिस है. बाघ की प्रजाति का डीएनए बिल्ली के डीएनए से मिलता है इसीलिए इसकी शारीरिक संरचना बिल्ली एक बड़ी बिल्ली की तरह दिखाई देती है.
बाघ की शारीरिक संरचना –
बाघ का शरीर बहुत ही हष्ट पुष्ट होता है इसके शरीर की लंबाई 7 से 10 फुट तक होती है और इसका वजन 350 किलो से भी अधिक हो सकता है. बाघ का मुंह चौड़ा होता है इसके दो बड़ी आंखें होती है आंखों का रंग पीला होता है काले रंग की पुतली होती है और दो छोटे कान होते है.
बाघ के शरीर का रंग पीला और भूरे रंग का मिश्रण होता है जिस पर काले रंग की धारियां पाई जाती है साइबेरिया. चीन में इसका रंग सफेद होता है. भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रेवा नामक स्थान पर भी यह सफेद रंग में पाया जाता है.
इनके शरीर की पेट का नीचे का हिस्सा और पंजों के नीचे का हिस्सा सफेद रंग का होता है. इसके 3 फुट लंबी पुंछ होती है
बाघ के चार पैर होते है इसके पंजों के नीचे का हिस्सा गदीदार होता है साथ ही पंजों में नुकीले नाखून भी होते है. इसके एक नाक होती है इसके मुंह में के दोनों जबड़ो में दो-दो नुकीले दांत होते है.
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बाघ की विशेषता –
(1) बाघ 40 से 65 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते हैं लेकिन भारी शरीर होने के कारण है जल्द ही थक जाते है.
(2) बाघ का जीवनकाल 10 से 15 वर्ष का होता है लेकिन कुछ बांध 25 वर्ष की आयु तक भी जीवित रहते है
(3) बाघ झाड़ियों में छुप कर घात लगाकर अपना शिकार करता है.
(4) यह जंगल में ज्यादातर अकेला रहना ही पसंद करता है.
(5) बाघ शिकार में 20 प्रयासों में से सिर्फ एक प्रयास में ही सफल हो पाता है
(6) बाघ बिल्लियों की प्रजाति से ही आता है
(7) बाघ के शरीर में पाई जाने वाली काली धारियों का पैटर्न सभी बाघो में अलग अलग होता है जिससे इन्हें पहचाना जा सकता है यह कुछ इंसानों के हस्त चिन्ह (finger print) की तरह ही होता है.
(8) बाघ की पूंछ इसके दौड़ते समय मुड़ने पर इसके बैलेंस बनाने में सहायता करती है
(9) यह एक बार में 20 से 25 किलो तक मांस खा सकता है
(10) बाघ का गर्भकाल 95 से 115 दिन का होता है.
(11) मादा बाघ एक बार में 2 से 3 शावकों को जन्म देती है
(12) बाघ के बच्चे जन्म के 14 से 15 दिनों बाद आंख खोलते है.
(13) बाघ इंसानों की तरह पानी में भली प्रकार से तैर भी सकते है.
(14) बाघ के आगे के पैर की तुलना में पीछे के पैर बड़े होते है जिसकी सहायता से ही है एक बार में 20 से 30 फुट की छलांग लगा सकता है.
(15) बाघ की पैर गदीदार होते है जिसकी सहायता से यह जब भी शिकार करने जाता है तो इसके पैरों की आवाज नहीं होती है.
बागी की जीवन शैली –
बाघ जंगल में एकांत में रहना पसंद करता है यह भारत की लगभग सभी स्थानों पर पाया जाता है लेकिन सुंदरवन जंगल में यह सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है. यह झाड़ियों में छुप कर अपने शिकार का इंतजार करता है और शिकार के आते ही उस पर जोर से झपट्टा मार के उसका शिकार करता है.
एक बाघ अपना क्षेत्र निर्धारित करके रखता है अगर उसमें कोई और बाघ आता है तो उनकी लड़ाई भी हो जाती है यह मांसाहारी होता है इसलिए यह हिरण चीतल, भैंस, गाय, जंगली, सूअर, जिराफ, हाथी का बच्चा, इत्यादि का शिकार करता है.
बाघ की प्रजातियां –
बाघ की कुल 8 प्रजातियां पाई जाती है लेकिन वर्तमान में सिर्फ 6 (बंगाल टाइगर, सुमात्रा बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ, साइबेरियन बाघ, मलयान बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ ) प्रजातियां ही जीवित है. बांध की 3 (जवन बाघ, कैस्पियन बाघ और बाली बाघ) प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है.
हाल ही में चीन के बाघ की विलुप्त उप प्रजाति के डीएनए के अनुसार बाघ के पूर्वज मध्य चीन से भारत आए थे. बाघ की प्रजातियां भारत के अलावा भारत, नेपाल, बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन,भूटान, कोरिया, साइबेरिया, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया में भी पाई जाती है.
भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्व –
भारतीय संस्कृति में बाघ को मां दुर्गा के वाहन के रूप में देखा जाता है भारत के कई स्थानों पर इसकी पूजा भी की जाती है. यह भारत की प्राचीनतम सिंधु घाटी की सभ्यता की मुहर में चित्रित होने वाला मुख्य पशु है.
भारत द्वारा बाघ की प्रजाति को संरक्षण भी दिया गया है साथ ही इसे देश का सम्मान देते हुए राष्ट्रीय पशु की घोषित किया गया है. भारत में बांध की महत्वता इसी से पता लगा सकते हैं कि भारत के नोटों में और डाक टिकटों में भी इसे चित्रित किया गया है.
बाघ का संरक्षण –
बाघ पशुओं में सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजाति है क्योंकि इसका शिकार बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है साथ ही जनसंख्या बढ़ने के साथ इस के रहने का स्थान कम हो गया है इसलिए दिन प्रतिदिन इसकी संख्या में गिरावट आती जा रही है.
भारत सरकार ने बाघ की प्रजाति को बचाने के लिए बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया साथ ही वन्यजीव अधिनियम 1972 को लागू किया गया जिसके तहत अप्रैल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर (बाघ परियोजना) की शुरुआत की गई.
इस परियोजना के तहत 27 आरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की गई जिनका कुल क्षेत्रफल 37,761 वर्ग कि.मी. है. बाघ की सरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 29 जुलाई को बाघ दिवस भी मनाया जाता है.
निष्कर्ष –
भांग हमारे देश के राष्ट्रीय पशु के साथ साथ हमारी शान भी है. यह जंगल का सबसे सुंदर और सबसे ताकतवर पशु है इसके बिना जंगल अधूरा है. बांध के अत्यधिक शिकार के कारण किसकी प्रजाति अब संकट में पड़ गई है इसलिए हमें बांध को बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए.
हमें लोगों को बांध की विशेषता और महत्व बताकर इसकी रक्षा करनी होगी तभी जाकर भविष्य में आने वाली हमारी पीढ़िया बांध को देख पाएंगी.
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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Tiger in Hindi आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
2 thoughts on “बाघ पर निबंध – Essay on Tiger in Hindi”
TIGER HAMARE LIA KYO JARURI HAI ye to bataya hi nahi
Pramod ji Tiger hi nhi parthvi par rahne wala har ek parni hamre liye jaruri hai kyo ki in se hi पर्यावरण चक्र chlta hai.
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Essay on Tiger । बाघ पर निबंध
भारत विविधता का देश है, जहां विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे पशु पक्षी और जीव जंतु पाए जाते हैं। जो इस देश की सुंदरता में चार-चार लगा देते है। भारत में सैकड़ो प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं उनमें से एक भाग भी है। बाघ एक जंगली जानवर है जो की पूरी दुनिया में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। भारत में यह घने जंगलों में भी पाया जाता है, और यह अपने भोजन के लिए दूसरे जानवरों का शिकार करता है इसलिए इसे मांसाहारी जानवर भी कहते हैं। इसके दांत और पंजे बहुत ही नुकीले होते हैं जिसकी मदद से यह जानवरों का शिकार करता है। यह सबसे निर्दयी जंगली पशु माना जाता है, जिससे सभी जानवर भयभीत होते हैं। यह बहुत ही ताकतवर पशु है, जो लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। इनके वजन और आकर उनकी प्रजातियों, उपजातियो और स्थान के अनुसार अलग-अलग है। लेकिन दुर्भाग्य बस आजकल उनकी संख्या दिन पर दिन घटती जा रही है। इनके संरक्षण के लिए सरकार नेशनल पार्क और वन्य जीव अभ्यारण विकसित कर रही है। प्रत्येक वर्ष 2010 से 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाना सुनिश्चित किया गया। इस लेख में हम राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध | Essay on Tiger के बारे में बात करेंगे
About National animal tiger। राष्ट्रीय पशु बाघ के बारे में
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बाग हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है। यह हमारी वन्यजीवो के जीवन को संतुलित रखते हैं, इस प्रकार यह पृथ्वी के संतुलन का भी एक महत्वपूर्ण अवयव है। हमें उनकी सुरक्षा करनी चाहिए ताकि हमारे आने वाली पीढ़ी भी इनके बारे में जान सके और समझ सके। इनके संरक्षण और उनके बारे में लोगों को बताने के लिए ही 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है जिसमें लोगों को जागरूक किया जाता है कि उनको संरक्षित किया जाए क्योंकि यह हमारी प्राकृतिक धरोहर हैं। बाघों की तीन प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं, जिनके नाम हैं- कैस्पियन, बाली और जावन। बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए उन्हें चिड़ियाघर में रखा जाता है, हालांकि वे वहां सहज महसूस नहीं करते हैं। भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम से एक अभियान चलाया जिसके फल स्वरुप उनकी स्थिति में कुछ सुधार आया। राष्ट्रीय पशु के बारे में और भी अच्छे से जानने के लिए अंत तक पढ़े।
Essay on Tiger for Class 1। बाघ पर निबंध कक्षा 1 के लिए
हमारे भारत देश में सैकड़ों प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं जिसमें से एक बाघ भी है। Essay on Tiger
- बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहते है।
- बाघ बिल्ली परिवार का सबसे बड़ा जंगली जानवर है।
- इस दुनिया में प्रत्येक बाघ अद्वितीय है; किन्हीं भी दो बाघों के शरीर पर एक जैसी धारियाँ नहीं पाई जाती है।
- बाघ के पास 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है।
- इनके दांत और पंजे के नाखून काफी नुकीले होते हैं।
- बाघ एक “मांसाहारी” जानवर है। जिसका तात्पर्य है कि अपने भोजन के लिए अन्य जानवरों का शिकार करता है।
- बाघ का शरीर लंबा और मजबूत होता है। यह जंगल के सबसे मजबूत जानवरों में से एक है।
- बाघ “दहाड़ने” की आवाज निकालते हैं जिसे 3 किमी दूर तक सुना जा सकता है।
- बाल जंगल में 26 साल तक जीवित रह सकता है।
- अगर बाघ को चिड़ियाघर में रखा जाए तो 16 से 18 साल तक जीवित रहता है।
10 lines on Tiger। बाघ पर 10 लाइंस
बाघ हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है और उसकी सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है। इस लेख के द्वारा हम आपको बाग पर 10 लाइंस | Essay on Tiger 10 lines लेने बताएंगे यकीनन आपको बाघ के बारे में अच्छी जानकारी मिल जाएगी।
- बाघ बहुत शक्तिशाली और तेज दौड़ने वाला जानवर है।
- मादा बाघ को “बाघिन” कहा जाता है और यह अपनी संतान को जन्म देती है जिसे “शावक” कहा जाता है।
- यह दूसरे पशुओं; जैसे – गाय, हिरन, बकरी, खरगोश (कभी-कभी अवसर के अनुसार मनुष्यों को भी) आदि के खून और मांस का बहुत अधिक शौकीन होता है।
- इनकी आंखें बिल्ली की आंखों के समान होती हैं लेकिन सफेद बाघ की आंखें नीली होती हैं।
- एक बाघ एक दिन में लगभग 25 से 30 किलो तक मांस खा सकता है।
- इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता तेज होती है।
- यह बहुत ही शान्त दिखता है हालांकि, यह बहुत ही चालाक होता है और बहुत अधिक दूरी से भी अपने शिकार को महसूस कर लेता है।
- 2010 से हर साल 29 जुलाई को इनके प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए बाघ दिवस मनाया जाता है।
- बाघ पानी में भी तैरने के शौकीन होते हैं।
- भारत में पहले बाग की नौ प्रजातियां पाई जाती थी जिनमें से अब तीन विलुप्त हो चुके हैं।
Essay on my favourite animal Tiger। मेरे पसंदीदा पशु टाइगर पर निबंध
- मेरा पसंदीदा पशु बाघ है।
- बाघ पूरी दुनिया में पाया जाता है।
- बाघ हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पशु है।
- इसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है।
- बाघ बिल्ली के प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर है।
- बाघ दृष्टि अच्छी होने के कारण या दिन और रात दोनों समय में शिकार कर पाता है।
- यह प्राय रात में शिकार करते हैं और दिन में सोते हैं।
- 29 जुलाई को बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- यह जानवर एकांत में रहना ज्यादा पसंद करता है।
- बाघ जंगल में रहने वाला एक स्तनधारी मांसाहारी पशु है।
- यह बहुत ही शक्तिशाली और साहसी जानवर है।
- यह बहुत ऊंचाई तक चलांग लगा सकता है।
- इनके दहाड़ की आवाज बहुत तेज होती हैं जो दूर-दूर तक सुनाई देती हैं।
- बाघों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने बाघ परियोजना को शुरू किया।
- यह छोटे जानवर जैसे गाय बकरी हिरन आदि का शिकार करके अपना पेट भरता है।
Few lines about tiger। बाघ के बारे में कुछ जानकारी
भारत अनेकता का देश है, यहां न जाने कितने पशु पक्षी पेड़ पौधे पाए जाते हैं। लेकिन हमने भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में आप को ही चुना है। अगर इसके शारीरिक बनावट की बात की जाए तो यह गठीला और मजबूत होता है। इसके शरीर की लंबाई औसतन 7 से 10 फुट होती है। वजन इसका औसतन 300 किलोग्राम से ज्यादा ही होता है। इनके शरीर पर काले और भूरे रंग की धारियां पाई जाती है जो कि लोगों के मन को बहुत ही आकर्षित करती हैं। वहीं कुछ जगहों जैसे साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के भी भाग पाए जाते हैं। बहुत ही ताकतवर और पशु होता है और यह 40 से 55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम होता है। अगर हम मादा बाघ की बात करें तो इनका गर्भकाल 90 से 110 दिन तक चलता है। यह एक साथ दो से तीन शावक को जन्म देती हैं लेकिन जन्म के पश्चात उनकी आंखें बंद होती हैं , जो की 14 से 15 दिनों के बीच में खुद ही खुलती हैं। बाघ पेड़ों पर चढ़ने और पानी में तैरने दोनों में सक्षम होते हैं।
हमारी संस्कृति मे बाघों का महत्व (Importance Of Tigers in our Culture)
हम भारतवासी धर्म और आस्था से बहुत ही ज्यादा जुड़ाव रखते हैं। हम सभी जानते है कि देवी दुर्गा बाघ(Essay on Tiger) की सवारी करती है। इसलिए हमारी संस्कृति में मां दुर्गा के साथ-साथ बाघ की भी पूजा की जाती है। यह देखने में बहुत ही मनोहर और ताकतवर शक्तिशाली होता है जो लोगों को अपनी और बहुत ही आसानी से आकर्षित कर लेता है। इन्हीं कर्म के कारण भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय पशु के रूप में सम्मानित किया है। लेकिन दुर्भग्वश इनकी प्रजातियां दिन प्रतिदिन गायब होती जा रही हैं, जिसका मुख्य कारण इसका अवैध शिकार करना है। बाघ के संरक्षण के लिए 1972 में प्रोजेक्ट टाइगर अभियान शुरू किया गया जो बाघ की सभी प्रजातियों को संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है। पहले भारत में बाघ की नौ प्रजातियां पाई जाती थी जिनमें से तीन अब विलुप्त हो चुकी हैं। इनको सुरक्षित रखने के लिए इनको चिड़ियाघरों में भी रखा जाने लगा लेकिन बाघ वहां पर और सहज महसूस करते हैं।
हमारे पर्यावरण में बाघ का महत्व। Importance of tiger in environment
बाघ संस्कृति के साथ-साथ हमारे पर्यावरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह फूड चेन में सबसे शीर्ष पर होता है। यह जंगल में जानवरों की आबादी को नियंत्रित करता है। क्या छोटे जानवरों का शिकार करता है जिसके कारण जंगल में शाकाहारी जानवर और वनों में संतुलन बना रहता है। ऐसा माना जाता है कि अगर बाग विलुप्त हो गए तो पृथ्वी का संतुलन बिगड़ जाएगा। शाकाहारी जानवर ज्यादा हो जाएंगे और वनों का अभाव हो जाएगा। यदि मनुष्य एक अच्छा जीवन जीना चाहता है तो उसके लिए पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलित होना अनिवार्य है और बाघ ही एक ऐसा प्राणी है जो पूरी पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रख सकता है इसलिए इसको बढ़ाने की और अत्यंत आवश्यकता है।
इस लेख में हमने बाघ पर निबंध | Essay on Tiger के बारे में ढेर सारी बातें बताएं वह बताया कि बाग हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है, और ढेर सारी बाकी विशेषताएं बताई है जिसको पढ़कर आप बाग के बारे में अच्छे से जान सकते हैं अगर यह जानकारी आपको बाग के बारे में जानने में मददगार हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें ।
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बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)
हम विद्यार्थियों की मदद करने के उद्देश्य से यहाँ बहुत से राष्ट्रीय पशु बाघ या बाघ पर निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। आजकल, निबंध और पैराग्राफ लेखन प्रतियोगिता का आयोजन शिक्षकों द्वारा स्कूल और कलेजों में अपने विद्यार्थियों में किसी भी विषय पर कौशल और ज्ञान बढ़ाने के लिए सामान्य रणनीति के रुप में प्रयोग किया जाता है। नीचे दिए गए सभी बाघ पर निबंध सरल और आसान वाक्यों का प्रयोग करके विभिन्न शब्द सीमाओं में विद्यार्थियों की जरूरत और आवश्यकता के अनुसार लिखे गए हैं। इसलिए, वे इनमें से कोई भी राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध अपनी आवश्यकता और जरूरत के अनुसार चुन सकते हैं।
बाघ पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Tiger in Hindi, Bagh par Nibandh Hindi mein)
बाघ पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
भारत में बाघ आमतौर पर सुन्दर वन (असम, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े चीते अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं हालांकि, सभी में रॉयल बंगाल टाइगर सबसे अधिक सुन्दर लगते हैं। बाघों को मारना, उस समय से पूरे देश में निषेध है, जब उनकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट हो रही थी।
बाघ की शारीरिक संरचना और प्रकृति
बाघ राष्ट्रीय पशु है, जो बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह बिल्ली के परिवार के सबसे बड़े जानवर के रुप में जाना जाता है। यह विभिन्न रंगों; जैसे – शरीर पर अलग-अलग काली धारियों के साथ नारंगी, सफेद, और नीला रंग का पाया जाता है। वे ऊपरी तौर पर अलग हो सकते हैं, पर उनके नीचे का पेट वाला भाग एक ही तरह सफेद रंग का होता है। वे प्रजातियों, उपजातियों और स्थानों के आधार पर अलग-अलग आकार और वजन के पाए जाते हैं।
“ प्रोजेक्ट टाइगर”
साइबेरियन टाइगर को सबसे बड़ा बाघ माना जाता है। मादा बाघ, नर बाघ से थोड़ी छोटी होती है। कुछ दशक पहले, बाघों की प्रजाति निरंतर खतरे में थी हालांकि, भारत में “प्रोजेक्ट टाइगर” के कारण स्थिति नियंत्रण में है। पहले मनुष्यों द्वारा उनका शिकार बहुत से उद्देश्यों; जैसे – खेल, परंपरा, चिकित्सक दवाइयाँ आदि के लिए भारी मात्रामें किया जाता था। “प्रोजेक्ट टाइगर” की पहल भारत सरकार के द्वारा अप्रैल 1973 में बाघों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए की गई थी।
बाघों के जीवन को सबसे अधिक खतरा वनों के उन्मूलन के कारण है, जिसके कारण उनकी प्रजातियों को हानि पहुँच रही है और वे दूसरे स्थानों के लिए प्रवास कर रहे हैं। बाघ के राष्ट्रीय महत्त्व को समझते हुए हमें इसके संरक्षण की आवश्यकता है।
निबंध 2 (350 शब्द)
बाघ एक जंगली जानवर है, जिसे भारत में भारतीय सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह सबसे निर्दयी जंगली पशु माना जाता है, जिससे सभी भयभीत होते हैं। यह बहुत ही ताकतवर पशु है, जो लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। यह बहुत ही शान्त दिखता है हालांकि, बहुत ही चालाक होता है और बहुत अधिक दूरी से भी अपने शिकार को पकड़ लेता है। यह दूसरे पशुओं; जैसे – गाय, हिरन, बकरी, खरगोश (कभी-कभी अवसर के अनुसार मनुष्यों को भी) आदि के खून और मांस का बहुत अधिक शौकीन होता है।
बाघ को जंगल का भगवान कहा जाता है, क्योंकि इन्हें देश में जंगली जीवन में धन का प्रतीक माना गया है। बाघ ताकत, आकर्षक, बहुत अधिक शक्ति और चपलता का मिश्रण होता है, जो इसके आदर और सम्मान का बहुत बड़ा कारण है। यह अनुमान लगाया गया है कि, कुल बाघों की संख्या का आधा भाग भारत में रहता है। यद्यपि, पिछले कुछ दशकों में, भारत में बाघों की संख्या में निरंतर बड़े स्तर पर कमी आई है। भारत की सरकार द्वारा “प्रोजेक्ट टाइगर” को 1973 में, देश में शाही पशु के अस्तित्व को बचाने के लिए शुरु किया गया था।
बाघों की प्रजातियाँ
बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ होती हैं और भारतीय प्रजाती को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है। बाघ (उत्तरी-पश्चिमी भाग को छोड़कर) लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं। प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को शुरु करने के कुछ वर्ष बाद ही, भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। 1993 की बाघों की जनगणना के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या लगभग 3,750 थी। प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत लगभग पूरे देश में 23 संरक्षण केन्द्रों (33,406 वर्ग किलो.मी. के क्षेत्र में) की स्थापना की गई थी।
पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है। इस योजना के बाद, 1993 में हुई जनगणना में, बाघों की संख्या में इससे उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। यद्यपि, भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन, इस योजना में व्यय किए गए धन की तुलना में देश में बाघों की संख्या अभी भी संतोषजनक नहीं है।
निबंध 3 (500 शब्द)
बाघ एक जंगली जानवर है और भारत के राष्ट्रीय पशु के रुप में जाना जात है। यह लगभग बिल्ली की तरह होता है क्योंकि यह बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। यह बड़े दाँत और लम्बी पूँछ रखता है। यह विभिन्न रंगों का होता है (जैसे – सफेद, नीला, और नारंगी) हालांकि, सभी के शरीर पर काली धारियाँ होती हैं। यह कुछ ही मिनटों में बड़ी-बड़ी छलांगो के साथ बहुत लम्बी दूरी तक दौड़ सकता है, क्योंकि इसे भगवान द्वारा उपहार के रुप में तेज पंजों के साथ गद्देदार पैर प्रदान किए हैं।
इसके चार दाँत (दो ऊपर के जबड़े में दो नीचे के जबड़े में) बहुत ही नुकीले, तेज और मजबूत होते हैं, जो भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से शिकार करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। बाघ की लम्बाई और ऊँचाई क्रमशः 8 से 10 फिट और 3 से 4 फिट होती है।
मांसाहारी पशु: बाघ
यह एक मांसाहारी पशु है और खून और मांस का बहुत ही शौकीन होता है। यह कभी-कभी जंगल से किसी पशु यहाँ तक कि, मनुष्य को भी भोजन के रुप में खाने के लिए गाँवों की ओर जाते हैं। यह अपने शिकार (जैसे – हिरन, जेबरा और अन्य जानवरों) पर अपनी बहुत मजबूत पकड़ रखता है और उन पर मजबूत जबड़ों और तेज पंजों के माध्यम से अचानक आक्रमण करता है। आमतौर पर, यह दिन के दौरान सोता है और रात के समय शिकार करता है। जंगली जानवरों को भोजन की आवश्यकता और जरूरत के बिना मारना इसकी प्रकृति और शौक है, जो इसकी अन्य जानवरों के सामने ताकत और शक्ति प्रदर्शित करती है। यही कारण है कि, यह बहुत ही क्रूर और निर्दयी पशु के रुप में जाना जाता है।
नर बाघ जन्म के 4-5 साल बाद परिपक्व होते हैं, जबकि मादा 3-4 साल की आयु में परिपक्व हो जाती हैं। संभोग के लिए कोई निश्चित मौसम नहीं होता है। गर्भावस्था अवधि 95-112 दिन की होती है और एक बार में 1-5 बच्चों को जन्म दे सकते है। युवा पुरुष अपनी मां के क्षेत्र को छोड़ देते हैं जबकि महिला बाघ उसके करीब क्षेत्र में ही रहती हैं। भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।
भारत में बाघ आमतौर पर सुन्दर वन (असम, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े चीते अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं हालांकि, सभी में रॉयल बंगाल टाइगर सबसे अधिक सुन्दर लगते हैं। बाघों को मारना, उस समय से पूरे देश में निषेध है, जब उनकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट हो रही थी। अभी तक बाघों की छः जीवित प्रजातियाँ (जैसे – बंगाल टाइगर, साइबेरियन बाघ, सुमनत्रन बाघ, मलयान बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ) पाई जाती है और तीन प्रजातियाँ अभी हाल ही में विलुप्त हो गई हैं (जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर और बाली टाइगर)।
निबंध 4 (600 शब्द)
बाघ बहुत ही हिंसक जानवर है। यह भारतीय सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशु के रुप में घोषित किया गया है। यह इस ग्रह पर सबसे अधिक ताकतवर, शक्तिशाली और आकर्षक पशु माना जाता है। यह घने जंगलों में रहते हैं हालांकि, कभी-कभी वनों की कटाई के कारण भोजन की तलाश में गाँवों और अन्य आवासीय स्थानों में भी घुस आता है। साइबेरियन बाघ आमतौर पर ठंडे स्थानों पर रहते हैं हालांकि, रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ) जंगलों में नदी के किनारे रहते हैं, यही कारण हैं कि, वे अच्छी तरह से तैरना भी जानते हैं।
कुछ दशक पहले, बाघों का लोगों द्वारा अपने विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, जिसमें गैर-कानूनी कार्य भी शामिल है; जैसे – शरीर के अंगों, खाल (त्वचा), हड्डियों, दाँतों, नाखूनों आदि की तस्करी के लिए बड़े स्तर पर शिकार किया जाता था। इसके परिणाम स्वरूप पूरे भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक कमी आई। बाघ अन्य देशों में भी पाए जाते हैं; जैसे – बांग्लादेश, कम्बोडिया, थाइलैंड, लॉस, चीन, इन्डोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, रुस, वियतनाम, भूटान, आदि।
बाघ के भौतिक लक्षण
बाघ एक मांसाहारी जानवर है, जो रात को शिकार करता है हालांकि, दिन में सोता है। बाघ बहुत ही मजबूत और ताकतवर शरीर रखता है, जिसकी सहायता से ये बहुत ऊँचाई तक (लगभग 7 फिट तक) छलांग सकता है और बहुत अधिक दूरी तक (लगभग 85 किलो/घंटा की रफ्तार से) दौड़ सकता है। इसके नीले, सफेद और नारंगी शरीर पर काली धारियाँ इसे वास्तव में, आकर्षक और सुन्दर बनाती है। इसे बहुत अधिक दूरी से अपने शिकार को पकड़े के लिए प्राकृतिक रुप से मजबूत जबड़े, दाँत और तेज पंजे प्राप्त है। यह माना जाता है कि, इसकी लम्बी पूँछ, शिकार के पीछे भागते हुए इसका नियंत्रण बनाए रखती है। एक बाघ लगभग 13 फिट लम्बा और 150 किलो वजन का होता है। एक बाघ को उसके शरीर पर अद्वितीय धारियों से पहचाना जा सकता है। शरीर पर बनी धारियां प्रत्येक बाघ के लिए विशिष्ट होती है जो उनकी पहचान में मदद करती है।
एक राष्ट्रीय पशु के रुप में टाइगर (बाघ)
बाघ को इसी शक्ति, ताकत और चपलता के कारण भारत का राष्ट्रीय पशु चुना गया है। यह अपने जंगल का राजा और रॉयल बंगाल टाइगर के जैसे नामों के कारण भी राष्ट्रीय पशु चुना गया है।
प्रोजेक्ट टाइगर क्या है ?
प्रोजेक्ट टाइगर भारतीय सरकार के द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है। यह अभियान भारत में बाघों की संख्या को बनाए रखने और उन्हें सुरक्षित करने के लिए शुरु किया गया है। इस अभियान की शुरुआत 1973 में बाघों को विलुप्त होने के संकट से बचाने के लिए की गई थी। यह योजना देश में बचे हुए बाघों को सुरक्षित करने के साथ ही उनकी प्रजाति में प्रजनन के माध्यम से संख्या में वृद्धि करने पर केन्द्रित है। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है। इस योजना के बाद, 1993 में हुई जनगणना में, बाघों की संख्या में इससे उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। यद्यपि, भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन, इस योजना में व्यय किए गए धन की तुलना में देश में बाघों की संख्या अभी भी संतोषजनक नहीं है।
भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्व
भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।
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- Essays in Hindi /
Essay on Tiger : राष्ट्रीय पशु बाघ पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध, यहाँ देखें सैम्पल्स
- Updated on
- जुलाई 27, 2024
बाघ, जिसे जंगल का राजा कहा जाता है, भारतीय वन्यजीवन का एक प्रमुख प्रतीक है। उसकी ताकत, गरिमा, और सुंदरता उसे विशेष बनाती है। बाघ न केवल हमारे जंगलों की शोभा है, बल्कि वह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। लेकिन आज बाघों की संख्या में कमी आ रही है, जो हमारे लिए चिंता की बात है। ऐसे में बाघों का संरक्षण बहुत जरूरी है। हमें उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा करनी चाहिए और अवैध शिकार को रोकना चाहिए। बाघों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में भी विद्यार्थियों को निबंध लिखने को दिया जाता है। इस ब्लॉग में आपको 100, 200 और 500 शब्दों में बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi) के कुछ सैम्पल्स दिए गए हैं।
This Blog Includes:
बाघ पर 100 शब्दों का निबंध, बाघ पर 200 शब्दों का निबंध, बाघों की घटती आबादी है चिंताजनक , उपसंहार , बाघ पर निबंध कैसे तैयार करें.
100 शब्दों में बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi) कुछ इस प्रकार है –
बाघ एक प्राचीन वन्यजीवी है जो भारत के घने जंगलों में पाया जाता है। यह एक बड़ा और शक्तिशाली प्राणी है जो मांसाहारी होता है। इसकी सुंदरता, वेग, और चालाकी के लिए इसे जंगल के राजा के रूप में जाना जाता है। बाघ की खाल की चमक, भूरे धारदार सिर पर सिक्का, और विशाल पंजे इसकी पहचान हैं। यह अकेले रहने वाला प्राणी है और रात को शिकार करते हैं। दुर्भाग्यवश आजकल इसकी संख्या घट रही है, इसलिए हमें बाघ को संरक्षित करने के लिए कदम उठाने की ज़रूरत है।
यह भी पढ़ें : International Tiger Day GK Questions in Hindi: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस से जुड़े इन सवालों के जवाब जानते है आप?
200 शब्दों में बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi) कुछ इस प्रकार है –
भारत के जंगलों का राजा, बाघ अपनी शक्ति और साहस के लिए जाना जाता है। इसकी खूबसूरत धारीदार खाल और शक्तिशाली शरीर इसे जंगल का सबसे खूबसूरत प्राणी बनाते हैं। बाघ एक मांसाहारी जानवर है और अपने शिकार, जैसे कि हिरण, सांभर और नीलगाय को पकड़ने के लिए अपनी तेज गति और शक्तिशाली पंजों का उपयोग करता है। अपनी रॉयल उपस्थिति के कारण, बाघ को भारत के वन्यजीवों का गौरव माना जाता है। हमारे प्राकृतिक संसाधनों के अधिकांश खोने से, बाघों की संख्या में गिरावट हो रही है। वन्यजीवी संरक्षण के लिए, हमें उनके लिए उचित आवास और संरक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए। बाघों की चोरी, विकसित इलाकों का विस्तार और विविधता के नुकसान से उन्हें बचाने के लिए हमें संवेदनशीलता और कदम उठाने की आवश्यकता है। बाघ हमारे पृथ्वी के संतुलन का महत्वपूर्ण अंग हैं, जो वन्यजीवी जीवन को संभालते हैं। हमें बाघों को संरक्षित रखकर अपनी प्राकृतिक धरोहर की रक्षा करनी चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी उनका सौंदर्य और गरिमा देखने का अवसर मिले।
बाघ पर 500 शब्दों का निबंध
500 शब्दों में बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi) कुछ इस प्रकार है –
बाघ भारतीय जंगलों का राजा माना जाता है। यह वन्यजीवन का अद्वितीय प्रतीक है और अपनी शक्ति, साहस, और सुंदरता के लिए जाना जाता है। बाघ का वैज्ञानिक नाम Panthera tigris है। बाघ की खासियत उसकी राजसी और महान छवि है, जो उसे जंगल का शासक बनाती है। इसका शरीर लंबा और पतला होता है, जिसमें पीली और काली धारियाँ होती हैं, जो इसे सुंदर बनाती हैं। बाघ की चमकदार आंखें और खूबसूरत खाल उसकी आकर्षकता को बढ़ाती हैं। इसके पंजे भी विशाल होते हैं, जो इसे भव्य बनाते हैं। बाघ का चलना चपल और चालाक होता है, जिससे वह शिकार में सफल रहता है।
बाघ एक खुशहाल परिवारिक जीवन भी जीते हैं। यह जानवर अक्सर वन्यजीवी अभयारण्यों में जाकर अपने बच्चों को पालते है। समुदाय में बाघ की संख्या कम होने के कारण उसके जीवन को संरक्षित करने के लिए संशोधित कानून बने हैं और कई वन्यजीवी अभयारण्यों का निर्माण हुआ है।
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वन्यजीवी संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हमें बाघों को सुरक्षित रखने के लिए सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है। जंगलों के कटाव से उनके आवास को खोने के कारण उन्हें शिकार करने की आसानी हो जाती है, जिससे उनकी संख्या में गिरावट होती है। हमें उचित संरक्षण योजनाएं बनानी चाहिए जो बाघों के लिए सुरक्षित आवास उपलब्ध कराएं, जिससे उनका अंतरिक्ष संभाला जा सके।
बाघों के लिए वन्यजीवी अभयारण्यों का निर्माण और उनकी व्यवस्था करने से बाघों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इन अभयारण्यों में बाघों के लिए आवास, प्राकृतिक शिकार और पानी की उपलब्धता होनी चाहिए। साथ ही इन अभयारण्यों की निगरानी और प्रबंधन के लिए अधिक कर्मियों को भर्ती करना चाहिए।
वन्यजीवी संरक्षण के लिए संबंधित सरकारी विभागों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समुदायों, और अन्य संबंधित संगठनों को सहयोगी बनाना भी जरूरी है। इन संगठनों के सहयोग से वन्यजीवी संरक्षण और बाघों की संरक्षा में बेहतरी हो सकती है।
वन्यजीवी संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए। लोगों को बाघों के महत्व के बारे में शिक्षित करना और उन्हें बाघों के संरक्षण में सहयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में वन्यजीवी संरक्षण के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, बाघों की जानकारी और संरक्षण के लिए विभिन्न मीडिया जैसे पुस्तकें, वीडियो, डॉक्यूमेंट्री, और फिल्में बनाने में सक्रिय भूमिका निभाना चाहिए। इससे लोगों में बाघों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और उन्हें संरक्षण के लिए उत्साहित किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : Facts About Tiger : बाघों के बारे में हैरान कर देने वाले तथ्य
वन्यजीवी संरक्षण के लिए बाघों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखना भी महत्वपूर्ण है। वन्यजीवी अभयारण्यों के बढ़ते जमीनी इकट्ठे भंग को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, बाघों के लिए प्राकृतिक शिकार उपलब्ध रखने के लिए उचित प्रबंधन करना चाहिए ताकि उन्हें उपयुक्त पोषण मिल सके।
बाघ पर निबंध कैसे लिखें, इसके बारे में नीचे बताया गया है-
- निबंध लिखने के लिए सबसे पहले स्ट्रक्चर बनाएं।
- स्ट्रक्चर के अनुसार जानकारी इक्कठा करें।
- कोई भी जानकारी निबंध में लिखने से पहले उसकी अच्छी तरह से पुष्टि कर लें।
- निबंध लिखने से पहले ध्यान रखें कि भाषा सरल हों।
- निबंध का शीर्षक आकर्षक बनाएं।
- निबंध की शुरुआत प्रस्तावना से करें और निबंध का अंत निष्कर्ष से।
- निबंध में शब्द चिन्ह का खास ध्यान रखें।
- अलग-अलग अनुच्छेद को एक-दूसरे से जोड़े रखें।
भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर है।
साल 1972 तक शेर ही भारत देश का राष्ट्रीय पशु हुआ करता था।
बाघ गणना के अनुसार भारत में बाघ की संख्या 2,967 है, जो विश्व की संख्या का लगभग 75 प्रतिशत से अधिक है।
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बाघ पर निबंध (Essay On Tiger In Hindi)
In this Article
बाघ पर 5 लाइन (5 Lines On Tiger In Hindi)
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भारत विविधता का देश है, जहां पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों और जीव-जंतु आदि की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं, जो इस देश की सुंदरता को और अधिक बढ़ाता है और इन्हें देख कर आनंद महसूस होता है। इस लेख में हम राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी निबंध कैसे लिखना यह बताएंगे, लेकिन उससे पहले बाघ कैसा जानवर है आइए यह जानते हैं! बाघ को भारत सरकार द्वारा देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह बहुत प्रसिद्ध और शक्तिशाली जानवर है जो अपनी तेजी, फुर्तीलापन और ताकत के लिए जाना जाता है। यह एक मांसाहारी जानवर है जिसके चार पैर, दो कान-आंखें और एक पूँछ होती है। इनके दांत बेहद नुकीले और मजबूत होते हैं जिससे ये शिकार करते हैं। दुनिया भर में बाघों की विभिन्न प्रजातियां और उप-प्रजातियां पाई जाती हैं। विश्व बाघ गणना के अनुसार इन दिनों इनकी संख्या काफी कम होती जा रही है और धरती पर इनका जीवन बचाने के लिए संरक्षण करने की जरुरत होगी। भारत में बाघों की लगातार घटती संख्या की वजह से भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम से एक अभियान चलाया था और इसके कारण ही आज भारत में बाघों की मौजूदा स्थिति पहले से कुछ बेहतर है। बाघ पर एक बेहतरीन अनुच्छेद पढ़ने लिए लेख अंत तक पढ़ें।
नीचे 5 पक्तियों में बाघ पर निबंध दिया गया है, जो बेहद सरल भाषा में लिखे गई पंक्तियां लिखी गई हैं।
- बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है।
- बाघ, बिल्ली की प्रजाति का जानवर होता है।
- इसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है।
- इनके दांत और नाखून काफी नुकीले होते हैं।
- बाघ एक जंगली मांसाहारी जानवर है।
यहां आपको बाघ के बारे में निबंध दिया गया है, जो 10 लाइन में है और आसान भाषा में बताया गया है। तो आइए राष्ट्रीय पशु पर 10 लाइन का निबंध पढ़ते हैं।
- बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहते है।
- यह काफी फुर्तीले होते हैं और पेड़ पर आसानी से चढ़ जाते हैं।
- ये बहुत शक्तिशाली और तेज दौड़ने वाला जानवर है।
- बाघ पानी में भी तैर सकते हैं।
- यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं।
- इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं।
- इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता तेज होती है।
- बाघ की आयु औसतन 11 से 15 साल तक होती है।
- 2010 से हर साल बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।
क्या आपका बच्चा बाघ पर निबंध लिखना चाहता है, तो यह शार्ट एस्से क्लास 1,2,3,4,5,6,7, 8, 9 ओर 10 में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यह निबंध एक सैंपल के रूप में दिया गया है। इसका उपयोग आप शार्ट कम्पोजिशन के रूप में भी कर सकते हैं।
भारत में सैकड़ों प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं जिसमें से एक बाघ भी है। बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। यह बाघ, बिल्ली की प्रजाति का जानवर होता है। जिसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज और नाखून काफी नुकीले होते हैं। यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं और इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं। इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता काफी तेज होती है। बाघ बहुत फुर्तीले होते हैं और बड़ी आसानी से पेड़ या ऊंचाई पर चढ़ सकते हैं। ये ताकतवर और तेज दौड़ने वाला जानवर होता है और यह पानी में भी तैर सकते हैं। इनकी आयु औसतन 11 से 15 साल तक होती है। बाघ एक जंगली मांसाहारी जानवर है, क्योंकि यह केवल मांस का ही सेवन करते हैं। जिसमें यह छोटे जानवरों जैसे बकरी, गाय, हिरण आदि का शिकार करके अपना पेट भरते हैं। इनका शिकार करने का तरीका बहुत ही अनोखा होता है। पहले ये अपने शिकार को छुपकर देखते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी तरफ आगे बढ़ते हैं और पास पहुंचते ही अचानक से हमला कर देते हैं। इनके पंजों की पकड़ बहुत मजबूत होती है। इसलिए पहले के समय बाघ का शिकार करना बड़ी उपलब्धि माना जाता था और राजा महाराजा बाघ का शिकार करने में रुचि रखते थे। समय के साथ बाघ की नौ प्रजातियों में से अब तक 3 विलुप्त हो चुकी हैं, 1973 में जांच के दौरान पाया गया कि बाघों की अनुमानित संख्या कम होकर 5000 से 1827 हो गई जो चिंता का विषय था। जिसमें जंगलों की बढ़ती हुई कटाई और व्यापार के लिए बाघ की खाल का उपयोग, चीनी दवाओं के लिए इनकी हड्डियों का उपयोग के कारण इनका अवैध रूप से शिकार करना है, संकुचित आवास, मानव जाती की बढ़ती आबादी आदि कारणों से इनके संरक्षण को लेकर तेजी से जागरूकता बढ़ी और 197 में ही बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) शुरू किया जिसमें सभी प्रजातियों के बाघ को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया। ताकि आने वाली पीढ़ी भी बाघ की विभिन्न प्रजातियों से परिचित हो सके। 2010 से हर साल बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।
बाघ पर निबंध या भाषण के लिए दिए गए अनुछेद को पढ़ें। अक्सर स्कूल व कॉलेज स्तर पर ऐसी प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जो भारत राष्ट्र के विषय से जुड़ी हुई हो, यहां आपको भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी में निबंध दिया गया है। जो आपको 400 से 600 शब्दों की सीमा में एक बेहतरीन लॉन्ग एस्से उपलब्ध कराता है:
भारत अनेकता का देश है, विभन्नता का देश जहां न जाने कितनी प्रजातियों के पशु-पक्षी, जीव- जंतु और पेड़-पौधों व अन्य प्राणियों का वास है। लेकिन सैकड़ों प्रजातियों में से भारत ने जिसे अपना राष्ट्रीय पशु चुना वो बाघ है। यह बड़ी बिल्ली की प्रजाति में आते हैं। इनकी शारीरिक संरचना की बात की जाए तो इनके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज, जीभ कांटेदार और नाखून काफी नुकीले होते हैं, जिसकी मदद से यह अपने शिकार पर पकड़ बनाएं रहते हैं। यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं और इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं। बाघ की सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता अच्छी होती है, जो इन्हे अपना शिकार पकड़ने व खतरे से बचने में मदद करता है। यह औसतन 11 से 15 साल तक जीवित रहते हैं। इनका भोजन छोटे जानवर जैसे बकरी, हिरण आदि होते हैं। बाघ की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें से 3 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं, 1973 में इस बात को गंभीरता से लिया गया और भारत सरकार बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) के तहत बाघ की सभी प्रजातियों को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया।
बाघ की शारीरिक बनावट (Body Structure of Tiger)
बाघ की शारीरिक बनावट का वर्णन करें तो इनके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज, जीभ कांटेदार और नाखून काफी नुकीले होते हैं। बाघ का शरीर काफी शक्तिशाली और मजबूत काठी का होता है। यह काफी फुर्तीले होते हैं और बहुत तेज दौड़ने वाले जानवर के रूप में जाने जाते हैं। यह हमेशा मांस का सेवन करते हैं इसलिए इनका शरीर काफी गठीला और मजबूत होता है। इनके शरीर की लंबाई 7 से 10 फुट तक होती है और इनका वजन लगभग 350 किलो या उससे ज्यादा भी हो सकता है। इनके शरीर पर काले और भूरे रंग की धारियां बनी होती है। हालांकि कई जगहों पर जैसे साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के बाघ पाए जाते हैं।
बाघ की विशेषताएं (Characteristics Of Tiger)
बाघ काफी ताकतवर पशु होता है और ये करीब 40-55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज दौड़ सकता है, लेकिन इनका शरीर बहुत भारी होता है इन्हें तेज दौड़े वाले जानवर की श्रेणी में गिना जाता है। इनका जीवनकाल लगभग 10 से 15 साल तक का होता है, लेकिन चिड़ियाघर में रहने वाले बाघ अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं। यह ज्यादा से ज्यादा 25 साल तक जिंदा रह सकते हैं। इनकी दिनभर की खुराक में कम से कम 20 से 30 किलो तक मांस होता है। मादा बाघ की बात की जाए तो इनका गर्भकाल 90 से 115 दिन तक चलता है और ये एक साथ 2 से 3 बच्चो को जन्म दे सकती हैं। मादा बाघ के बच्चे 14 से 15 दिन के अंदर ही अपनी आंख खोल लेते हैं, इनकी एक खासियत यह है कि ये पेड़ या ऊंचाई पर बहुत आसानी से चढ़ जाते हैं और पानी में तैर भी सकते हैं।
भारतीय संस्कृति मे बाघों का महत्व (Importance Of Tigers in Indian Culture)
भारत में धर्म और आस्था से कई लोग गहरा जुड़ाव रखते हैं और भारतीय संस्कृति के अनुसार बाघ को देवी दुर्गा की सवारी के रूप जाना जाता है। माँ दुर्गा की पूजा के साथ बाघ की भी पूजा की जाती है। भारत में ऐसी कई जगह हैं, जहां पर बाघों को पूजा जाता है। बाघ की मनोहरता, ताकत, फुर्तीलेपन और शक्तिशाली होने कारण उसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु से सम्मानित किया गया।
निष्कर्ष (Conclusion)
बाघ को हमारे देश का राष्ट्रीय पशु और शान माना जाता है। यह बाकी जानवरों की तुलना मे सबसे ज्यादा शक्तिशाली पशुओं मे से एक है, लेकिन इनकी प्रजातियां दिन प्रतिदिन गायब होती जा रही हैं, जिसका मुख्य कारण इसका अवैध शिकार करना है। बाघ के संरक्षण के लिए 1972 में प्रोजेक्ट टाइगर अभियान शुरू किया गया जो बाघ की सभी प्रजातियों को संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है। आने वाले समय मे हमारी पीढ़ियां भी बाघ की प्रजातियों को देख सके, इसके लिए उनका संरक्षण जरूरी है।
- बाघ की सुनने की शक्ति तीर्व होती है और वह हवा से हिलने वाले पत्तों और घास पर किसी के चलने की आवाज में फर्क समझ सकते हैं।
- बाघ को सबसे बड़ा मांसाहारी जानवर माना जाता है।
- चिड़ियाघर में रहने वाले बाघ अपनी उम्र से दुगनी उम्र तक जीवित रहते हैं।
- बाघ एक बार में 27 किलो तक मांस खा सकते हैं।
- बाघ के शरीर का सबसे मजबूत अंग उनके पैर होते हैं।
- इंसान की तरह बाघ की धारियों के फिंगरप्रिंट भी यूनिक होते हैं।
- भारत के कर्नाटक में बाघों की संख्या सबसे अधिक पाई जाती है।
- बाघ की आवाज को करीब तीन किलोमीटर तक सुना जा सकता हैं।
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है और हमारे बच्चों को देश के राष्ट्रीय पशु के बारे में सभी जानकारी होना चाहिए। बाघ पर लिखे गए इस निबंध से बच्चों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी और साथ ही वो खुद भी इस एस्से सैंपल की मदद से बाघ पर एक बेहतरीन लेखन तैयार कर सकते हैं।
बाघ से जुड़े ऐसे कई सवाल होंगे जो आप जानना चाहते होंगे। आइए देखते हैं आखिर वह सवाल कौन से हैं।
1. बाघ का वैज्ञानिक नाम क्या है?
बाघ को वैज्ञानिक तौर पर पैंथेरा टाइग्रिस के नाम से जाना जाता है।
2. एक बाघ के शरीर पर लगभग कितनी धारियां होती हैं?
बाघ के शरीर में लगभग 100 धारियां होती हैं।
3. दुनिया का सबसे बड़ा बाघ कौन सा है?
साइबेरिया का बाघ दुनिया का सबसे बड़ा बाघ है।
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बाघ पर निबंध
By विकास सिंह
विषय-सूचि
राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध, short essay on tiger in hindi (100 शब्द)
बाघ (राष्ट्रीय पशु) का प्राणि नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह एक मांसाहारी जानवर है जो स्तनपायी की श्रेणी में आता है क्योंकि यह एक बच्चे को जन्म देता है। यह बिल्ली परिवार का सबसे बड़ा जीवित सदस्य है। यह पूरे एशिया में विशेष रूप से भूटान, चीन, भारत और साइबेरिया जैसे देशों में पाया जाता है।
बंगाल के बाघ आम तौर पर बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन (पानी से भरे जंगल) में पाए जाते हैं, जिनमें अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भी शामिल हैं। वे विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं विशेष रूप से सफेद, नीले और नारंगी काली पट्टियों के साथ पाए जाते हैं। उनके ऊपरी शरीर पर काली धारियां शिकार करते समय उन्हें दूर छिपाने में मदद करती हैं। प्रत्येक और हर बाघ के शरीर पर धारियों के विभिन्न पैटर्न होते हैं।
बाघ पर निबंध, essay on tiger in hindi (150 शब्द)
बाघ भारत का एक राष्ट्रीय पशु है। अपने शाही लुक के कारण इसे देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह अपनी कृपा, शक्ति और चपलता के लिए जाना जाने वाला बहुत प्रसिद्ध और मजबूत जानवर है। यह एक एशियाई मांसाहारी जानवर है, जिसे पैंथेरा टाइग्रिस नाम दिया गया है।
बाघों की विभिन्न प्रजातियाँ और उप-प्रजातियाँ दुनिया भर में पाई जाती हैं। टाइगर दुनिया भर में जानवरों की एक लुप्तप्राय प्रजाति है, लेकिन दुनिया भर में कुछ लोगों को छोड़ दिया जाता है, जिन्हें पृथ्वी पर अपना जीवन बचाने के लिए हमें किसी भी तरह से संरक्षण करना होगा।
भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम से एक कार्यक्रम चलाया है ताकि भारत में लगातार घटती बाघों की आबादी को बनाए रखा जा सके। यह खुशी की बात है कि प्रोजेक्ट टाइगर अभियान के कारण, भारत में बाघों की आबादी अब एक आरामदायक स्थिति में है।
बाघ पर निबंध, essay on tiger in hindi (200 शब्द)
बाघ एक राष्ट्रीय पशु है जो बिल्ली परिवार से संबंधित है। बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। इसे बिल्ली परिवार के सबसे बड़े जानवर के रूप में जाना जाता है। यह विभिन्न रंगों में पाया जाता है जैसे कि नारंगी, सफेद और नीले रंग की काली धारियाँ।
प्रत्येक और हर बाघ के शरीर पर अलग-अलग काली धारियाँ होती हैं। वे बाहर अलग हो सकते हैं लेकिन पेट के नीचे का हिस्सा सफेद हो जाता है। बंगाल टाइगर्स की उत्पत्ति साइबेरिया में हुई थी, लेकिन वे ठंडी जलवायु के कारण दक्षिण में चले गए थे। अब, रॉयल बंगाल टाइगर की प्राकृतिक विरासत भारत है। बंगाल टाइगर्स 7 से 10 फीट लंबा और 350 से 550 पाउंड वजन का हो सकता है।
वे उप-प्रजाति और उनके द्वारा पाए गए स्थानों के आधार पर आकार और वजन में भिन्न होते हैं। साइबेरियाई बाघों को सबसे बड़ा बाघ माना जाता है। मादा को नर से छोटा माना जाता है। कुछ दशक पहले, बाघ एक भारतीय अभियान “प्रोजेक्ट टाइगर” के कारण लगातार खतरे में पड़ रहे थे, भारत में बाघों की स्थिति नियंत्रण में है।
इससे पहले वे खेल, पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों आदि जैसे उद्देश्यों के लिए आदमी द्वारा बहुत अधिक शिकार किए गए थे टाइगर प्रोजेक्ट टाइगर ’को उनकी संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए अप्रैल 1973 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। समस्या जैसे वनों की जनसँख्या में वृद्धि इनके लिए बड़ी सम्याएं हैं जिससे इनकी संख्या काम होती जा रही है।
बाघ पर निबंध, essay on tiger in hindi (250 शब्द)
बाघ एक जंगली जानवर है जिसे भारत सरकार ने भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया है। यह सबसे क्रूर जंगली जानवर माना जाता है जिससे सभी को डर है। यह एक बहुत मजबूत जानवर है जो लंबी दूरी तक कूद सकता है। यह बहुत ही शांत लग रहा है लेकिन बहुत चालाक है और अचानक लंबी दूरी से अपने शिकार को पकड़ सकता है।
यह अन्य जंगली जानवरों जैसे गाय, हिरण, बकरी, कुत्ते, खरगोश, (कभी-कभी मनुष्य के अनुसार मौका के अनुसार) के खून और मांस का बहुत शौकीन हो जाता है, आदि बाघों को जंगल का स्वामी कहा जाता है क्योंकि वे वन्यजीवों के धन का प्रतीक हैं देश।
यह अनुग्रह, प्रचंड शक्ति और चपलता का संयोजन है, जो इसके सम्मान और उच्च सम्मान का बड़ा कारण है। यह अनुमान है कि भारत में बाघों की कुल आबादी का लगभग आधा हिस्सा रह रहा है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में, भारत में बाघों की आबादी बहुत हद तक कम हो रही थी। देश में इस शाही जानवर के अस्तित्व की रक्षा के लिए 1973 में भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया था।
बाघ की लगभग आठ नस्लें हैं और रॉयल बंगाल टाइगर नाम की भारतीय जाति लगभग पूरे देश (उत्तर-पश्चिमी राज्य को छोड़कर) में पाई जाती है। प्रोजेक्ट टाइगर के लॉन्च के कुछ वर्षों बाद, भारत में बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। 1993 की जनगणना के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या लगभग 3,750 थी। पूरे देश में प्रोजेक्ट टाइगर के अभियान के तहत लगभग 23 बाघ अभयारण्य (33,406 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करते हुए) बनाए गए हैं।
राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध, essay on national animal tiger in hindi (300 शब्द)
बाघ एक जंगली जानवर है और लोकप्रिय रूप से भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में जाना जाता है। यह लगभग बिल्ली के समान है क्योंकि यह बिल्ली परिवार से संबंधित है। इसे बिल्ली परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति के रूप में जाना जाता है। इसके बड़े दांत और एक लंबी पूंछ होती है।
यह विभिन्न रंगों (जैसे सफेद, नीला और नारंगी) का हो सकता है, हालांकि सभी के शरीर पर काली धारियां होती हैं। यह कुछ ही मिनटों में विशाल छलांग के साथ लंबी दूरी तक चला सकता है क्योंकि इसमें एक भगवान को तेज पंजे के साथ गद्देदार पैर दिए गए हैं।
इसके चार दांत (ऊपरी और दो निचले जबड़े में) बहुत भारी और मजबूत होते हैं ताकि एक भारी शिकार को अपनी भारी जरूरत को पूरा करने के लिए हड़प सकें। एक बाघ की लंबाई और ऊंचाई क्रमशः 8 से 10 फीट और 3 से 4 फीट हो सकती है।
यह एक मांसाहारी जानवर है और रक्त और मांस का बहुत शौकीन है। कभी-कभी, यह भोजन की तलाश में घने जंगलों से गांवों में आता है और यहां तक कि किसी भी जानवर को खाते हैं। यह अपने शिकार (जैसे हिरण, ज़ेबरा और अन्य जानवरों) पर अपने मजबूत जबड़े और तेज पंजे के माध्यम से अचानक एक ठोस पकड़ बनाता है।
आमतौर पर, यह दिन के समय में सोता है और शिकार को पकड़ने में सुगमता के कारण रात के समय में शिकार करता है। भोजन की आवश्यकता के बिना जंगली जानवरों को मारना इसकी प्रकृति और शौक है जो अन्य जानवरों के सामने जंगल में अपनी मजबूती और शक्तिशाली होने को दर्शाता है। इसीलिए, इसे बहुत क्रूर और हिंसक जंगली जानवर के रूप में जाना जाता है।
भारत में, बाघ आमतौर पर सुंदरवन (असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत, आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े आकार के बाघ अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं लेकिन रॉयल बंगाल टाइगर्स सभी में सबसे सुंदर दिखते हैं। बाघों की हत्या पूरे देश में उस समय से प्रतिबंधित है जब बाघों की संख्या बहुत तेजी से घट रही थी।
बाघों की छह जीवित उप-प्रजातियां पाई जाती हैं (जैसे कि बंगाल टाइगर, साइबेरियन टाइगर, सुमात्राण टाइगर, मलायन टाइगर, इंडो-चाइनीज टाइगर, और साउथ-चाइनीज टाइगर) और तीनों को हाल ही में विलुप्त किया गया है (जैसे कि जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर, और बाली बाघ)।
बाघ पर निबंध हिंदी में, essay on tiger in hindi language (400 शब्द)
बाघ बहुत ही हिंसक जंगली जानवर है। इसे भारत सरकार ने भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया है। यह इस ग्रह पर सबसे मजबूत, शक्तिशाली और सबसे सुंदर जानवर माना जाता है। यह घने जंगल में रहता है, लेकिन कभी-कभी भोजन या वनों की कटाई की तलाश में गांवों और अन्य आवासीय स्थानों पर आ जाता है।
साइबेरियन टाइगर्स आमतौर पर ठंडी जगहों पर रहने के लिए होते हैं, लेकिन रॉयल बंगाल टाइगर्स जंगल में नदी के पास है, इसलिए वे तैरना अच्छी तरह जानते हैं। कुछ दशक पहले, बाघों को लोगों द्वारा शिकार करने के लिए काफी हद तक अपने शरीर के अंगों जैसे त्वचा, हड्डियों, दांतों, नाखूनों आदि के अवैध कारोबार सहित कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए शिकार किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप पूरे भारत में बाघों की आबादी में भारी कमी आई। ।
बाघ अन्य देशों जैसे बांग्लादेश, कंबोडिया, थाईलैंड, लाओस, चीन, इंडोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, रूस, वियतनाम, भूटान, आदि में भी पाए जाते हैं। बाघ एक मांसाहारी जानवर है जो रात में शिकार करता है लेकिन दिन के लिए सोता है। टाइगर के पास एक मजबूत और शक्तिशाली शरीर है, जिसके उपयोग से वह उच्च लंबाई (लगभग 7 फीट) तक कूद सकता है और लंबी दूरी (लगभग 85 किमी / घंटा) तक दौड़ सकता है।
उनके नीले, सफेद या नारंगी शरीर पर काली धारियां उन्हें वास्तव में आकर्षक और सुंदर बनाती हैं। लंबी दूरी से अपने शिकार को काबू करने के लिए इसमें स्वाभाविक रूप से मजबूत जबड़े, दांत और तेज पंजे होते हैं। यह माना जाता है कि इसकी लंबी पूंछ शिकार को शिकार करते समय संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। एक बाघ की लंबाई लगभग 13 फीट और वजन 150 किलोग्राम हो सकता है। बाघों को ऊपरी शरीर पर धारियों के अपने अद्वितीय पैटर्न द्वारा पहचाना जा सकता है।
राष्ट्रीय पशु के रूप में बाघ:
टाइगर को उसकी शक्ति, ताकत और चपलता के कारण सरकार द्वारा भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में चुना गया था। यह जंगल के राजा और रॉयल बंगाल टाइगर जैसे अपने अच्छे नामों के कारण भी चुना गया था।
क्या है प्रोजेक्ट टाइगर:
प्रोजेक्ट टाइगर भारत सरकार द्वारा देश में बाघों की आबादी को बनाए रखने के लिए चलाया गया एक अभियान है। यह बाघों को विलुप्त होने के अत्यधिक खतरे से बचाने के लिए 1973 में स्थापित किया गया था। यह परियोजना पूरे देश में शेष बाघों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ प्रजातियों के प्रजनन के माध्यम से उनकी संख्या बढ़ाने के लिए बनाई गई थी।
उनके लिए सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए पूरे देश में लगभग 23 बाघ आरक्षित किए गए हैं। इसे देश में 1993 तक बाघों की आबादी में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। हालांकि जनसंख्या में वृद्धि के बावजूद, परियोजना में लगाए गए प्रयासों और धन की तुलना में देश में बाघों की आबादी अभी भी संतोषजनक नहीं है।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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आपने बहुत ही अच्छा निबंध लिखा है ये बच्चो को अच्छे अंक लेन में मदद करेगा | धन्यवाद!
आपने बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है। इस जानवर के बारे में रोचक जानकारी शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद
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बाघ पर निबंध | Essay On Tiger In Hindi Language
Essay On Tiger In Hindi Language : दोस्तों आज हम आपके साथ राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध भाषण अनुच्छेद साझा कर रहे हैं. Tiger Essay Hindi में हम बाघ के बारे में निबंध पढेगे.
कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए सरल भाषा में टाइगर पर निबंध बता रहे हैं. 100, 150, 200, 250,300, 400 और 500 शब्दों में बाघ का निबंध नीचे दिया गया हैं.
बाघ पर निबंध Essay On Tiger In Hindi Language
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बाघ पर निबंध 100 शब्द
बाघ अर्थात बंगाली टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु हैं. जंगल की शान कहा जाने वाला बाघ सर्वाधिक शक्तिशाली व आकर्षक वन्य प्राणी हैं. पीले व हल्के भूरे रंग के शरीर पर काली धारियां इसके पूरे शरीर पर बनी होती हैं. चार मजबूत पैर एवं पैरो में तीखें नाख़ून बाघ को शिकार में मदद देते हैं.
शेर की तरह बाघ के भी दांत पैने व बड़े होते हैं. बिल्ली परिवार का यह प्राणी बिल्ली के रंग रूप का व आकार में उससे कुछ बड़ा होता हैं. हिंसक व मांसाहारी इस वन्य जीव को मांस अधिक पसंद होता हैं. आमतौर पर बाघ के दर्शन जंगल में ही होते हैं.
वर्ष 1973 में इसे आधिकारिक रूप से भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया. घटती बाघों की संख्या को देखकर वन विभाग द्वारा टाइगर प्रोजेक्ट के तहत इनका संरक्षण किया जा रहा हैं.
भारत में बाघों का शिकार पूरी तरह निषिद्ध कर दिया गया हैं. आम व्यक्ति इन्हें चिड़ियाघर या सर्कस में आसानी से देख सकता हैं.
(500 शब्द) बाघ पर निबंध Tiger Essay in Hindi Language
प्रस्तावना :-
हमारे देश मे ऐसे बहुत से जीव -जंतु होते है, जो हमारे पर्यावरण के लिये बहुत महत्वपूर्ण होते है उन मे से एक पशु बाघ होता है। यह मांसाहारी पशु होता है यह छोटे जानवरो जैसे -बकरी, गाय, भैस,हिरण आदि का शिकार करके अपना पेट भरता है, कभी -कभी मनुष्यों पर ही हमला कर उन्हें अपना शिकार बना लेता है।
बाघ छुप कर शिकार की तरफ धीरे -धीरे जाते है और जैसे ही पास पहुंचते है वह अपने शिकार पर अचनाक से आक्रमण करते है और पंजे के बल शिकार को दबोच लेते है।
आज के समय मे बाघ की प्रजाति धीरे धीरे लुत्प होती जा रही है इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि लोग अपने फायदे के लिये वनो की कटाई करते जा रहे है जिससे वनो मे रहने वाले जीव -जंतु का घर उजड़ जाता है और वह इधर -उधर भागने लगते है।
बाघ भी छोटे जानवरो को अपना शिकार बना कर जंगलो मे रहते हैं, पर वनो के काटने से शिकार की तलाश मे बाघ वनों से बाहर निकल जाते है रहने का सही वातावरण ना मिलने के कारण उनकी प्रजाति विलुप्त होती जा रही है।
बाघ की शारीरिक संरचना: –
बाघ का शरीर बहुत मजबूत होता है वह काफ़ी मोटा होता है। क्योंकि वह सिर्फ मांस खाता है इसलिए वह तन दुरस्त रहता है। बाघ के शरीर की लंबाई 7 – 10 फुट तक होती है।
बाघ का वजन 350 किलो से ज्यादा भी हो सकता है। बाघ की दो बड़ी आंखें होती है और बाघ के दाँत बड़े और नुकीले होते है। इसके दो कान होते है,बाघ के शरीर में काले और भूरे रंग की धारियां पड़ी होती है। हालाँकि साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के बाघ पाये जाते है।
बाघ की विशेषताऐ :-
बाघ 40-55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ सकता है लेकिन शरीर बहुत भारी होने के वजह से बाघ दौड़ते -दौड़ते जल्दी थक जाता है। बाघ के जीवनकाल की अवधि 10 से 15 साल तक ही होती है। लेकिन कुछ ऐसे बाघ होते है जो आधिक समय यानि 25 वर्ष तक जीवित रह सकते है।
बाघ एक दिन में 20 से 30किलो तक मांस खा लेता है,मादा बाघ के गर्भकाल की अवस्था 90 से 115 दिन के अंदर होती है है। मादा बाघ एक साथ 2 से 3 बच्चो को जन्म दे सकती है।
मादा बाघ के बच्चे 14 से 15 दिन के अंदर ही आँख खोलते है, बता दें बाघ आम इंसानों के जैसे पानी में अच्छे से तैर सकते है।
बाघों की जीवन शैली –
बाघ वनो में अकेले मरहना ज्यादा पसंद करते है,यह भारत मे सभी जगहों पर देखने को मिल जाते थे।लेकिन यह ज्यादातर वनो में सबसे अधिक पाये जाते है यह झाड़ियों के पीछे छुप कर शिकार की तलाश मे बैठे रहते है और शिकार के मिलते ही उस पर जोर से झपट्ट कर वह जल्दी से शिकार को दबोच लेते है।
एक बाघ अपने क्षेत्र मे रहता है अगर वहां और शिकार करते समय दूसरा बाघ आ जाता तो दोनों की लड़ाई हो जाती है, क्योंकि यह अपना शिकार किसी दूसरे बाघ के साथ बाँटना पसंद नहीं करते है, प्रायः सारा मांस खुद अकेले या अपने परिवार के साथ मिलकर खा जाते है।
बाघों की प्रजातियो के विलुप्त होने कारण :-
हमें प्रजतियों को बचाने के लिए सभी को जागरूक करना बेहद जरूरी होता है। बहुत से लोग अपने स्वार्थ के लिए जंगलो की अंधाधुंध कटाई किये जा रहे है, जिसके कारण बाघो को सही अनुकूल वातावरण ना मिलने की वजह से बाघो की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार मे आ चुकी है।
आज के समय मे सरकार की तरफ से बाघ को बचाने के लिए बहुत कोशिश की जा रही है, क्योंकि बाघ की प्रजातियां बहुत कम देखने को मिल रही है।
आज के समय मे बाघो की प्रजतियों को बचाने के लिए बच्चो के स्कूलों, कॉलेज मे भी शिक्षकों द्वारा बाघ बचाओ की जानकारियां दी जाती है हैं। क्योंकि बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु होता है, अतः इसकी प्रजतियों को विलुप्त होने से बचाना हम सभी लोगो का कर्तव्य होता है।
बाघो की प्रजतियों को बचाने के लिए सरकार द्वारा सन 1973 मे सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व की स्थापना की गई। जिससे विलुप्त हो रहे टाइगरो को बचाने के लिये पूरी सुरक्षा के साथ बाघो को रखा जा सके।
भारतीय संस्कृति मे बाघों का महत्व :-
भारतीय संस्कृति के अनुसार माँ दुर्गा का वाहन बाघ है और माँ दुर्गा की पूजा के साथ बाघो की भी पूजा जाता है। भारत मे कई जगहों पर उनकी पूजा की जाती है। राष्ट्रीय पशु होने की वजह से इस संस्कृति को काफ़ी महत्व दिया जाता है।
निष्कर्ष :-
बाघ को हमारे देश का राष्ट्रीय पशु मना जाता है और यह हमारे देश की शान भी है। यह अन्य जानवरो की तुलना मे सबसे ज्यादा शक्तिशाली पशुओ मे से एक होता है, इसकी प्रजातियों के विलुप्त होने के कारण सारा जंगल खाली -खाली सा लगता है।
इसलिए हर एक व्यक्ति को बाघ के विलुप्त हो रही प्रजतियों को बचाने के लिये हर तरह से प्रयत्न करना चाहिए ताकि आने वाले समय मे हमारी प्रत्येक पीढ़ियाँ बाघ की प्रजातियों को देख सके।
बाघ (टाइगर) पर निबंध 700 शब्दों में
बाघ एक हिंसक एवं क्रूर जानवर हैं जो अन्य छोटे जीवों का भक्षण कर अपना जीवन निर्वाह करता हैं. बाघ को जंगल का सबसे अधिक शक्तिशाली, तीव्र एवं आकर्षक प्राणी माना जाता हैं. बाघ का प्राकृतिक आवास जंगल ही हैं. और अमूमन इनके दर्शन जंगलों में ही होते हैं.
मानव द्वारा तीव्र गति से वनों की कटाई के चलते ये तेजी से मानव बस्तियों की ओर आते पाए गये हैं. भारत में दो तरह के बाघ विशेष तौर पर पाए जाते हैं. रूस के साइबेरियन मूल के टाइगर जो केवल पर्वतीय क्षेत्रों में ही बसते हैं. दुसरे रॉयल बंगाली टाइगर ये घने जंगलों में ही निवास करते हैं.
बाघ प्राकृतिक जल स्रोतों तालाब, नदी, झील के निकट विचरण करते देखे जा सकते हैं. क्योंकि इन स्थानों पर उन्हें शिकार आसानी से मिल जाता हैं. भारत में बाघ के शिकार को गैर कानूनी घोषित किया गया हैं.
फिर भी चीन जैसे देशों में बाघ के शरीर के अंगों, खाल (त्वचा), हड्डियों, दाँतों,नाखूनों की बड़ी मात्रा में मांग के कारण चंद पैसों की लालच में लोग बाघों का शिकार करने से बाज नहीं आते.
बाघों की चोरी छिपे तस्करी के चलते सरकारी प्रयासों के बावजूद तेजी से कमी पाई गई हैं. दुनियां के सर्वाधिक लगभग 70 प्रतिशत बाघ भारत में ही पाए जाते हैं.
भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, कम्बोडिया, थाइलैंड, लॉस, चीन, इन्डोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, रुस, वियतनाम, भूटान इन देशों में भी बाघों की अच्छी खासी संख्या हैं. भारत में बाघ को विलुप्त होने वाले प्राणियों की सूची में डाल दिया गया हैं.
बाघ की पहचान
कोई भी व्यक्ति बाघ की शिनाख्त आसानी से कर सकता हैं. आमतौर बाघ दिन में सोता है तथा रात में ही अपना शिकार करता हैं. बाघ की लम्बाई १२ से १३ फीट तथा इसका वजन १५० किमी तक होता हैं. इसके शरीर पर काले रंग की धारियां इसे शेर जैसे जानवर से अलग रूप देती हैं.
बाघ दौड़ने में बेहद तीव्र होता हैं यह अपने शिकार का पीछा कर उन्हें मार डालता हैं. 7 से 10 फीट की दूरी वह अपनी एक छलांग में तय करता हैं. मजबूत दांत व तीखे जबड़े में अपने शिकार को उठाकर इच्छित जगह पर ले जाने में मदद करता हैं. बाघ की लम्बी पूंछ उनके शारीरिक संतुलन में मददगार साबित होती हैं.
भारत का राष्ट्रीय पशु
बाघ के शारीरिक स्वरूप तथा इसकी विशेषताओं के कारण ही इन्हें भारत का राष्ट्रीय पशु बनाया गया हैं. जंगल का राजा और रॉयल बंगाल टाइगर जैसे उत्कृष्ट नामों वाले बाघ की शक्ति, स्फूर्ति एवं इच्छा शक्ति अद्वितीय हैं.
भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाली टाइगर है, वर्ष 1973 में इसे राष्ट्रीय पशु के रूप में मान्यता दी गई थी, बाघ से पहले शेर भारत को भारत के नेशनल एनिमल के रूप में मान्यता प्राप्त थी.
Amazing Facts about Tiger in Hindi बाघ के बारे में रोचक तथ्य
- बाघ सुनने की शक्ति इतनी तीक्षण होती हैं कि वह वायु से पत्तों के हिलने की ध्वनि और घास पर किसी जानवर के चलने की ध्वनि में अंतर कर सकता हैं.
- वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष 29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता हैं.
- धुर्वीय और भूरे भालू के बाद बाघ अब तक का ज्ञात सबसे बड़ा मांसाहारी जानवर भी हैं.
- सामान्यतः बाघों के प्राकृतिक आवास में उनकी आयु दस वर्ष तक होती हैं, जबकि चिड़ियाघर के बाघ इससे दुगुनी आयु तक जीवित रहते हैं.
- अब तक बाघ की नौ प्रजातियों को चिन्हित किया गया हैं, जिनमें से तीन प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं.
- बाघ के शरीर का सबसे मजबूत अंग उसके पैर होते हैं, कई बार मृत्यु के बाद भी बाघ अपने पैरों पर खड़े रहते हैं. मनुष्य की भांति बाघ की धारियों के फिंगरप्रिंट भी यूनिक होते हैं.
- संसार के सबसे अधिक बाघ भारत में हैं, भारत में बाघों की संख्या की लिहाज से कर्नाटक का प्रथम स्थान हैं.
- बाघ की आवाज की तीव्रता बहुत अधिक होती हैं, यह 18 हर्ट्ज तक की ध्वनि निकालता हैं, जिसे करीब तीन किलोमीटर तक सुना जा सकता हैं.
बाघ बचाओ अभियान (टाइगर प्रोजेक्ट)
वन एवं वन्य जीव विभाग भारत सरकार द्वारा प्रति चार वर्ष में बाघों की गणना कर उनके आंकड़े रिलीज किये जाते हैं. निरंतर कम हो रहे बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए टाइगर प्रोजेक्ट स्कीम को १९७३ में शुरू किया गया.
नेशनल कार्बेट उद्यान से इसकी शुरुआत की गई. इस अभियान द्वारा बाघ प्रजनन से उनकी वृद्धि बचे हुए बाघों को सुरक्षा देकर संरक्षण करना इसका मूल उद्देश्य था.
2014 की बाघ गणना में टाइगर प्रोजेक्ट का सकारात्मक प्रभाव देखा गया. वन विभाग के अनुसार पिछली बाघ गणना की तुलना में इस बार 30 प्रतिशत बाघों की बढ़ोतरी दर्ज हुई हैं. इसके साथ ही भारत में बाघ की कुल संख्या २२५० के पार पहुँच गई हैं.
इतना सब होने के उपरान्त भी हर साल 100 से अधिक बाघ या तो शिकारियों के हाथों मारे जाते हैं अथवा किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.
बाघ संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जिम कार्बेट से टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष १९७३ में शुरू की थी. वर्ष २०२३ में इस प्रोजेक्ट के ५० वर्ष पूरे हो गये हैं. जारी नवीन आंकड़ों के अनुसार भारत में बाघों की संख्या २६८ से बढ़कर इन ५० वर्षों में 3167 हो गई हैं.
बाघ का महत्व
बाघ का अपना प्राकृतिक महत्व तो हैं ही साथ ही यह राष्ट्रीय महत्व से जुड़ा विषय भी हैं. बाघ के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारतीय मुद्रा पर इसके चित्र को लगाया गया हैं.
बंगाल टाइगर को डाक टिकट व नोटों पर स्थान दिया गया हैं. इसके अतिरिक्त प्राकृतिक संतुलन में बाघ जैसे हिंसक जानवरों का अहम योगदान हैं.
यदि बाघ खत्म हो गये जंगल में उन शाकाहारी जन्तुओं की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ेगी, जो इसके आहार हैं. ऐसी स्थिति में शाकाहारी जन्तु घास, पेड़ पौधों को समाप्त कर देगे.
इससे जंगल का स्वरूप पूरी तरह से बिगड़ जाएगा. इस तरह की प्राकृतिक अस्थिरता से बचने के लिए बाघों का संरक्षण कर उन्हें बचाना आवश्यक हो गया हैं.
वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस टाइगर डे 29 जुलाई को मनाया गया। इस बार के वैश्विक कार्यक्रम की थीम देयर सरवाइवल इन अवर हैंड्स रखा गया था।
दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत मे पाए जाते है, ये प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव और जिम्मेदारी भरा अवसर है। आज हमारे देश मे कुल बाघों की संख्या 2967 हैं।
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बाघ पर निबंध
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बाघ एक राष्ट्रीय जानवर है। बाघ को सभी खतरनाक जानवरों में से एक माना जाता है। बाघ एक मांसाहारी पशु है।
बाघ का रंग पीला होता है। कुछ प्रदेशों में सफेद बाघ भी पाए जाते हैं। बाघ के शरीर पर काली रंग की धारियाँ होती हैं। बाघ एक ताकतवर प्राणी है। उसका शरीर लंबा और गठीला होता है। उसके दाँत नुकीले और पंजों के नाखून तेज होते हैं। उसकी पूँछ लंबी होती है।
वह अँधेरे में भी देख सकता है। बाघ पानी में अच्छी तरह तैर सकता है। वह जंगली जानवरों का शिकार करता है। बाघ लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। मादा बाघ को बाघिन कहते है। बाघ दहाड़ता है। बाघ को जंगल का राजा भी कहा जाता है।
बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। बाघ को हम चिड़ियाघर में देख सकते हैं। बाघ को हम सर्कस में भी देख सकते है।
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बाघ के बारे में 10 लाइन – Short Essay on Tiger in Hindi
बाघ के बारे में 10 लाइन: इस लेख में हम आपको बाघ के बारे में 10 लाइन दे रहे हैं। यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है। यह बहुत ही सरल और याद रखने में आसान है। यह निबंध आपके लिए बहुत उपयोगी है।
हमने नीचे बाघ के बारे में 10 लाइन का हिंदी में उल्लेख किया है। ये टिप्स और ट्रिक्स छात्रों को बाघ पर सही निबंध लिखने में मदद करेंगे। इस निबंध का स्तर मध्यम है इसलिए कोई भी छात्र इस विषय पर लिख सकता है। यह आपके लिए सबसे अच्छा है।
Table of Contents
10 Lines on Tiger in Hindi
Pattern 1 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, and 5 Students.
- बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है।
- बाघ एक बहुत ही बुद्धिमान और शक्तिशाली जानवर है।
- बाघ की दो आंखें, चार पैर, दो कान और एक पूंछ होती है।
- बाघ अलग-अलग रंग के होते हैं, जैसे नारंगी, सफेद और नीली धारियां।
- बाघ एक मांसाहारी जानवर है।
- बाघ का गर्जना की आवाज पैदा करता है जिसे 3 किमी दूर से सुना जा सकता है।
- बाघ सबसे बड़ी जीवित बिल्ली प्रजाति है।
- बाघ का शरीर मजबूत होता है। यह जंगल में रहता है।
- भारत में बाघों की कुल संख्या लगभग 1.700 है।
10 Lines on Tiger in English
Pattern 2 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for classes 6, 7, 8, and 9 Students.
- Tiger is the national animal of India.
- Tiger is a very intelligent and powerful animal.
- Tiger has two eyes, four legs, two ears, and a tail.
- Tiger are of different colors, Such as Orange, white and blue stripes.
- Tiger is a carnivorous animal.
- Tiger produces the sound of Roaring which can be heard from 3 km away.
- The tiger is the largest living cat species.
- Tiger has e strong body. it lives in the jungle.
- Tiger is a non-vegetarian animal.
- The total number of tigers in India is around 1.700.
Short Essay on Tiger in Hindi
Pattern 3 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 10,11 12, and Competitive Exams preparing Students.
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। बाघ एक बहुत ही बुद्धिमान और शक्तिशाली जानवर है। इसका दो आंखें, चार पैर, दो कान और एक पूंछ होती है।
बाघ का गर्जना की आवाज पैदा करता है जिसे 3 किमी दूर से सुना जा सकता है। बाघ सबसे बड़ी जीवित बिल्ली प्रजाति है। बाघ का शरीर मजबूत होता है। यह जंगल में रहता है और ये एक मांसाहारी जानवर है।
10 Lines on Tiger in Odia for Students
Pattern 4 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11 12, and Competitive Exams preparing Students.
- ଟାଇଗର ହେଉଛି ଭାରତର ଜାତୀୟ ପଶୁ।
- ଟାଇଗର ଏକ ଅତି ବୁଦ୍ଧିମାନ ଏବଂ ଶକ୍ତିଶାଳୀ ପ୍ରାଣୀ |
- ବାଘର ଦୁଇଟି ଆଖି, ଚାରି ଗୋଡ, ଦୁଇଟି କାନ ଏବଂ ଲାଞ୍ଜ ଅଛି।
- ଟାଇଗରମାନେ ବିଭିନ୍ନ ରଙ୍ଗରେ ଆସନ୍ତି, ଯେପରିକି କମଳା, ଧଳା ଏବଂ ନୀଳ ରଙ୍ଗର ରେଖା |
- ଟାଇଗର ଏକ କାର୍ନିଭୋରସ୍ ପଶୁ |
- ବାଘର ଗର୍ଜନ ଶବ୍ଦ ସୃଷ୍ଟି କରେ ଯାହା 3 କିଲୋମିଟର ଦୂରରେ ଶୁଣାଯାଏ |
- ବାଘ ହେଉଛି ବୃହତ୍ତମ ଜୀବନ୍ତ ବିଲେଇ ପ୍ରଜାତି |
- ଟାଇଗରର ଶରୀର ଶକ୍ତିଶାଳୀ | ଏହା ଜଙ୍ଗଲରେ ବାସ କରେ |
- ଭାରତରେ ସମୁଦାୟ ବାଘ ସଂଖ୍ୟା ପ୍ରାୟ 1,700 |
10 Lines on Tiger in Telugu for Students
Pattern 5 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11 12, and Competitive Exams preparing Students.
- భారతదేశపు జాతీయ జంతువు పులి.
- పులి చాలా తెలివైన మరియు శక్తివంతమైన జంతువు.
- పులికి రెండు కళ్ళు, నాలుగు కాళ్ళు, రెండు చెవులు మరియు ఒక తోక ఉన్నాయి.
- పులులు నారింజ, తెలుపు మరియు నీలం చారలు వంటి వివిధ రంగులలో వస్తాయి.
- పులి మాంసాహార జంతువు.
- పులి గర్జన 3 కి.మీ దూరం నుండి వినబడే ధ్వనిని ఉత్పత్తి చేస్తుంది.
- పులి అతిపెద్ద పిల్లి జాతి.
- పులి శరీరం బలంగా ఉంది. ఇది అడవిలో నివసిస్తుంది.
- భారతదేశంలో మొత్తం పులుల సంఖ్య దాదాపు 1,700.
10 Lines on Tiger in Marathi for Students
Pattern 6 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11 12, and Competitive Exams preparing Students.
- वाघ हा भारताचा राष्ट्रीय प्राणी आहे.
- वाघ हा अतिशय हुशार आणि शक्तिशाली प्राणी आहे.
- वाघाला दोन डोळे, चार पाय, दोन कान आणि शेपूट असते.
- वाघ वेगवेगळ्या रंगात येतात, जसे की केशरी, पांढरे आणि निळे पट्टे.
- वाघ हा मांसाहारी प्राणी आहे.
- वाघाची डरकाळी 3 किमी दूरपर्यंत ऐकू येते.
- वाघ ही सर्वात मोठी जिवंत मांजर प्रजाती आहे.
- वाघाचे शरीर मजबूत आहे. तो जंगलात राहतो.
- भारतात वाघांची एकूण संख्या सुमारे 1,700 आहे.
Last Word on 10 Lines on Tiger
बाघ के बारे में 10 लाइन को पढ़ने क लिए आप सभी को धन्यवाद। हम छात्रों के पढ़ाई के लिए ही Article बनाते है। जो एक छात्रों के पढ़ाई में सके। कैसे एक Student आसानी से अपने Homework, Essay, Short Essay के साथ साथ अपने General Knowledge को कैसे बढ़ा सकता है, सिर्फ उसीके बारे मै ही हमरे सारे Article बनाते हे। एक Student के लिए जीतने भी जरूरती Essay है जो मदत कर सकता है उनके पढ़ाई मै वो सारे Essay को हमने पोस्ट किए है। आसा करते हे की ये बाघ के बारे में 10 लाइन आपको अच्छा लगा होगा।
अन्य पोस्ट देखें – Short Essay / 10 Lines Essay .
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References Links:
- https://en.wikipedia.org/wiki/Tiger
- https://www.worldwildlife.org/species/tiger
- https://nationalzoo.si.edu/animals/tiger
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आपने बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है। इस जानवर के बारे में रोचक जानकारी शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद
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10 line Essay on Tiger in Hindi (1) बाघ एक चौपाया जानवर है. (2) बाघ हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पशु है.
इस लेख में हमने बाघ पर निबंध | Essay on Tiger के बारे में ढेर सारी बातें बताएं वह बताया कि बाग हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है, और ढेर सारी बाकी ...
बाघ पर छोटा व बड़ा निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विध्याथियो के लिए। Short and Long Essay on Tiger in Hindi Language.
500 शब्दों में बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi) कुछ इस प्रकार है – प्रस्तावना
बाघ पर 5 लाइन (5 Lines On Tiger In Hindi) नीचे 5 पक्तियों में बाघ पर निबंध दिया गया है, जो बेहद सरल भाषा में लिखे गई पंक्तियां लिखी गई हैं।
बाघ भारत का एक राष्ट्रीय पशु है। अपने शाही लुक के कारण इसे देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह अपनी कृपा, शक्ति और चपलता के लिए जाना जाने वाला बहुत प्रसिद्ध और मजबूत जानवर है। यह एक एशियाई मांसाहारी जानवर है, जिसे पैंथेरा टाइग्रिस नाम दिया गया है।.
बाघ एक राष्ट्रीय जानवर है। बाघ को सभी खतरनाक जानवरों में से एक माना जाता है। बाघ एक मांसाहारी पशु है। यह बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। यह बिल्ली के परिवार के सबसे बड़े जानवर के रुप में जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथर टाइग्रिस है।.
Here Is the Best New Pdf short essay on the national animal tiger in the Hindi Language For School Students And Kids Baagh Essay In Hindi. बाघ पर निबंध 100 शब्द. बाघ अर्थात बंगाली टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु हैं.
बाघ का रंग पीला होता है। कुछ प्रदेशों में सफेद बाघ भी पाए जाते हैं। बाघ के शरीर पर काली रंग की धारियाँ होती हैं। बाघ एक ताकतवर प्राणी है। उसका शरीर लंबा और गठीला होता है। उसके दाँत नुकीले और पंजों के नाखून तेज होते हैं। उसकी पूँछ लंबी होती है।.
Short Essay on Tiger in Hindi. Pattern 3 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 10,11 12, and Competitive Exams preparing Students. बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। बाघ एक बहुत ही बुद्धिमान और शक्तिशाली जानवर है। इसका दो आंखें, चार पैर, दो कान और एक पूंछ होती है।.