15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
15 अगस्त पर निबंध- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध : 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस, भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता के अरमानों को साकार करने का दिन है और यह राष्ट्रीय उत्सव रूप में मनाया जाता है।
इस दिन को विशेष बनाने का कारण है भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले वीर सेनानियों का सम्मान करना और उनके बलिदान को याद करना। हम इस दिन पर ध्वज फहराते हैं, राष्ट्रीय गाने गाते हैं, और राष्ट्रीय संबोधन सुनते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर हमें अपने देश के प्रति समर्पण करना चाहिए। हमें अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए और देश के प्रति अपने जज्बे को संवर्धित करना चाहिए। यह एक ऐसा दिन है जिसमें हमें अपने देश की संस्कृति, विरासत, और विकास के प्रति गर्व महसूस होता है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने स्कूल में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर मिलता है। हम देशभक्ति गाने गाते हैं, कविताएँ सुनते हैं, और समर्थन शाला के साथ ध्वज फहराते हैं। इससे हमारे स्कूल के बच्चों में राष्ट्रीय उत्साह और गर्व की भावना विकसित होती है
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें भारतीय संस्कृति और इतिहास को भी अध्ययन करने का अवसर मिलता है। हमें अपने राष्ट्रीय नायकों के बारे में जानकारी मिलती है और उनके साहसिक कार्यों को सुनने का भी मौका मिलता है। इससे हमारे दिल में देश के प्रति एक नया जोश भरता है और हम भारत के वीरों के बलिदान को समर्थन करने के लिए तत्पर हो जाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने स्कूल में समर्थन शाला का भी आयोजन करने का मौका मिलता है। हम अपने वीर सेनानियों को याद करते हैं और उन्हें उनके बलिदान के लिए सम्मानित करते हैं। समर्थन शाला में हम उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं और उनके बलिदान को सराहते हैं। इससे हमारे स्कूल के बच्चों में देशभक्ति की भावना और समर्थन के लिए एक उत्साह भर जाता है।
स्वतंत्रता दिवस के दिन हमें राष्ट्रीय भव्यता के साथ समर्थन शाला को संपन्न करने का मौका मिलता है। हमारे स्कूल के छात्र इस दिन को खास बनाने के लिए अपने नायकों की छवि और भारतीय ध्वज के साथ शाला को सजाते हैं। इससे स्कूल का माहौल उत्साह से भर जाता है और हर किसी को अपने देश के प्रति एक समर्थन भाव होता है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें देशभक्ति और समर्थन के भाव को अपने दिल में समाना चाहिए। हमें अपने देश के वीर सेनानियों को सम्मानित करना चाहिए और उनके बलिदान को समर्थन करना चाहिए। इससे हमारे देश के उज्जवल भविष्य की ओर एक प्रयास होता है और हम अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से योगदान कर सकते हैं।
15 अगस्त का महत्व विश्व में भी बड़ा है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय का साक्षी है। 1947 में इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी प्राप्त की थी और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरी थी। इस दिन के आगमन से पूरे देश में खुशियाँ मनाई गई थीं और लोग एक-दूसरे को बधाई देने आए थे।
15 अगस्त, 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से अपनी स्वतंत्रता हासिल की थी। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और अनेक वीर सेनानियों ने इस स्वतंत्रता संग्राम में अपना बलिदान दिया था। इस दिन के बाद से भारत एक संयुक्त राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
समर्थन के तरीके:
स्वतंत्रता दिवस को खास बनाने के लिए हमें भारत के वीर सेनानियों को सम्मानित करने का समय निकालना चाहिए। हम उन्हें शुभकामनाएँ देने और उनके बलिदान को सराहने के लिए उनके सम्मान में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। इससे हमारे समाज में देशभक्ति और राष्ट्रीय उत्साह की भावना उत्पन्न होती है। हम अपने स्कूलों में देशभक्ति गाने गाते हैं, राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, और वीर सेनानियों के बारे में जानकारी देते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें भारतीय संस्कृति को भी बढ़ावा देना चाहिए। हमें अपनी भाषा, संस्कृति, और विरासत के प्रति गर्व महसूस होना चाहिए। इससे हमारे स्कूल के बच्चे अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान रखते हैं और उसे आगे बढ़ाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। हमें अपने देश के लिए काम करने का संकल्प करना चाहिए और उसके लिए सहयोग करना चाहिए। इससे हम अपने देश के प्रति अपने दायित्व को निभाते हैं और उसे एक उच्चतम स्तर पर ले जाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने देश के वीर सेनानियों को सम्मानित करने के साथ-साथ उनके बलिदान को समर्थन करने का भी मौका मिलता है। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और उनके साहसिक कार्यों को सराहते हैं। इससे हमारे देश के वीर सेनानियों को समर्थन मिलता है और हम उनके बलिदान को याद करते हैं।
संक्षिप्त में, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है जो भारतीय स्वतंत्रता का सम्मान करता है और वीर सेनानियों को सम्मानित करने के लिए अवसर प्रदान करता है। हमें इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूल में समर्थन शाला, विशेष कार्यक्रम, और संस्कृति सम्मेलन का आयोजन करना चाहिए। इससे हमारे स्कूल के बच्चे देशभक्ति और राष्ट्रीय उत्साह की भावना से प्रभावित होते हैं और उन्हें देश के उत्थान में सक्रिय रूप से योगदान करने का अहसास होता है।
इस प्रकार, 15 अगस्त पर निबंध हमें यह बताता है कि हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले वीर सेनानियों के बलिदान को समर्थन करना कितना महत्वपूर्ण है। इस दिन को हमें खास बनाने के लिए हमें स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए और बच्चों को देशभक्ति और राष्ट्रीय उत्साह के प्रति प्रेरित करना चाहिए। हमें अपने देश की संस्कृति, विरासत, और विकास के प्रति गर्व महसूस करना चाहिए और अपने देश के लिए सक्रिय रूप से योगदान करने का संकल्प करना चाहिए। इससे हम एक समृद्ध, उज्ज्वल, और समृद्धि युक्त भारत की ओर एक कदम आगे बढ़ सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर अगर आपको भाषण देना हो तो इस तरह करे तैयारी
क्या आपको भारतीय स्वतंत्रता दिवस का महत्व और इस दिन के उत्सव के बारे में जानकारी है? इस विशेष दिन को आप अपने स्कूल में कैसे मनाना चाहेंगे? हमें नीचे दिए गए सवालों के जवाब देने में खुशी होगी:
- क्या 15 अगस्त को आपके स्कूल में कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित होता है?
- आपके स्कूल में कैसे वीर सेनानियों को सम्मानित किया जाता है?
- आपको अपने देश के वीर सेनानियों के बारे में कौन से ज्ञात हैं?
- आपके स्कूल में किस प्रकार से देशभक्ति का माहौल संजोता जाता है?
- आपके परिवार या दोस्तों के साथ आप किस तरह से स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं?
ध्यान देने योग्य बातें:
- आपका उत्तर संक्षेप्त और सार्थक होना चाहिए।
- अपने उत्तरों को संगठित रखें और सुन्दर भाषा में लिखें।
- अपने उत्तरों में विवरण और उदाहरण देने से आपके उत्तर में गहराई आएगी।
- अपने उत्तर में क्रिएटिविटी और अपने विचारों को व्यक्त करने का प्रयास करें।
यानी स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर आप अपने देश के प्रति अपनी भावनाओं को बयां कर सकते हैं, अपने देश के वीर सेनानियों के बलिदान को समर्थन कर सकते हैं और एक अच्छे नागरिक के रूप में अपना योगदान दे सकते हैं। आप अपने स्कूल में समर्थन शाला का आयोजन करके वीर सेनानियों को सम्मानित कर सकते हैं और देशभक्ति गानों के आयोजन से आपके स्कूल में एक उत्साहपूर्ण वातावरण सृजित होगा।
इस स्वतंत्रता दिवस पर आपको अपने देश के वीर सेनानियों के बलिदान को समर्थन करने का एक अवसर मिलता है। आप उन्हें शुभकामनाएं देकर उनके साहसिक कार्यों को सराह सकते हैं और उनके बलिदान को याद करके उन्हें धन्यवाद दे सकते हैं। इससे आपके दिल में देश के प्रति एक अलग ही अनुभव होगा और आप एक अच्छे नागरिक के रूप में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रेरित होंगे।
स्वतंत्रता दिवस के इस खास अवसर पर आप अपने स्कूल में समर्थन शाला का आयोजन कर सकते हैं और उसमें अपने समूह के साथ मिलकर वीर सेनानियों को सम्मानित कर सकते हैं। आप विभिन्न प्रतियोगिताओं, नाटकों, और भाषणों के माध्यम से वीर सेनानियों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। इससे आपके स्कूल में देशभक्ति की भावना उत्पन्न होगी और आपके समूह के सभी सदस्य एक संघर्ष के लिए एकजुट होंगे।
अपने परिवार और दोस्तों के साथ आप स्वतंत्रता दिवस को खास बना सकते हैं। आप इस दिन को गाने गाकर, फिल्में देखकर, और विभिन्न राष्ट्रीय विषयों पर चर्चा करके इसे यादगार बना सकते हैं। आप अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर एकजुट होकर देशभक्ति का एहसास कर सकते हैं ।
आपके सवालों के जवाब
भारत की स्वतंत्रता किसने लड़ी थी.
उत्तर: भारत की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, राजगुरु और अन्यों ने समर्थन किया और वीरता से लड़ाई दी थी।
स्वतंत्रता दिवस को क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन वर्ष 1947 में भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को कैसे योजनाएं बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है?
उत्तर: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को समृद्धि के लिए योजनाएं बनाने के लिए उत्साहित किया जा सकता है। सरकार और सामाजिक संगठनों को लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक क्षेत्रों में योजनाएं बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
स्वतंत्रता के लिए समर्पण करने का महत्व क्या है?
स्वतंत्रता के लिए समर्पण करना भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे समर्पण और संघर्ष से हम अपने देश को एक महान और सशक्त राष्ट्र बना सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व किसे याद दिलाने के लिए ध्वज गिराने का विधान है?
स्वतंत्रता दिवस के दौरान ध्वज गिराने का विधान है ताकि लोग स्वतंत्रता के महत्व को याद रखें और इसे समर्थन करें। यह ध्वज गिराने का विधान लोगों को यह समझाता है कि हमें स्वतंत्रता के अर्थ को समझना और उसे महसूस करना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक गर्व और उत्साह का दिन है। यह दिन हमें अपने देश के प्रति समर्पित होने का अहसास दिलाता है और हमें यह याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने किसी महंगी कीमत पर हमें आजाद देश में जन्म देने का संकल्प किया था। हमें इस दिन को याद करके अपने देश के लिए समर्पण करना चाहिए और देश के उन वीर सेनानियों को सम्मानित करना चाहिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमारे देश की स्वतंत्रता को सच्ची बड़ी कीमत पर हासिल किया।
इस विशेष दिन पर हमें अपने देश की संस्कृति, विरासत, और विकास के प्रति गर्व महसूस करना चाहिए। हमें भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए और अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। हमें यह भी समझना चाहिए कि स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है और हमें अपने देश के प्रति उन्नति के लिए समर्पण करना चाहिए।
आइये, हम सभी मिलकर अपने देश के विकास में योगदान दें और देश की स्वतंत्रता, समृद्धि, और समृद्धि के लिए समर्पित रहें। हमारे पूर्वजों के संघर्षों और बलिदान को समझकर हम एक उच्चतम दृष्टिकोण से अपने देश के उत्थान में सहायता कर सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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Tags: 15 august essay Essay in Hindi Independence day in Hindi
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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, 10 लाइन, Essay on independence Day
स्वतंत्रता दिवस(Independence Day 2023) हर साल 15 अगस्त को भारत में खास रूप से मनाया जाता है। यह दिन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है जो हमें अपने देश की आजादी की याद दिलाता है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर हम सभी एकजुट होकर अपने देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आजाद भारत में जीने का अवसर प्रदान किया।
स्वतंत्रता दिवस(swatantrata diwas) का दिन हमें एक एक सच्चे देशभक्त के रूप में जागरूक बनाता है और हमारे देश के संपूर्ण विकास और कल्याण के लिए समर्पित होने का संकल्प दिलाता है। स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष मौके पर हम सभी को यह याद दिलाना चाहिए कि हमारे देश की स्वतंत्रता और समृद्धि के पीछे उन वीर सैनिकों का त्याग, बलिदान है, जिन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
Table of Contents (विषय सूची)
15 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (200, 300, 500, 600, 700, 800, 900 से 1000 ) शब्दों में। (short and long essay on independence day 15 august in hindi..
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#1: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 200 शब्दों में
15 अगस्त , भारतीय इतिहास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है। यह दिन भारत की स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, जिस दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने बलिदान से देश को आजाद करवाया था। इस दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1947 में राष्ट्रीय ध्वज को लाल किले से फहराया और भारतीय गणतंत्र की शुरुआत की गई थी।
स्वतंत्रता दिवस को भारत भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों, और सरकारी दफ्तरों में समारोह आयोजित किए जाते हैं जहां लोग नागरिकों को स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और त्याग को स्मरण करते हैं।
इस दिन भारत में राष्ट्रीय भावना और गर्व की भावना से भरा होता है। लोग भारतीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान गाकर इस दिन को खास बनाते हैं। इस दिन को देशवासियों के लिए गर्व और सम्मान का दिन माना जाता है, और वे देश के प्रति अपने समर्थन का भाव प्रकट करते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की प्रेरणा देता है और हमें समर्थन करता है कि हम अपने देश के विकास और समृद्धि में योगदान दें।
#2: स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300-500 शब्दों में
रूपरेखा : प्रस्तावना, महत्व, इतिहास, कब और क्यों मनाया जाता है, निष्कर्ष
प्रस्तावना: स्वतंत्रता दिवस, भारतीय इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन देशभक्ति, गर्व और उत्साह के साथ भारतीयों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस का महत्व उन वीर शहीदों के साहस और बलिदान को स्मरण करने के लिए है, जो देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे गए। इस निबंध में हम स्वतंत्रता दिवस के महत्व, इतिहास, और इसे मनाने के तरीके पर चर्चा करेंगे।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व: स्वतंत्रता दिवस, भारतीय इतिहास का एक ऐतिहासिक दिन है, जिसे 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के रूप में गणतंत्र भारत के गठन के दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया था, जिससे भारतीय सम्राटा का अध्याय शुरू हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के दिन भारतीयों के द्वारा धूमधाम से जश्न मनाया जाता है, और यह दिन एक राष्ट्रीय अवकाश भी होता है।
स्वतंत्रता दिवस का इतिहास: स्वतंत्रता दिवस का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष से जुड़ा हुआ है। इस दिन को मनाने का पहला प्रयास ब्रिटिश शासन के विरुद्ध किया गया था। इसे 26 जनवरी 1930 को पूर्वी बंगाल के भूला गढ़ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज्य दिवस’ के नाम से मनाया था। बाद में, 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया।
स्वतंत्रता दिवस के मनाने के तरीके: स्वतंत्रता दिवस का मनाने का तरीका देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग हो सकता है। लोग इस दिन को राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और राष्ट्रगान गाकर शुरू करते हैं। स्कूल, कॉलेज, और सरकारी दफ्तरों में समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिसमें नागरिकों को स्वतंत्रता सेनानियों के साहस को याद करने के लिए भाषण, नाटक, कविता और गीत प्रस्तुत किए जाते हैं। इस दिन देशवासियों के द्वारा राष्ट्रीय वीर गाथाएं भी गाई जाती हैं, जो राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देती हैं।
उपसंहार: स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक गर्व और उत्साह का दिन है। इस दिन हम अपने देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों को समर्थन और आभार दिखाते हैं, जो अपने प्राणों की आहुति देकर हमारे देश को आजाद कराने में संलग्न थे। हमें स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाना चाहिए और देश के उन महान वीरों को याद करना चाहिए, जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। हमारा ध्येय होना चाहिए कि हम अपने देश के विकास और समृद्धि में सक्रिय रूप से योगदान दें और देश को गर्व से ऊंचा उठाएं। स्वतंत्रता दिवस को सम्पूर्ण भारत के नाम ऊंचा बनाने का एक अवसर है।
#3: स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 600-800शब्दों में
प्रस्तावना : स्वतंत्रता दिवस, भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारत की स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए एक ऐतिहासिक कदम था, जिसे हम बहुत खुशी और उल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन की महत्वपूर्णता हमें हमारे देश के संघर्ष और त्याग की स्मृति को याद दिलाती है। इस दिन भारत में बड़े धूमधाम से आयोजन होते हैं, जिनमें लोग एक साथ मिलकर अपने देश की स्वतंत्रता को याद करते हैं और उसे समर्थन करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का महत्वपूर्ण भूमिका:
स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण और गर्व की भूमिका निभाता है। यह दिन भारत की स्वतंत्रता के साथ हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की साहस और बलिदान की स्मृति को ताजगी से याद दिलाता है। इस दिन को भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जिसे हम बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन हमारे देश के नागरिकों का एकजुट होने का संदेश देता है और हमें एक-दूसरे के साथ एक समर्थन और संबंध बनाने का मौका देता है।
स्वतंत्रता दिवस को मनाने से हम अपने देश के उदय हुए चेहरे को देखते हैं। हमें याद आता है कि कैसे अपने देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी और भारत को स्वतंत्र कराने के लिए संघर्ष किया। उनकी कुर्बानियों ने हमें एक नया जीवन दिया और हमारे देश को आजाद करवाया। हमें इस दिन पर उन्हें सम्मान और नमन करना चाहिए जो अपने देश के लिए जीवन की खुशियों का त्याग कर देते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का संदेश:
स्वतंत्रता दिवस हमें एक समर्थन का संदेश देता है, कि हमें हमारे देश के विकास और समृद्धि में योगदान देना चाहिए। हमारे देश के प्रति हमारा निष्ठा और समर्थन दिखाना आवश्यक है। हमें अपने देश की समृद्धि और उन्नति में योगदान देना चाहिए और उसे विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान पर ले जाना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
स्वतंत्रता दिवस को हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह भारत का राष्ट्रीय त्योहार है और यह दिन भारत की आजादी के अवसर को याद करने और समर्थ भारतीय राष्ट्र के गर्व और जोश को दिखाने के लिए मनाया जाता है।
15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद हुआ था। इस दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने बहुमूल्य त्याग, संघर्ष, और संघर्ष के बाद देश को स्वतंत्रता प्राप्त कराई थी। इसलिए, 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुना गया है।
स्वतंत्रता दिवस को देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। राष्ट्रीय ध्वज को लहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है। स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी संस्थान, उद्योग और व्यापारिक संस्थान आदि में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय संबोधन, भाषण, रैलियों, कविता पाठ, संस्कृति कार्यक्रम, गाने, नाच और नाटक, सेमिनार और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। विभिन्न स्थानों पर भारतीय सेना की परेडें भी आयोजित की जाती हैं। इस दिन भारतीय ध्वज को राष्ट्रीय लाल किले में फहराया जाता है और प्रतियोगिता जीतने वालों को पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का अर्थ यह नहीं है कि हम बस एक दिन ही देश के प्रति भावनात्मक हों और बाकी के दिन उसे भूल जाएं। इस दिन का असली मकसद है हमें हमारे देश के लिए सक्रिय रूप से काम करने और उसके विकास में योगदान देने की प्रेरणा प्रदान करना। हमें इस दिन को याद दिलाकर उस शक्ति और साहस को प्राप्त करना चाहिए जो हमें भारत को समृद्ध, समरस्त, और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए आगे बढ़ने में सहायता करेगी।
स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है। यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है और हमें भारतीय संस्कृति, भाषा, और शौर्य का गर्व महसूस कराता है। इस दिन को हमें अपने देश के प्रति अपना समर्थन प्रदर्शित करने का मौका देता है और हमें एक समर्थन और संबंध बनाने की प्रेरणा देता है। हमें इस दिन पर देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण रहकर, समृद्ध और समरस्त समाज के निर्माण में योगदान देना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस हमें भारत के विकास और समृद्धि में योगदान करने के लिए प्रेरित करता है और हमें एक उत्साही और सकारात्मक दिशा की देने में मदद करता है।
15 August स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखें ? Swatantrata diwas par nibandh kaise likhe
15 August स्वतंत्रता दिवस पर निबंध व लेख को कैसे लिखे जानिए इस रुपरेखा में बहुत ही सरल और लिखने में आसान तरीका।
रुपरेखा: प्रस्तावना, सर्वप्रथम झंडा वंदन, स्वतन्त्रता दिवस का कार्यक्रम, स्वतंत्रता दिवस का इतिहास, स्वतंत्रता दिवस एक महोत्सव का दिन, स्वतंत्रता दिवस पर खतरा, उपसंहार
प्रस्तावना :- आज हम स्वतंत्रता और उसकी शांतिपूर्ण खुली हवा का आनंद ले रहे हैं जिस शांति का अनुभव हम महसूस करते है वो शांती और ख़ुशी की लहर देने का योगदान में ना जाने कितने देशवासियों ने अपनी जान गवा कर दी है ,15 अगस्त का दिन वो दिन होता है जिस दिन हम स्वतंत्र हुए 15 अगस्त भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है जिसे हम बहुत ही खुशी और उल्लास से मनाते हैं।
सर्वप्रथम झंडा वंदन : – सर्वप्रथम 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी ने लाल किले के के केलाहोरी गेट के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था जिसकी शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी जिसके चलते प्रत्येक वर्ष हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं ,200 साल की ब्रिटिश समाज की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को का दिन हमारे देश का सबसे स्वर्णिम दिन कहां जाता है।
स्वतन्त्रता दिवस का कार्यक्रम: स्वतंत्रता दिवस का जब कार्यक्रम शुरू होता था तब हमारे स्कूल में परेड होती थी ठीक उसी तरीके से जैसे एनसीसी में होती है। परेड का एक चक्कर पूरा हो जाने के बाद ध्वजारोहण होता था और उसके बाद राष्ट्रगान शुरू हो जाता था। हमारे स्कूल के प्रोग्राम के अंदर छात्राओं द्वारा राजस्थानी नृत्य किया जाता था इसके अलावा देश भक्ति गीत गाए जाते थे। एनसीसी के द्वारा कुछ तरीके बताए जाते हैं जैसे अगर कोई घायल हो जाता है तो उसको किस तरीके से उठाया जाता है। रस्सी किस तरीके से बांधी जाती है कुछ इस तरीके के बताए जाते थे जब सारा कार्यक्रम पूरा हो जाता था इसके बाद स्वतंत्रता दिवस में भाग ले जाने वाले छात्र-छात्राओं को बुलाकर एक एक करके पुरस्कार दिया जाता था। पुरस्कार में पांच ₹5 का पेन दिया जाता था उस समय हमें उनके द्वारा दिए गए पुरस्कार से इतनी खुशी होती थी जितनी आज भी नहीं होती थी मेरे बचपन का 15 अगस्त मुझे हमेशा याद रहेगा उसके बाद मिठाई महोत्सव होता था और सबको लाइन से एक-एक करके मिठाई बांटी जाती थी
स्वतंत्रता दिवस का इतिहास : – आज अगर हम स्वतंत्रता दिवस के इतिहास के बारे में सोचें तो आज उन शहीदों की याद में आंखों में आंसू आ जाते हैं जिन्होंने अपनी जान देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई और हमें अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त करवाया और आजादी को हमें एक उपहार के रूप में देकर शहीद हो गए.अंग्रेजों के अत्याचार और उनसे से तंग आकर भारतीय एकजुट हो गए ,इन अंग्रेजो से छुटकारा पाने के लिए सुभाष चंद्र बोस ,भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद ,ने क्रांति की मशाल जलाई और कितने ही देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी जिनमे महात्मा गांधी, सरदार भाई पटेल ,ने सत्य और अहिंसा के सहारे सत्याग्रह आंदोलन चलाके ,उनकी लाठियां खाई और जेल गए इन आंदोलनों की वजह से अंग्रेज भारत छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गए आखिरकार 15 अगस्त 1947 का दिन हमारे देश के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन कहा जा सकता है जिससे हम खुली हवा में सांस ले सके और उसके बाद हमे ये स्वर्णिम आजादी मिली. धन्य है वह स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने शहीद होकर हमें आज स्वतंत्रता का स्वर्णिम दिन दिखया।
स्वतंत्रता दिवस एक महोत्सव का दिन 15 अगस्त 2022 को पूरे भारत में 75 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। इस दिन हमारे देश में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। स्वतंत्रता दिवस पूरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के 1 दिन पहले राष्ट्रपति जी राष्ट्र के नाम संबोधन में भाषण देते हैं 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जी लाल किले पर झंडा फहराते हैं, और तोपों की सलामी दी जाती है स्वतंत्रता दिवस के दिन उन देशभक्तो को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने अपने प्राणो की आहुति दी श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री जी अपना भाषण देते हैं उस भाषण में देश की उपलब्धि और सामाजिक मुद्दों और विकास के बारे में बाते होती है उस दिन ध्वजारोहण, राष्ट्रगान ,परेड समारोह, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं ध्वजारोहण भारत के सभी सरकारी गैर सरकारी विद्यालय महाविद्यालय सभी जगह पर होता है और सभी जगहों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती है।
स्वतंत्रता दिवस पर खतरा
स्वतंत्र दिवस मनाने के दौरान खतरों का डर रहता है जो की आतंकवाद का डर है इसलिए उस दिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी की कड़ी सुरक्षा के साथ ही दिल्ली मुंबई और जम्मू कश्मीर जैसे अन्य बड़े शहरों को हमलो से बचाने के लिए लाल किले पर ‘नो फ्लाई जॉन ‘ घोषित कर दिया है , सुरक्षा की वजह से पूरे देश में पुलिस बल को तैनात किया जाता है देश भले ही स्वतंत्र हो गया हो पर ब्रिटिश राज्य के धार्मिक आधार के कारण भारत का विभाजन हूआ जिसके कारण भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ भारत के विभाजन के बाद देश में हिंसक दंगे भड़के और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं होने लगी देश के बंटवारे में आतंकवाद को जन्म दिया जिसका असर आज हमारा देश सह रहा है।
15 अगस्त का दिन हम हिंदुस्तानियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है हमें उन शहीदों के प्रति नतमस्तक होकर श्रद्धा से शीश झुकाना चाहिए और उनके प्रति हमारा शीश स्वम् ही नतमस्तक हो जाता है। जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई। इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम ऐसे कार्य करें जिससे हमारे देश का नाम रोशन हो इसके लिए हमें देश की कुछ खतरनाक रोग जैसे घुस ,जमाखोरी ,कालाबाजारी, भ्रष्टाचार,जैसी बीमारियों को खत्म करना होगा ताकि देश के लिए जिन्होंने अपनी आहुति दी वह व्यर्थ ना जाए।
स्वतंत्रता दिवस पर अनुच्छेद- 15 August par Paragraph
स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और गर्व के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। यह दिन भारत की आजादी की याद को ताजगी से याद करने का मौका प्रदान करता है। 15 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों की गुलामी से आजादी हासिल की।
इस दिन का महत्व उन सभी वीर शहीदों के बलिदान के प्रति है, जो अपने प्राणों की आहुति देकर देश की स्वतंत्रता की राह में चले गए। स्वतंत्रता दिवस के दिन हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके साहस और बलिदान को सलामी देते हैं।
यह दिन देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है। हम इस दिन पर तिरंगे का गर्व और शान से सम्मान करते हैं, और राष्ट्रगान गाकर राष्ट्रीय एकता का संदेश देते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के दिन देशभक्तों और समाज के अनुयायियों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी शामिल होते हैं। हर वर्ष लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और भारतीय झंडे को गर्व से सलामी दी जाती है।
इस अवसर पर हम सभी को याद दिलाना चाहिए कि हमारी स्वतंत्रता की क़ीमत बहुत महंगी थी और हमें इसकी समझदारी से उपयोग करनी चाहिए। हम सभी को समाज के विभिन्न बुराइयों से लड़ने और देश के उत्थान में सहायता करने का संकल्प लेना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के समृद्धि और उन्नति के लिए एक प्रेरक दिन है। हम सभी को गर्व है कि हम भारतीय हैं और हमें इस देश की संविधानिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना चाहिए।
इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम सभी को एकजुट होकर देश के विकास और प्रगति में योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए। हम एक सशक्त और उत्कृष्ट भारत के निर्माण में योगदान कर सकते हैं, जिससे हमारे स्वतंत्र देश का नाम विश्व में ऊंचा होगा। आओ इस स्वतंत्रता दिवस को नए सपनों और उम्मीदों से भरें, और देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं।
2023 स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन- 15 August par 10 line
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस भाषण | 15 August swatantrata diwas par bhashan
सभी माननीय उपस्थिति, आदरणीय अतिथियों, और प्रिय विद्यार्थियों को नमस्कार।
आज हम सभी यहां स्वतंत्रता दिवस के इस खास अवसर पर एकता और समरसता का संदेश देने के लिए इकट्ठे हुए हैं। 15 अगस्त , हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिस दिन हम ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुए थे और स्वतंत्रता की मिसाल पेश की थी। इस दिन नहीं सिर्फ हमारे देश के नागरिक, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक गर्व का दिन है।
स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर हमें अपने देश के वीर सैनिकों को याद करना चाहिए, जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमें आज़ाद भारत मिलाया। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके साहस और बलिदान को सलाम करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस को मनाने से हमें अपने देश के महानता, साहस, और समर्थन की भावना से प्रेरित होना चाहिए। हमें यह समझना है कि हमारे देश की स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए हम सभी को सहयोग करना होगा। हमें एकजुट होकर समस्याओं का सामना करना होगा और देश के विकास के लिए सक्रिय योगदान देना होगा।
आज हमारे देश में भी अनेक चुनौतियों का सामना हो रहा है, परंतु हमें आत्मविश्वास रखना होगा कि हम उन समस्याओं को परास्त कर सकते हैं। हमें भ्रष्टाचार, जातिवाद, समाज में असामाजिकता, और विकास में असमानता जैसी समस्याओं का समाधान करना होगा।
स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने देश के प्रति प्रेम और समर्पण से भरा रहना होगा। हमें राष्ट्रभाव को अपनाना होगा और एक उत्तम नागरिक के रूप में अपना योगदान देना होगा।
इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश के विकास और समृद्धि में सक्रिय रूप से योगदान करेंगे। हम सभी को यह समझना होगा कि हमारे प्रत्येक कदम से हम अपने देश को मजबूत बना रहे हैं और उसके विकास में सहायक हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम अपने देश के विकास के लिए समर्थ होते हैं और उसे गर्व से आगे बढ़ाते हैं।
आओ हम सभी मिलकर समरसता, एकता, और साहस का संदेश दें, और अपने देश को शांति, समृद्धि, और उन्नति की ओर अग्रसर करें। आओ हम सभी एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत करें, और अपने देश को एक महान राष्ट्र बनाने में सहायता करें। अल्लामा इकबाल की द्वारा चार पंक्तियों :
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा सब मिट गए जहाँ से|| अब तक मगर है बाक़ी नाम-व-निशाँ हमारा | कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी| सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा| सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा || हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा जय हिंद! जय भारती!
धन्यवाद। जय हिंद। 🇮🇳
Read in English: Independence Day essay in English for teachers and Students https://knowledgeocean.in/independence-day-essay-in-english/4749/
15 अगस्त पर छोटा भाषण PDF -15 august Hindi bhashan pdf
15 अगस्त पर छोटा भाषण PDF यहाँ से डाउनलोड कर सकते है।
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1 thought on “15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, 10 लाइन, Essay on independence Day”
15 अगस्त 1918 को पूरे भारत में 72 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। धन्यवाद सूरज गुप्ता जी हमारी टीम ने हाल ही में इस पोस्ट को अपडेट करा है।
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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2023 (Independence Day Essay in Hindi)
15 अगस्त 1947, भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपूर्ण दिन था, जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिये आजादी हासिल की। भारत की आजादी के साथ ही भारतीयों ने अपने पहले प्रधानमंत्री का चुनाव पंडित जवाहर लाल नेहरु के रुप में किया जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे झंडे को पहली बार फहराया। आज हर भारतीय इस खास दिन को एक उत्सव की तरह मनाता है।
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भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2023 पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Independence Day/15 August 2023 in Hindi, Swatantrata Diwas par Nibandh Hindi mein)
यहाँ बहुत ही आसान भाषा में स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में निबंध पायें:
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द) – (Essay on 77th Independence Day)
15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता को याद करने के लिये राष्ट्रीय अवकाश के रुप में इस दिन हर साल भारत के लोगों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के उन महान नेताओं को श्रदा्ंजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत के लोग सदा के लिये आजाद हुए।
स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने के बाद भारतीयों को संम्बोधित किया। इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बढ़ाया जहां झंडारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हर साल इसी दिन आयोजित होते हैं। कई लोग इस पर्व को अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के मायने
स्वतंत्रता दिवस को मनाने का अर्थ केवल औपचारिक तौर पर ध्वजारोहण करना नहीं है अपितु स्वतंत्रता के महत्त्व को समझने और शहीदों के योगदान का स्मरण करना भी है।
भारत एक ऐसा देश है जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, परंपरा, और संस्कृति के एक साथ रहते है और स्वतंत्रता दिवस के इस उत्सव को पूरी खुशी के साथ मनाते हैं। इस दिन, भारतीय होने के नाते, हमें गर्व करना चाहिये और ये वादा करना चाहिये कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये सदा देशभक्ति से पूर्णं और ईंमानदार रहेंगे।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2 (400 शब्द) – Essay on 15 August
ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की वजह से भारत में स्वतंत्रता दिवस सभी भारतीयों के लिये एक महत्वपूर्णं दिन है। हम इस दिन को हर साल 15 अगस्त 1947 से मना रहे है। गांधी, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, तिलक और चन्द्रशेखर आजाद जैसे हजारों देशभक्तों की कुर्बानी से स्वतंत्र हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में गिना जाता है।
आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे उत्सव की जगह को सजा कर, फिल्में देखकर, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर तथा कई सारे सामाजिक क्रियाकलापों में भाग लेकर। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति, और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।
राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते हैं। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते हैं। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से संबंधित फिल्में देखते हैं साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और 200 साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। स्वतंत्रता के लिये किये गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये हर भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चुल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 3 (500 शब्द) – स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Independence day)
15 अगस्त 1947 एक ऐसी तिथी है जिसे हमारे इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। एक ऐसा दिन जब भारत आज़ाद हुआ, अंग्रेज़ भारत छोड़ने पर मज़बूर हो गये थे। हमें दो सौ साल कि गुलामी से आज़ादी मिली थी, तो जश्न भी उतना ही बड़ा होना था और शायद यही वजह है कि आज भी हम इसे उतने ही धूम-धाम से मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Indian Independence Day)
अंग्रेजों के भारत पर कब्जे के बाद हम अपने ही देश में गुलाम थे। पहले सब कुछ हमारा था जैसे कि धन, अनाज, ज़मीन परंतु अंग्रेजों के आने के बाद किसी चीज़ पर हमारा अधिकार नहीं था। वे मनमाना लगान वसूलते और जो मन उसकी खेती करवाते जैसे नील और नकदी फसलों की खेती आदि। ऐसा खास तौर पर बिहार के चंपारण में देखा गया। हम जब भी उनका विरोध करते हमें उससे भी बड़ा जवाब मिलता, जैसे कि जलियांवाला बाग हत्याकांड।
प्रतारण की कहानियों की कमी नहीं है और न ही कमी है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साहस पूर्ण आंदोलनों की, उनके अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज़ हमारे लिए यह इतिहास है। अंग्रेजों ने हमें बुरी तरह लूटा, जिसका एक उदाहरण कोहिनूर भी है, जो आज उनकी रानी की ताज कि शोभा बढ़ा रहा है। लेकिन हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर आज भी सबसे कुलीन है और शायद यही वजह है कि आज भी हमारे देश में अतिथियों को देवताओं की तरह पूजा जाता है और जब-जब अंग्रेज भारत आएंगे हम उनका स्वागत करते रहेंगे लेकिन इतिहास का स्मरण करते हुए।
स्वतंत्रता सेनानीयों का योगदन (Contribution of Freedom Fighters)
हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे गांधी जी, जिनका आज़ादी के लिए संघर्ष में अतुल्य योगदान रहा है और वे सबसे लोकप्रिय भी थे। उन्होने सबको सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया और वह अहिंसा ही था, जो सबसे बड़े हथियार के रूप में उभरा और कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति के जीवन में भी उम्मीद के दीपक जलाए। गांधी जी ने देश से कई कुप्रथाओं को हटाने के कुलजोर प्रयास किये और सभी तबकों को साथ लाया, जिसकी वजह से यह लड़ाई और आसान हो गई। उनके लिये लोगों का प्यार ही था जो लोग उन्हें लोग बापू बुलाते थे।
साइमन कमीशन के विरोध में सब शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच अंग्रेजों ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया और इसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इससे आहत होकर भगत सिंह, सुख देव, राजगुरू ने सांडर्स की हत्या कर दी और बदले में इन्हें फ़ासी की सजा हुई और वे हंसते-हंसते फ़ासी की तख्त पर चढ़ गए।
आजादी की इस लड़ाई में सैकड़ों ऐसे नाम हैं जैसे सुभाष जन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि जिनके योगदान अतुलनीय हैं।
आजादी का रंगीन पर्व (Independence Day Festival)
स्वतंत्र भारत में इस पर्व को मनाने के तरीके अलग-अलग हैं। हफ्ते भर पहले से बाजारों में रौनक आ जाती है, कहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है, तो कहीं तीन रंगों की लाइटें। पूरा समां ही मानो इन रंगों में समा जाता है। कहीं पर खुशी का माहौल होता है, तो कहीं देशभक्ती गीतों की झनकार। पूरा देश नाचते-गाते इस उत्सव को मनाता है। लोग खुद भी झूमते हैं और दूसरों को भी थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। पूरा देश एक जुट हो जाता है वो भी ऐसे, कि क्या हिंदू क्या मुसलमान, कोइ भेद ही नज़र नहीं आता।
जैसा की स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है और स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय सब बंद रहते हैं। लेकिन यह लोगों का उत्साह ही है जो इस दिन को मनाने के लिए सब एक जुट होते हैं और बड़े हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है, तिरंगा फहराया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 4 (600 शब्द) – स्वतंत्रता दिवस: महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल (Important Timelines of Indian Independence Day)
भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है हमारा स्वतंत्रता दिवस, एक ऐसा दिन जब भारत आज़ाद हुआ था। कहने को अंग्रेज़ भारत छोड़ कर चले गए थे, लेकिन यह आजादी और भी कई मायनों में ज़रुरी और अलग थी। हम अब न तो शारीरिक रूप से गुलाम थे और न ही मानसिक तौर पर। हमें खुल के बोलने, पढ़ने, लिखने, घूमने हर क्षेत्र में आजादी मिल गयी थी।
महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल
- अंग्रेजों का भारत आगमन (British arrival in India)
बात उन दिनों की है जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। 17वीं शताब्दी में अंग्रेज़ व्यापार करने भारत आए, उस समय यहां मुगलों का शासन था। धीरे-धीरे अंग्रेजों ने व्यापार के बहाने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया और कई राजाओं को धोखे से युद्ध में हरा के उनके क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया। 18वीं सदी तक ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से अपना वर्चस्व स्थापित कर, अपने आस-पास के क्षेत्रों को वशीभूत कर लिया।
- भारत एक गुलाम के तौर पर (India as a Slave)
हमें एहसास हो चुका था कि हम गुलाम बन चुके हैं। हम अब सीधे ब्रितानी ताज़ के अधीन थे। शुरू-शुरू में अंग्रेजों ने हमें शिक्षित करने या हमारे विकास का हवाला देकर हम पर अपनी चीज़े थोपना शुरू कि फिर धीरे-धीरे वह, उनके व्यवहार में शमिल हो गया और वे हम पर शासन करने लगे।
अंग्रेजों ने हमें शारीरिक, मानसिक हर तौर से प्रताड़ित किया। इस दौरान कई युद्ध भी हुए, जिसमें सबसे प्रमुख था द्वितीय विश्व युद्ध, जिसके लिए थोक के भाव में भारतियों की सेना में जबरन भर्ती की गयी। भारतीयों का अपने ही देश में कोई अस्तित्व नहीं रह गया था, अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे नरसंहार को भी अंजाम दिया और भारतीय केवल उनके दास मात्र बन के रह गए थे।
- राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना (National Congress Party Founded)
इस संघर्षपूर्ण वातावरण के बीच 28 दिसम्बर 1885 को 64 व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। जिसमें दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम की महत्वपूर्ण भूमिका रही और धीरे-धीरे क्रान्तिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया जाने लगा, लोग बढ़ चढ़कर पार्टी में भाग लेने लगे।
इसी क्रम में भारतीय मुस्लिम लीग की भी स्थापना हुई। ऐसे ही कई दल सामने आये और उनके अतुल्य योगदान का ही नतीज़ा है कि हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जिसके लिए कई वीरों ने गोली खाई और कईयों को तो फांसी हुई, कई मांओं की कोखें रोईं, तो कुछ भरी जवानी अभागन हुई।
- सांप्रदायिक दंगे और भारत का बंटवारा (Communal Riots and Partition Of India)
इस प्रकार देश को अंग्रेज़ छोड़ के तो चले गये और हम आज़ाद भी हो गये परंतु एक और जंग अभी देखना बाकी था, जो की थे सांप्रदायिक हमले। स्वतंत्रता प्राप्त करते ही सांप्रदायिक हिंसे भड़क उठे, नेहरू और जिन्ना दोनों को प्रधानमंत्री बनना था, नतीज़न देश का बटवारा हुआ।
भारत और पाकिस्तान नाम से एक हिंदू और एक मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना हुई। गांधी जी की मौजूदगी से इन हमलों कमी तो आई, फिर भी मरने वालों कि तादात लाखों की थी। एक तरफ आजादी का माहौल था तो वहीं दूसरी ओर नरसंहार का मंज़र। देश का बटवारा हुआ और क्रमशः 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया।
- स्वतंत्र भारत व आजादी का पर्व (Free India and Independence Day)
आजादी एवं बटवारे के बाद हम हर वर्ष, स्वतंत्रता दिवस को अपने अमर वीर ज़वानों एवं दंगे में मारे गए निर्दोष लोगों को याद कर के मनाते हैं। अमर ज़वानों की कोई निश्चित गणना नहीं है, क्योंकि इसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब शामिल थें।
पूरा देश एक जुट था तब जाकर ये सपना साकार हुआ। हां कुछ प्रमुख देश भक्त ऐसे थे जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता जैसे की भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरू जिन्हें फांसी हुई, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस इत्यादि। महिलाएं भी इस काम में पीछे न थीं, जैसे कि एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू व कई अन्य।
नए दौर में स्वतंत्रता दिवस के मायने (Meaning of Independence Day in the New Era)
स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी बड़े ज़ोरो-शोरों से की जाती है, लाल किले के प्राचीर से हर वर्ष हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी तिरंगा फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्र गान एवं उनके भाषण के साथ कुछ देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं, जिनका आनंद हम वहां प्रस्तुत हो कर या घर बैठे वहां के सीधे प्रसारण से ले सकते हैं।
हर वर्ष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किसी अन्य देश से बुलाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इस मौके पर सारे स्कूल, कॉलेज, कार्यालय सब बंद रहते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जिसे पूरा देश एक जुट हो के मनाता है, बस सबके ढ़ग अलग-अलग होते हैं। कोई नई पोशाक पहन के तो कोई देशभक्ति गीतों को सुन के इस दिन को मनाता है।
यह पर्व हमें अमर वीरों के बलिदान के साथ-साथ इतिहास को न भूलने का स्मरण कराता है, ताकी दोबारा किसी को व्यापार के बहाने शासन का मौका न दिया जाए और आज के युवा पीढ़ी का परिचय उनके गौरवपूर्ण इतिहास से कराया जाए। भले ही स्वतंत्रता दिवस मनाने के सबके तरीके अलग हों, मकसद एक ही होता है। सब मिल-जुल कर एक दिन देश के लिए जीते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं और मित्रों को मुबारक बाद देते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 5 (1000 शब्द) – गुलामी से स्वतंत्रता तक (Essay on 15th August/Independence Day: From Slavery to Freedom)
15 अगस्त का दिन हमारे भारतीय लोकतंत्र और भारतीयों के लिए बहुत खास दिन है। इसी दिन हमें अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी, लगभग 200 वर्षों बाद हमारा देश अंग्रेजों के अत्याचार और गुलामी से 15 अगस्त सन् 1947 को पूर्ण रुप से आजाद हुआ था। यह भारतीयों के लिए बहुत खास और सुनहरा दिन होता है, और हम सभी मिलकर आजादी के इस दिन को बड़े जोश और धुमाधाम से मनाते हैं। आज हमारे देश की आजादी को 76 वर्ष हो गये हैं, पर आज भी आजादी के उन पलों को याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास (Indian History of Freedom)
- अंग्रेजों का भारत आगमन (Arrival of British India)
आज से तकरीबन 400 वर्षों पहले अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से भारत में आयी थी। उन दिनों पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत के ही हिस्से हुआ करते थे। अंग्रेज यहां अपने व्यापार के साथ-साथ लोगों की गरीबी, मजबूरी और उनकी कमजोरीयों को परखने लगे, और उनकी मजबूरियों का फायदा उठाने लगे।
अंग्रेजों ने धीरें-धीरें भारतीयों के मजबूरियों का लाभ उठाकर उनको गुलाम बनाकर उन पर अत्याचार करना शुरु कर दिया, और मुख्य रुप से ये गरीब और मजबूर लोगो को अपने कर्ज तले दबा देते थे। कर्ज न चुकाने पर वो उन्हें अपना गुलाम बनाकर उनपर मनमाना काम और अत्याचार करने लगे। एक-एक करके राज्यों और उनके राजाओं को अपने अधिन करते चले गए, और लगभग पुरे भारत पर अपना नियंत्रण कर लिए।
- भारतीयों पर अत्याचार (Atrocities on Indians)
अंग्रेजों का भारत पर कब्जा करने के दौरान वे लोगों पर अत्याचार करने लगे, जैसे मनमाना लगान वसुलना, उनके खेतों और आनाजों पर कब्जा कर लेना, इत्यादि। इसके कारण यहां के लोगों को उनका बहुत अत्याचार सहना पड़ता था। जब वे इस अत्याचार का विरोध करते थे तो उन्हे गोलियों से भुन दिया जाता था जैसे कि जलियावाला कांड हुआ।
- अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ भारतीयों का गुस्सा (Anger of Indian People against British rule)
अंग्रेजों का भारतीयों के प्रति रवैया और उनका अत्याचार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा था और भारतीयों में उनके प्रति गुस्सा और बदले की आग भी बढ़ती जा रही थी। अंग्रेजों के इस बर्बरता पूर्ण रवैये की आग पहली बार सन् 1857 मे मंगल पांड़े के विद्रोह के रुप में देखी गयी। मंगल पांडे के इस विद्रोह के कारण उन्हें मार दिया गया, इससे लोगों में अंग्रेजों के प्रति गुस्सा और बढ़ता गया और नए नए आंदोलनों के रुप सामने आने लगा।
- आजादी की मांग (Demand of Freedom)
अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार को लेकर लोगों में गुस्सा और अपने आजादी की मांग सामने आने लगी। जिसके कारण कई आंदोलन और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ झड़प की घटनाएं बढ़ती रही। आजादी की मांग सबसे पहले मंगल पांडे ने 1857 में विरोध करके किया, और इस वजह से उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी। धीरे-धीरे अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी के मांग की आवाजें भारत के अन्य जगहों से भी आने लगी।
- स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता सेनानियों का महत्वपुर्ण योगदान (Important Contribution of Freedom Fighters for Freedom)
भारत को अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया है, उनमें से सबसे अतुल्य योगदान महात्मा गांधी का रहा है। भारत पर लगभग 200 वर्षो से शासन कर रहे ब्रिटिश हुकमत को गांधी जी ने सत्य और अहिंसा जैसे दो हथियारों से हारने पर मजबूर कर दिया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को ही अपना हथियार बनाया और लोगो को भी प्रेरित किया और लोगों को इसे अपनाकर अंग्रेजो के अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए कहा। देश के लोगों ने उनका भरपूर साथ दिया और आजादी मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। लोग उन्हे प्यार और सम्मान से बापू पुकारते थे।
- कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का आजादी में योगदान (Contribution of Some Other Freedom Fighters for Freedom)
हालाकि स्वतंत्रता के संग्राम में पूरे हिन्दुस्तान ने ही अपने तरीके से कुछ न कुछ अवश्य योगदान दिया, किन्तु कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने नेतृत्व, रणनीती और अपने कौशल का परिचय देते हुए आजादी में आपना योगदान किया।
महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक जैसे कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने लोगों से साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। कुछ ने मुख्य रुप से सत्य और अहिंसा को अपनाकर अपनी लड़ाई को जारी रखा। वहीं दुसरी ओर कुछ ऐसे भी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हिंसा का रास्ता अपनाया, जिन्हें एक क्रांतिकारी का नाम दिया गया। ये क्रांतिकारी मुख्य रुप से किसी संस्था से जुड़कर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को लड़ते रहे। मुख्य रुप से मंगल पांड़े, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिहं, राजगुरु इत्यादि कई ऐसे क्रांतिकारी हुए जिन्होंने अपने तरीके से स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया।
सभी के अडिग दृढ़ शक्ति और आजादी के प्रयासो ने अंग्रेजों की हुकुमत को हिला दिया, और 15 अगस्त सन् 1947 को अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबुर कर दिया। इस ऐतिहासिक दिन को ही हम संवतंत्रता दिवस के रुप मे मनाते है।
आजादी का जश्न (Celebration Freedom )
हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और लोगों के अथक प्रयासों और बलिदान के उपरान्त, 15 अगस्त 1947 को अंगेजों के अत्याचार और गुलामी से हमें मुक्ति मिली, तब से लेकर आज तक इस ऐतिहासिक दिन को हम आजादी के पर्व के रुप मे मनाते हैं। आजादी के इस राष्ट्रीय पर्व को देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। सभी सरकारी, निजी संस्थानों, स्कुलों, आफिसों और बाजारों मे भी इसके जश्न की रौनक देखी जा सकती है।
स्वतंत्रता समारोह का यह जश्न दिल्ली के लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराया जाता है और कई अन्य सांसकृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इस दिन हर तरफ सभी लोग देश भक्ति के माहौल में डूबकर जश्न मनाते हैं।
15 अगस्त, एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय दिवस के रुप में जाना जाता है, और हम इस दिन को आजादी के दिन के रुप में हर वर्ष मनाते हैं। सभी सरकारी संस्थानों, स्कूलों और बाजारों में इसकी रौनक देखी जा सकती है और हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है। हर जगह चारों तरफ बस देशभक्ति की आवाजें ही सुनाई देती हैं, हम आपस में एक दुसरे से मिलकर आजादी की मुबारकबाद देते हैं और उनका मुंह मीठा कराते हैं।
FAQs: Frequently Asked Questions
उत्तर – स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है।
उत्तर – स्वतंत्रता दिवस को झण्डा लाल किले पर फहराया जाता है।
उत्तर – स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा देश का प्रधानमंत्री फहराता है।
उत्तर – स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 अगस्त की तारीख लॉर्ड माउंटबेटन ने चुनी थी।
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“15 अगस्त” स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
15 August – Independence Day essay in Hindi
15 August – 15 अगस्त हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है हम सबकों पता हैं भारत ने 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता हासिल की। जिसे हम स्वतंत्रता दिवस – Independence Day के रूप में हर साल 15 अगस्त को मनाते जाता है इसलिए, यह दिन भारत के नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
स्वतंत्रता दिवस, भारत का प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है, जो कि हर भारतीय के लिए बेहद महत्वपूर्ण और खास दिन है। इसी दिन हमारा भारत देश, क्रूर ब्रिटिश शासकों के चंगुल से सालों बाद आजाद हुआ था। वहीं भारत को आजादी दिलवाने के लिए भारत माता के कई महान वीर सपूत और स्वतंत्रता सेनानियों कई सालों तक लड़ाई लड़ी और कठिन संघर्ष किया।
आजादी की इस लड़ाई में भारत के इन शहीदों ने न सिर्फ अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया बल्कि कई वीरों ने अपने प्राणों तक की आहुति दे दी। इन वीर जवानों के आत्मसमर्पण, त्याग और बलिदान की वजह से ही आज हम सभी भारतीय आजाद भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं।
वहीं स्वतंत्रता दिवस के दिन इन सभी वीर जवानों को याद करने के लिए और इनके प्रति अपने कृतज्ञता प्रकट करने के साथ-साथ आज की युवा पीढ़ी के अंदर भारत के वीर जवानों के लिए सम्मान का भाव पैदा करने एवं आजादी के महत्व को समझाने के लिए कई स्कूलों में विद्यार्थियों को स्वतंत्रता दिवस / 15 अगस्त पर निबंध ( Independence Day Essay ) लिखने के लिए भी कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –
“15 अगस्त” स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – 15 August Independence Day essay in Hindi
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को सभी भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह का जश्न मनाते हैं। हमारा देश, भारत, एक गौरवशाली इतिहास के साथ एक प्राचीन भूमि है। हमारी समृद्ध परंपरा और विभिन्नताओं ने भारत को एक प्रतिष्ठित भूमि बनाया।
बहुत कठिन संघर्ष के बाद भारत को आजादी मिली। 15 अगस्त, 1947 को, हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यहाँ सभी जाति, धर्म और पंथ के लोग इस दिन को बड़े आनन्द के साथ मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पूरे भारत में बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। लोग बैठकें आयोजित करते हैं। तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्रगान (जन गण मन) गाया जाता हैं।
भारत की राजधानी दिल्ली में लोग लाल किले के सामने परेड ग्राउंड में बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं। विदेशी राजदूत और गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में हिस्सा लेते हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। 21 बंदूकों की सलामी दी जाती है।
देश की आजादी के लिए जीन स्वतंत्रता सेनानी और भारत के शहीद जवानों ने अपने जीवन का त्याग किया उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद, यह कार्य हमारे राष्ट्रीय गान के साथ समाप्त हो जाता हैं।
हर साल हम स्वतंत्रता दिवस की स्वतंत्रता की भावना और श्रद्धा और बलिदान के लिए श्रद्धांजलि के रूप में मनाते हैं।
भारत के स्वतंत्रता दिवस पर, हम सभी महान व्यक्तियों को स्मरण करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्कूल और कॉलेजों में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाता हैं। जहां अध्यापकों और छात्रों द्वारा कई गतिविधियां की जाती हैं।
भारत का स्वतंत्रता दिवस न केवल उत्सव का एक दिन है, यह स्मरण और पूजा का दिन है। हमारे अस्तित्व का, हमारे शहीदों को याद करने का दिन हैं जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन त्याग दिया। हम सशस्त्र बल के कर्मियों को अपनी आभारी कृतज्ञता देते हैं, जो हमें अपनी खुशी, भलाई और सुरक्षा की कीमत पर गार्ड करते हैं।इस तरह हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।
हम दिल से यही दुआ करते हैं की हमारा यह देश ऐसे ही शान से फलता फूलता रहे।
।।“जय हिन्द वंदेमातरम्” ।।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Essay On Independence Day in Hindi
प्रस्तावना –
कई सालों तक अंग्रेजों की गुलामी करने और अत्याचारों को सहने के बाद हमारा भारत देश 15 अगस्त, सन् 1947 में ब्रिटिश राज से आजाद हुआ था।
इसलिए इस दिन को भारत में हर साल स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं और देश के उन वीर सपूतों को याद करते हैं जिन्होंने भारत देश को आजादी दिलवाने के लिए तमाम लड़ाईयां लड़ी और अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया एवं प्राणों की बाजी लगा दी।
“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशाँ होगा वीरों के बलिदान को याद करने का दिन”
ब्रिटिश शासकों ने कई सालों तक भारत की जनता पर अमानवीय अत्याचार किए और जुल्म ढाए थे, जिससे भारत की जनता त्रस्त हो गई थी। जिसे देखते हुए भारत के सच्चे वीर सपूत महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्र शेखऱ आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल , बाल गंगाधर तिलक, तात्या टोपे समेत भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ न सिर्फ अपनी आवाज उठाई बल्कि अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ने और देश को उनके जुल्मों से मुक्त करवाने का दृढ़संकल्प लिया।
भारत को ब्रिटिश राज से आजादी दिलवाने के लिए वीर सपूतों ने अपने क्रांतिकारी विचारों और भाषणों से सभी भारतीयों के मन में आजादी पाने की अलख जगाई और अंग्रेजों के प्रति रोष भरा साथ ही इसके लिए कई सालों तक लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति तक दे दी।
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा को अपना सशक्त हथियार बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ों आंदोलन , नमक सत्याग्रह आंदोलन, दांडी मार्च, सविनय अवज्ञा आंदोलन , खिलाफत आंदोलन , चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह समेत कई आंदोलन चलाकर न सिर्फ अंग्रेजों को भारतीयों की अदम्य शक्ति का एहसास दिलवाया बल्कि उन्हें भारत छोड़ने के लिए भी विवश कर भारत की आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
वहीं दूसरी तरफ सुभाषचंद्र बोस , भगत सिंह , चन्द्रशेखर आजाद जैसे वीर सपूतों ने अंग्रेजों के खिलाफ कई क्रांतिकारी कदम उठाने का साहस कर अंग्रेजों की नाक पर दम कर अंग्रेजों को भारत से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया और क्रांति की ज्वाला फैलाकर अपने प्राणों की आहुति दी।
इसके अलावा समय-समय पर तात्या टोपे , मंगल पांडे , रानी लक्ष्मी बाई समेत देश के कई वीर योद्धा अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते रहे।
इस दौरान भारत माता के कई स्वतंत्रता सेनानियों को न सिर्फ अंग्रेजों के अत्याचारों और विरोध का सामना करना पड़ा था, जेल की यातनाएं सहनी पड़ी थीं बल्कि अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी।
भारत के ये वीर सपूत देश को आजादी दिलवाने के लिए देश के सभी जाति धर्म, संप्रदायों के लोगों को एकजुट कर अंग्रेजों के खिलाफ अपनी आखिरी सांस तक वीरता के साथ लड़ाई करते रहे।
इस तरह इन वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और आत्मसमर्पण के चलते 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजों से आजाद हुआ। इसलिए हर साल भारत में हम इस दिन को स्वतंत्रतता दिवस के रुप में मनाते हैं।
15 अगस्त के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत होता है वातावरण :
15 अगस्त के दिन हर भारतीय आजादी के जश्न में डूबा रहता है। इसे हर भारतीय बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाता है। इस खास दिन को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियों शुरु होने लगती है।
इस मौके पर स्कूल, कॉलेज समेत सरकारी और निजी संस्थानों में हर जगह ध्वजारोहण होता है और कई रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता आदि का भी आयोजन होता है।
वहीं आजादी के इस पर्व के मौके पर हर साल भारत के प्रधानमंत्री द्धारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और यहां भारतीय सेना की विशाल परेड का आय़ोजन किया जाता है एवं अलग-अलग राज्यों की सुंदर झांकियां प्रदर्शित की जाती है और राष्ट्रगान की धुन के साथ यहां पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।
इस दिन देश के हर कोने में आजादी का जश्न मनाया जाता है और इस दिन देश के लिए मर-मिटने वाले शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
भारत में स्वतंत्रता दिवस का हर भारतीय के लिए विशेष महत्व है। इस दिन देश के उन शूर्यवानों की वीरगाथा सुनाई जाती है और उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट की जाती है, जिनकी बदौलत आज हम स्वतंत्र भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं। वहीं हम सब भारतीयों को इस दिन हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।
इसके साथ ही अपने भारत देश को कालाबाजारी, भ्रष्टाचार, जमाखोरी, रिश्वतखोरी आदि से भी आजाद करवाने के लिए शपथ लेना चाहिए और भारत देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए ताकि हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके और पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श देश बन सके।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Swatantrata Diwas Essay in Hindi
15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास दिन है, जिसे सभी जाति, धर्म, पंथ, लिंग समुदायआदि के लोग मिलजुल कर बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं।
इसी दिन सन् 1947 में कई सालों के बाद ब्रिटिश राज से आजादी मिली थी। इस मौके पर हम देश के लिए मर-मिटने वाले देश के उन वीर सपूतों को याद करते हैं और उनकी वीरगाथा का गुणगान करते हैं और उन्हें श्रद्धापूर्वक श्रंद्दाजली अर्पित करते हैं।
15 अगस्त पर लाल किले पर झंडा रोहण की शुरुआत :
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947, की रात में अपने ऐतिहासिक भाषण ”ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” के साथ देश को ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की घोषणा की थी।
और दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया था, तभी से हर स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री द्धारा लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और इस मौके पर कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व – Importance of Independence Day
भारत में स्वतंत्रता दिवस का हर भारतीय के लिए बेहद खास महत्व है। इस राष्ट्रीय पर्व का हर भारतीय को बेसब्री से इंतजार रहता है। सभी लोग मिलजुल कर इस पर्व को हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के इस पर्व के दिन देश के लिए कुर्बानी देने वाले वीर जवानों को याद किया जाता है एवं देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को भावपूर्व श्रद्दांजली अर्पित करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता के महत्व को बताया जाता है साथ ही वीर सपूतों के त्याग और बलिदान की शौर्यगाथा भी सुनाई जाती है, ताकि उनके मन में राष्ट्र के प्रति प्रेम और अपने स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सम्मान की भावना जागृत हो सके।
स्वतंत्रता दिवस, हम सभी भारतीयों के लिए बेहद खास इसलिए भी है क्योंकि इस पर्व के बहाने हम सभी को एक साथ मिलजुल कर रहने और अपनी स्वतंत्रता के महत्व को समझने में मद्द मिलती है।
यह राष्ट्रीय उत्सव देश की आजादी के लिए लड़ी गईं लड़ाईयों और इसके संघर्ष के इतिहास को जिंदा रखता है एवं इसके सही मूल्यों को लोगों को समझाता है। इस मौके पर कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम होते हैं साथ ही कई इलाकों में आसमान में लोग रंग बिरंगी पतंगे उड़ाकर आजादी का जश्न मनाते हैं।
शहीदों को किया जाता है नमन :
भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलवाने के लिए हमारे देश के कई वीर जवानों में अपना लहु बहाया था और अपने प्राणों की आहुति दी थी। तब जाकर कई सालों के बाद हमारा भारत देश अंग्रेजों के चंगुल से 15 अगस्त, 1947 को आजाद हो सका था।
वहीं इस दिन देश के लिए मर-मिटने वाले उन शहीदों को याद कर आज हर भारतीय की आंखें नम हो जाती हैं।इसलिए सभी भारतीय इस पर्व के दिन शहीदों को सच्चे मन से याद कर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन :
राष्ट्रीयता के इस पर्व 15 अगस्त के मौके पर दिल्ली के लाल किले में भारत के प्रधानमंत्री द्धारा झंडा फहराया जाता है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले से हर साल देश की जनता को संबोधित करते हैं और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने एवं देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए शपथ लेते हैं।
इस मौके पर भारत की जल, थल और वायु सेना अपनी ताकत और शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। इसके साथ ही इस पर्व के मौके पर भारत के तिरंगा झंडा को 21 तोपों की सालमी दी जाती है और हेलीकॉप्टर के साथ फूल बरसा कर तिरंगा का सम्मान किया जाता है। आजादी के इस पर्व के मौके पर लाल किले पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
जिसमें बड़ी संख्या में लोग शिरकत करते हैं। इस मौके पर देश के सभी राज्य अपनी-अपनी लोकसंस्कृति, सभ्यता और परंपरा को खूबसूरत झांकियों के द्धारा प्रर्दशित करते हैं। वहीं इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे सभी राजनेता देश के वीर सपूतों के बलिदान को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। इस दिन पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत होता है।
इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत सरकार ने राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है। इस दिन स्कूल, कॉलेज समेत तमाम शिक्षण संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं।
राष्ट्रीयता के इस पर्व को सभी भारतवासी अपने-अपने तरीके से मनाते हैं। इस दिन हर कोई देशभक्ति में डूबा रहता है।
वहीं इस मौके पर स्कूल-कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों, राजनीतिक कार्यालय में तिरंगा झंडा फहराया जाता है और देशभक्ति से जुड़े कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है।
इसके साथ ही इस दिन देश के लिए मर मिटने वाले भारत के महान क्रांतिकारियों और वीर सपूतों को याद किया जाता है और उन्हें सच्चे मन से श्रद्दासुमन अर्पित किए जाते हैं।
इसके अलावा इस दिन टेलीविजन पर भी देशभक्ति पर बनी कई फिल्में और कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं, जिसे देखकर लोग आजादी का जश्न मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के इस राष्ट्रीय पर्व पर सभी भारतवासी मिलकर आजादी का जश्न मनाते हैं और अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने एवं देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के संकल्प लेते हैं।
“आजाद भारत के लाल हैं हम आज शहीदों को सलाम करते हैं युवा देश की शान हैं हम अखंड भारत का संकल्प करते हैं।।”
अगले पेज पर और भी …
3 thoughts on ““15 अगस्त” स्वतंत्रता दिवस पर निबंध”
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स्वतंत्रता दिवस | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में- Independence Day Essay in Hindi
दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Independence Day Essay in Hindi ( Swatantrata Diwas | 15 August par nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 800 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.
In this article, we are providing information about Independence in Hindi | 5 well written essay on Independence in Hindi Language. स्वतंत्रता दिवस पर पूरी जानकारी जैसे की पृष्ठभूमि, इतिहास, महत्व-विशेषता, राष्ट्रीय पर्व का दिन, महत्व, अदि के बारे बताया गया है।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में| Independence Day Essay in Hindi
Republic Day Essay in Hindi 10 Lines
1. स्वतंत्रता दिवस हमारा महान् राष्ट्रीय पर्व है।
2. सन् 1947 की पन्द्रह अगस्त को ही सर्वप्रथम हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी।
3. इस दिन लोग शहीदों के बलिदान को याद करते है।
4. स्वतंत्रता दिवस पर्व प्रति वर्ष पन्द्रह अगस्त को समस्त भारत में अति उत्साह और हर्ष के वातावरण में मनाया जाता है।
5. इस दिन प्रातः काल से ही हर नगर, ” हर कस्बे और गाँव में प्रभात फेरियों का आयोजन होता है।
6. इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में विशेष आयोजन होता है।
7. विद्यालयों, सरकारी-गैरसरकारी भवनों कल-कारखानों, चौराहों, मैदानों आदि पर तिरंगे झंडे फहराए जाते हैं।
8. इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भारतवासियों के नाम संदेश प्रसारित करते हैं।
9. पन्द्रह अगस्त भारत वर्ष के इतिहास का सबसे उज्जवल पवित्र और महत्वपूर्ण दिवस है।
10. यह दिवस हमें स्वतंत्रता की महिमा का संदेश देता है।
Read Also- 10 lines on Independence Day in Hindi
Short Independence Day Essay in Hindi ( 150 words )
15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है। पहले हमारा देश गुलाम था। हमारे देश पर अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेजी सरकार भारत के लोगों पर अत्याचार करती थी।
भारतवासी अंग्रेजों के साथ लड़े। बहुत से लोगों ने इस लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान किया। अन्त में 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। तब से इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं। पर इस दिन पाठशालाओं में खुशी का माहौल रहता है। सबसे पहले झण्डा फहराया जाता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। इसके बाद बच्चे अनेक मनोरंजक कार्यक्रम करते हैं। बच्चों में मिठाईयाँ बाँटी जाती हैं।
राजधानी दिल्ली में देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झण्डा फहराते हैं । वे देश की जनता के सामने भाषण देते हैं।
15 अगस्त को पूरा देश खुशी के साथ मनाता है । इस दिन हम उन लोगों को याद करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बलिदान दिया ।
स्वतंत्रता दिवस |15 अगस्त पर निबंध | 15 August Essay in Hindi ( 300 to 350 words )
स्वाधीनता की इच्छा प्राणिमात्र में रहती है। एक पक्षी भी बन्दी जीवन की अपेक्षा स्वतंत्र जीवन पसन्द करता है, तो मनुष्य का तो कहना ही क्या ? दुर्भाग्य से कुछ शताब्दियों पूर्व भारतीयों को पराधीन होना पड़ा। किन्तु ‘पराधीन सपनेहुं सुख नाहीं’ के अनुसार देश स्वाधीनता के लिए छटपटाने लगा। देशभक्त बुद्धिमानों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष आरम्भ किया।
देश को स्वाधीन देखने की इच्छा से अनेक वीर हँसते-हँसते फाँसी के तख्ते पर चढ़ गए; अनेकों ने छाती पर अंग्रेजों की गोलियों को सहन किया और हजारों लोग—स्त्री और पुरुष, बालक, युवक और वृद्ध—कारावास के कष्टों को झेलते रहे। अनेक ज्ञात-अज्ञात वीरों ने इस स्वतंत्रता यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी। तक जाकर हमें स्वतंत्रता के पुण्य प्रभात के दर्शन हुए।
स्वतंत्रता दिवस हमारा महान् राष्ट्रीय पर्व है। यह पर्व प्रति वर्ष पन्द्रह अगस्त को समस्त भारत में अति उत्साह और हर्ष के वातावरण में मनाया जाता है। यही वह पवित्र दिवस है, जब शताब्दियों की पराधीनता के अनन्तर भारत स्वाधीन हुआ था। सन् 1947 की पन्द्रह अगस्त को ही सर्वप्रथम हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी।
स्वतंत्रता दिवस का यह उत्सव यद्यपि भारत के नगर-नगर ग्राम-ग्राम में आनन्द और उमंग से मनाया जाता है, पर भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव की विशेष चहल-पहल होती है। इस उत्सव का प्रमुख स्थल होता है- लाल किले का मैदान इस मैदान में दिल्ली की जनता उत्सव देखने के लिए उमड़ पड़ती है। इस अवसर पर देश के प्रधानमन्त्री राष्ट्रीय ध्वज लहराते हैं, इकत्तीस तोपों से ध्वज को प्रणाम किया जाता है, और तद् पश्चात् जल, स्थल तथा वायु सेनाओं की टुकडियाँ ध्वज को प्रणाम करती हैं। तदनन्तर प्रधानमन्त्री देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस को सन्देश देते हैं। इसके पश्चात् राष्ट्र गान होता है। राष्ट्रगान के अनन्तर यह कार्यक्रम समाप्त हो जाता है। रात्रि में सरकारी भवनों पर प्रकाश भी किया जाता है।
वास्तव में यह भारत के गौरव और सौभाग्य का पर्व है, जो हमारे हृदयों में नवीन आशा, नवीन स्फूर्ति, उत्साह और देश भक्ति का संचार करता है। यह उत्सव हमें स्मरण कराता है कि स्वाधीनता को पाना जितना कठिन है, उसे सुरक्षित रखना उससे भी अधिक कठिन है। अतः सभी भारतवासियों को सब प्रकार के भेद-भाव भुलाकर राष्ट्र की उन्नति के लिए तत्पर रहना चाहिए।
Swatantrata Diwas Essay in Hindi
Long Essay on Independence Day in Hindi with headings ( 800 words )
भूमिका
बालधर गंगाधर तिलक ने कहा था- “स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। इस मंत्र का अनुकरण करके भारतीयों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष बलिदान और त्याग किया। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश शताब्दियों की गुलामी के बाद आजाद हुआ। इसलिए भारतीयों के लिए पन्द्रह अगस्त का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिक्ख सभी धर्मावलम्बी साथ मिलजुल कर इस पर्व को उल्लास और उमंग के साथ मनाते हैं। यह दिवस भारतीयों के त्याग, बलिदान, शौर्य का पवित्र दिन है। यह भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम दिन है।
पृष्ठभूमि
मुगल शासन के अन्तिम दौर में भारत में अनेक यूरोपीय जातियाँ व्यापार करने के लिए आई। कालान्तर में वे भारत पर शासन करने की चेष्टा में लग गई। काफी संघर्ष के बाद अन्ततः अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार कर लिया। कुछ समय बाद भारतीयों में स्वतंत्रता की चेतना जागृत हुई। परिणाम स्वरूप सन् 1857 में भारत में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम छिड़ा। दुर्भाग्यवश यह प्रथम स्वतंत्रता संग्राम असफल रहा, किन्तु भारतीय जनता में स्वतंत्रता की चेतना बढ़ती गई। सन् 1885 में राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई प्रारम्भ हुई। लम्बे दौर तक यह लड़ाई चलती रही। स्वतंत्रता के लिए अनेक लोगों ने अपना बलिदान दिया, जेल यात्राएँ कीं। क्रांतिकारी और अहिंसक दोनों प्रकार के स्वतंत्रता आन्दोलन होते रहे। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सत्य, अहिंसा और त्याग का सहारा लेकर स्वतंत्रता संग्राम छिड़ा। जिसके फलस्वरूप 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराया गया।
महत्व
15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है। यह एक ऐतिहासिक दिन है। इसी दिन भारत शताब्दियों की गुलामी से आजाद हुआ। भारत माँ के पैरों में पड़ी बेड़ियाँ टूटकर बिखर गई। विदेशी शासन का अन्त हुआ। भारत ने स्वतंत्रता के वातावरण में साँस ली। शताब्दियों से चले आने वाले शोषण, अत्याचार और उत्पीड़न का अंत हुआ। इस स्वतंत्रता के लिए अनेक वीरों ने अपने प्राण न्योछावर किए। अनेक राष्ट्रभक्तों ने न जाने कितनी यातनाएँ सहीं। इस दिन हम शहीदों और देश भक्तों को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं जिनके बलिदान और त्याग से हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस पवित्र दिन को हम शपथ लेते हैं कि हम इस स्वतंत्रता की रक्षा प्राण पण से करेंगे। हम किसी भी मूल्य पर स्वतंत्रता को हाथ से जाने नहीं देंगे। स्वतंत्रता से अधिक मूल्यवान हमारे जीवन में और कोई वस्तु नहीं है। हर कीमत पर इसकी रक्षा करना हर भारतीय का पावन कर्त्तव्य है। स्वतंत्रता दिवस हमारी सबसे अमूल्य धरोहर है।
त्यौहार का दिन
जिस दिन हमारा देश स्वतंत्र हुआ उस दिन से हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही हर नगर, ” हर कस्बे और गाँव में प्रभात फेरियों का आयोजन होता है। बच्चे, जवान, बूढ़े, स्त्री-पुरुष सभी अपने हाथों में राष्ट्रीय पताका लेकर स्वतंत्रता के गीत गाते हैं। सारे वातावरण में ‘वन्देमातरम् और जनगण मन अधिनायक’ की ध्वनियाँ गूंजने लगती हैं। विद्यालयों, सरकारी-गैरसरकारी भवनों कल-कारखानों, चौराहों, मैदानों आदि पर तिरंगे झंडे फहराए जाते हैं। जगह-जगह उत्सव मनाए जाते हैं। तरह-तरह के राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शहीदों को श्रद्धांजलियाँ अर्पित की जाती हैं। चारों ओर उल्लास और उमंग का वातावरण दिखाई पड़ता है। इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में विशेष आयोजन होता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भारतवासियों के नाम संदेश प्रसारित करते हैं।
उपसंहार
पन्द्रह अगस्त भारत वर्ष के इतिहास का सबसे उज्जवल पवित्र और महत्वपूर्ण दिवस है। इस दिवस की स्मृति युगों-युगों तक भारतीयों में त्याग, तप, बलिदान की प्रेरणा देती रहेगी। यह दिवस हमें स्वतंत्रता की महिमा का संदेश देता है। स्वतंत्रता के बाद हमारा देश नवनिर्माण के पथ पर अग्रसर हो रहा है। आज वह अनेक वों में उन्नति कर रहा है। हमारी स्वतंत्रता तभी पूरी होगी जब हम आर्थिक रूप से सम्पन्न होंगे। इस दिशा में हमें प्राणपण से चेष्टा करनी चाहिए।
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- Independence Day Essay In Hindi 15 August Par Nibandh Best 10 Lines For Students Children
15 August Essay: स्वतंत्रता दिवस पर अच्छा निबंध, ऐसे लिखा तो मिल सकता है इनाम
Independence day essay in hindi: स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त पर अक्सर स्कूल और कॉलेज में निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। यहां पर हम आपके लिए एक निबंध लेकर आए हैं, जिससे आप अच्छा हिंदी निबंध लिखने की विधा सीखते हुए प्रतियोगिताओं को जीत सकते हैं।.
15 अगस्त पर निबंध
प्रस्तावना : 15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है। इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता हासिल की और पहली बार दुनिया ने भारत को एक देश में मान्यता दी। स्वतंत्रता दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की बलिदान की भी याद दिलाने वाला दिन है और यह हमें देश की एकता और अखंडता की दिशा में प्रयास करके एकजुट रहने की प्रेरणा भी देता है। संग्राम से आजादी तक: स्वतंत्रता संघर्ष का संक्षिप्त विवरण स्वतंत्रता हासिल करने की यात्रा में अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना संघर्ष किया। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और रानी लक्ष्मीबाई जैसे नेताओं ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ बिना रुके अनवरत प्रयास करते हुए लड़ाई लड़ी। गांधी जी ने अहिंसा और सत्याग्रह के मार्ग को अपनाकर स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी, जबकि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी ज्यादा आक्रामक और प्रतिरोध के दृष्टिकोण के साथ सामने आए।
15 अगस्त का महत्व
15 अगस्त के दिन की महत्ता भारत सरकार और नागरिकों दोनों के लिए ही है। इस दिन की सुबह भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और अन्य उच्च अधिकारी दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं।
यह परंपरा 1947 से चल रही है, जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता की घोषणा की थी। यह ध्वजारोहण समारोह एक प्रमुख राष्ट्रीय उत्सव है जिसमें देश की सशस्त्र बलों, स्कूलों, और कई संगठनों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम और परेड का आयोजन होता है।
स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में होने वाले कार्यक्रम: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज, और अन्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इन कार्यक्रमों में देशभक्ति गीत, नृत्य, निबंध प्रतियोगिता, नाटक और भाषण जैसी गतिविधियां होते हैं, जो विद्यार्थियों और आम नागरिकों को देश के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हैं। मीडिया पर विशेष डॉक्यूमेंट्री, फिल्में और टॉक शो प्रसारित किए जाते हैं जो देश की स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं को दोबारा जीवंत करते हैं।
आज के भारत में स्वतंत्रता दिवस केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं, बल्कि यह एक अवसर है जब हम अपने देश की प्रगति और चुनौतियों की समीक्षा करने का अवसर मिलता है। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता का सही मतलब सिर्फ राजनीतिक आजादी नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक न्याय भी इसमें शामिल है।
15 अगस्त के दिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वतंत्रता का सही उपयोग कर हम एक समृद्ध और समान समाज की दिशा में काम करें।
निष्कर्ष / उपसंहार: 15 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक है और यह हमें हर साल एक नई प्रेरणा देकर जाता है। साथ ही यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और संघर्ष की याद दिलाता है ताकि हम आजाद होने के महत्व को याद रखें।
साथ ही यह दिन देश की प्रगति के लिए हमारी जिम्मेदारियों को समझाता है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश को और ज्यादा मजबूत, एकजुट और समृद्ध बनाएं। जय हिंद!
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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day in Hindi): 15 अगस्त पर निबंध, महत्व, इतिहास जानें
Updated On: October 08, 2024 04:40 PM
- स्वतंत्रता दिवस पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Independence …
- स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में निबंध 200 शब्दो में (Essay …
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दो में (Essay on Independence …
- 15 अगस्त पर हिंदी में निबंध (15 August Essay in …
- स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइनों में निबंध (Essay on Independence …
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day in Hindi): 15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए बहुत ही खास होता है। इस दिन हमारा देश आजाद हुआ था, इसलिए 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश 200 वर्षों की गुलामी के बाद अंग्रेजी हुकूमत से पूरी तरह आजाद हो गया था। स्वतंत्रता दिवस का महत्व (Importance of Swatantrata Diwas) समझाने के लिए अक्सर अभिभावक-शिक्षक छोटे बच्चों को स्वतंत्रता दिवस से पहले स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Swatantrata Diwas Essay in Hindi) / स्वतंत्रता दिवस पर भाषण लिखने का कार्य देते हैं। इसके अलावा कई छोटी कक्षाओं में छात्रों को आने वाली परीक्षा में स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Independence Day Essay in Hindi) लिखने या फिर किसी डिबेट प्रतियोगिता के लिए 15 अगस्त पर भाषण (15th August Speech in Hindi) , स्वतंत्रता दिवस का महत्व जैसे विषयों पर तैयारी करने की जरूरत पड़ती है। जिसके द्वारा बच्चों को उसका स्वतंत्रता दिवस का महत्व (Importance of Independence Day) समझाया जा सकता है। यहां कक्षा 10 के लिए स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day for Class 10) और कक्षा 12 के लिए स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day for Class 12) लिखना भी सीख सकते है। ये भी पढ़ें: - दशहरा पर निबंध स्वतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष 15 अगस्त को भारत में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि 1947 में इसी दिन देश ने अंग्रेजी शासन (British Rule) से आजादी हासिल की थी। स्वतंत्रता दिवस भारत वासियों को यह याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने कैसे शक्ति, संघर्ष और संकल्प के साथ स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। अब आपको 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें (Essay on Independence Day in Hindi) इसके लिए परेशान होने की जरुरत नहीं है इस लेख में हमने हिन्दी में स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day), 15 अगस्त पर भाषण (Speech on 15th August) लिखकर आपकी इस समस्या का समाधान किया है। जिसके जरिये आप स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day) और स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Speech on Independence Day in Hindi) आसानी से तैयार कर सकते है। ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस पर निबंध
स्वतंत्रता दिवस पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Independence Day in 100 words)
यहां आप स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on independence day in 100 words in Hindi) लिखना सीख सकते है और स्वत्रंता दिवस के बारे में सभी जानकारिया जान सकते है। स्वंत्रता दिवस कब और कैसे मनाया जाता है यहां इस निबंध में सभी जानकारियों को साझा किया गया है। आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है स्कूलों, सरकारी दफ्तरों आदि में झण्डा फहराने के साथ-साथ कई कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस (Independence Day), हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है। यह दिन 15 अगस्त को पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में निबंध 200 शब्दो में (Essay on Independence Day in Hindi in 200 words)
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day in Hindi): 1947 में 15 अगस्त को भारत को आजादी मिली, इसलिए भारत के लोग हर साल इस खास दिन को 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के रूप में मनाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम समारोह में, भारत के प्रधान मंत्री ने लाल किले पर सुबह जल्दी राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जहाँ लाखों लोग ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया था।
लाल किले, नई दिल्ली में उत्सव के दौरान भारतीय छात्रों द्वारा कई कार्य किए जाते हैं और स्कूली छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। राष्ट्रीय ध्वज की मेजबानी और राष्ट्रीय गान (जन गण मन) के पाठ के बाद, भारत के प्रधान मंत्री अपना वार्षिक भाषण देते हैं। भारत के स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर, हम उन सभी महान हस्तियों को याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, राष्ट्रीय झंडे की मेजबानी स्कूल और कॉलेजों में भी की जाती है, जहाँ शिक्षकों और छात्रों द्वारा कई गतिविधियाँ की जाती हैं।
स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस समारोह पर छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानियों के विषयों पर भाषण दिया जाता है। वे परेड में शामिल होते हैं, मार्च पास्ट करते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं, अन्य लोग अपने-अपने तरीके से इस दिन को मनाते हैं जैसे देशभक्ति की फिल्में देखना, परिवार के साथ घर से बाहर जाना, दोस्तों से मिलना या सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेना आदि। स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) हमारी स्वतंत्रता का जश्न मनाने का एक तरीका भी है। जिस दिन हमारे देश ने स्वतंत्रता प्राप्त की, भारत के नागरिकों ने सच्ची स्वतंत्रता को देखा। उन्होंने इस नई आजादी का जश्न मनाया और इस दिन को साल-दर-साल उसी भावना के साथ मनाया जाता है। हालांकि, यह हमें अपनी जड़ों के करीब होने के महत्व को भी याद दिलाता है और ऊंची उड़ान भरने और स्वतंत्र महसूस करने के बावजूद भी जमीनी स्तर पर बना रहता है।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दो में (Essay on Independence Day in 500 words in Hindi)
आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे कि कोई उत्सव की जगह को सजा कर, फिल्में देखकर, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर और कई सारे सामाजिक क्रियाकलापों में भाग लेकर। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति, और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।
प्रस्तावना (Introduction)
15 अगस्त के दिन भारत को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता मिली और 15 अगस्त 1947 को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इसीलिए यह दिन भारत या विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को हम स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और उनके द्वारा बलिदान किए गए जीवन को हृदय से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में निबंध (Essay on Independence Day in Hindi) - स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
- 17वीं शताब्दी की शुरुआत में अंग्रेज व्यापारी भारत में व्यापार करने के लिए आए और उन्होंने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की जिसने बाद में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाकर 1757 में प्लासी का युद्ध जीतकर भारत में अपने पैर जमाना शुरू कर दिया।
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे-धीरे करके संपूर्ण भारत पर अपना अधिकार जमा लिया या सभी राजाओं को भी अपने अधीन कर लिया।
- भारतीय आजादी के लिए वैसे तो कई संघर्ष होते रहे लेकिन सबसे बड़ा प्रथम संघर्ष 1857 में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, मंगल पांडे जैसे वीरो की अध्यक्षता में हुआ। लेकिन वो असफल तो रहा फिर भी उसने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी जिसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन भारत से खत्म हुआ और सीधा ब्रिटिश क्राउन भारत पर शासन करने लगा।
- लेकिन भारतीयों को ब्रिटिश शासन बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्हें चाहिए था स्वराज, जिसके लिए उन्होंने लगातार शांति और युद्ध दोनो तरीके से संग्राम जारी रखा और आखिरकार उनका ही नतीजा भारत को आजादी मिली लेकिन दो भागो मे बंटकर 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान को आजाद किया गया और 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ।
- उसी दिन से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के रुप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
- अंग्रेजों के भारत पर कब्जे के बाद हम अपने ही देश में गुलाम थे। पहले सब कुछ हमारा था जैसे कि धन, अनाज, ज़मीन परंतु अंग्रेजों के आने के बाद किसी चीज़ पर हमारा अधिकार नहीं था।
- अंग्रेज मनमाना लगान वसूलते और जो मन होता उसकी खेती करवाते जैसे नील और नकदी फसलों की खेती आदि। ऐसा खास तौर पर बिहार के चंपारण में देखा गया। हम जब भी उनका विरोध करते हमें उससे भी बड़ा जवाब मिलता, जैसे कि जलियांवाला बाग हत्याकांड।
15 अगस्त पर हिंदी में निबंध (15 August Essay in Hindi) - स्वतंत्रता सेनानीयों का योगदान
हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे गांधी जी, जिनका आज़ादी के लिए संघर्ष में अतुल्य योगदान रहा है और वे सबसे लोकप्रिय भी थे। उन्होने सबको सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया और वह अहिंसा ही था, जो सबसे बड़े हथियार के रूप में उभरा और कमजोर से कमजोर व्यक्ति के जीवन में भी उम्मीद के दीपक जलायें। गांधी जी ने देश से कई कुप्रथाओं को हटाने के प्रयास किये और सभी को साथ लाया, जिसकी वजह से यह लड़ाई और आसान हो गई। गांधी जी के लिये लोगों का प्यार ही था जो लोग उन्हें लोग बापू कह कर बुलाते थे।
साइमन कमीशन के विरोध में सब शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच अंग्रेजों ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया और इसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इससे आहत होकर भगत सिंह, सुख देव, राजगुरू ने सांडर्स की हत्या कर दी और बदले में इन्हें फांसी की सजा हुई और वे हंसते-हंसते फांसी की तख्त पर चढ़ गए।
आजादी की इस लड़ाई में सैकड़ों ऐसे नाम हैं जैसे सुभाष जन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि जिनके योगदान अतुलनीय हैं। ये भी पढ़ें - महात्मा गांधी पर निबंध
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day) - स्वतंत्रता दिवस का महत्व
15 अगस्त पर हिंदी में निबंध (15 august essay in hindi)- 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है.
15 अगस्त के दिन ही भारत को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता मिली और 15 अगस्त 1947 को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। इसीलिए यह दिन भारत या विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। भारत के इतिहास में और प्रत्येक भारतीय के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। देश के हर स्कूल,कालेज, सरकारी दफ्तरों और अन्य विभिन्न संस्थाओं में 15 अगस्त बड़ी ही धूम से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के लाल किले पर होता है। स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर देश के प्रधान मंत्री लाल किले पर झण्डा फहराते हैं और 31 तोपों की सलामी दी जाती है, जिसके बाद वह देश को संबोधित करते हैं। प्रधानमंत्री के भाषण सुनने के लिए सुबह से ही लोग लाल-किले पर पहुंचना शुरू कर देते हैं।
15 अगस्त पर हिंदी में निबंध (15 August Essay in Hindi) - स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है
प्रत्येक वर्ष भारत में इस दिन लालकिले से देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। साल 1947 में भी जब 15 अगस्त को हमारा देश आजाद हुआ था, तब भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने लालकिले पर तिरंगा फहराया था और तब से ही यह परंपरा आज तक चलती आ रही है। इस दिन सभी समुदाय के लोगो में एक अलग ही उत्साह होता है। भारत की राजधानी दिल्ली में यह दिवस काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सभी नेता इस दिन लाल किले के सामने परेड ग्राउंड में एकत्रित होते है ,इस दिन बड़ी संख्या में आम लोगो की भीड़ भी काफी देखने को मिलती है। इस दिन देश के प्रधानमंत्री न सिर्फ लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, बल्कि इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। वहीं भारतीय वायुसेना के विमान पूरे आकाश में तिरंगे के रंग से सराबोर कर देते हैं। इस लालकिले पर देश के अलावा विदेशी सैलानियों की भी अच्छी-ख़ासी भीड़ उमड़ती है।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) को लेकर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन सिर्फ लालकिले तक ही सीमित नहीं रहता है, बल्कि इस दिन देश भर में इस राष्ट्रीय पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। सरकारी कार्यालयों समेत, स्कूल व कॉलेज में भी तिरंगा फहराया जाता है। शिक्षण संस्थानों में बच्चों व अभिभावकों के बीच मिठाइयाँ बांटी जाती हैं तथा रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कई बच्चे इस दौरान 15 अगस्त पर भाषण (15th August Speech in Hindi) देते हैं, तो कई नाटक, गीत-संगीत सहित अन्य कलाओं के माध्यम से इस दिन को यादगार बनाने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा सरकारी दफ्तरों में भी इस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। सरकारी व निजी कार्यालयों में इस दिन अवकाश होता है।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दो में (Essay on Independence Day in 500 words)- निष्कर्ष
15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को हम उन सभी वीर क्रांतिकारियों को याद करते है जो देश की आजादी के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए ब्रिटिशों के अत्याचारों को सहा। इस दिन हमे उन सभी वीरों को याद करते है और उनके बलिदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है। हम सभी भारतीयों को मिल-जल कर प्रेमभाव से रहना चाहिए। इस दिन, भारतीय होने के नाते हमें गर्व करना चाहिये और ये वादा करना चाहिये कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये सदा देशभक्ति से पूर्णं और ईंमानदार रहेंगे। 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को हम उन सभी वीर क्रांतिकारियों को याद करते है जो देश की आजादी पाने के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए ब्रिटिशों के अत्याचार सहे। इस दिन हमे उन सभी वीरों को याद करते है और उनके बलिदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते है। सभी भारतीयों को मिल-जल कर प्रेमभाव से रहना चाहिए। ये भी पढ़ें-
स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइनों में निबंध (Essay on Independence Day in 10 lines in Hindi)
- स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है।
- आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 में भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था।
- तभी से इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रुप में बड़े-धाम से मनाया जाता है।
- यह दिन प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का दिन है।
- 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री पहले शहीदों के स्मारक पर जाते हैं।
- हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के आयोजन के मुख्य अतिथि किसी अन्य देश से बुलाए जाते हैं।
- इसके बाद वे लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं और फिर देश वासियों को सम्बोधित करते हैं।
- देश की आजादी के लिए कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है।
- इस दिन मौके पर लालकिले पर परेड का आयोजन भी किया जाता है।
- 15 अगस्त के दिन स्कूलों में झांकियां निकली जाती हैं। झण्डा फहराया जाता है।
- इस दिन जय हिन्द, वंदेमातरम्, भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद के नारों से पूरा देश गूंज उठता है।
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1947 को अंग्रेजों ने भारत को आजादी देने का ऐलान किया था।
भारत को आजाद कराने के लिए चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और ऐसे सैकड़ों स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों ने अपनी मातृभूमि को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए प्राणों की आहुतियां दे दीं।
भारत में, स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, जो हमें उस दिन की याद दिलाता है जब भारत ने 1947 में ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी हासिल की थी। यह उन स्वतंत्रता सेनानियों और भारत के वीर सपूतो को याद करने और सम्मान करने का दिन है जिन्होंने हमारे अधिकारों के लिए कड़ा संघर्ष किया और अपने प्राणों का बलिदान दिया।
भारत के इतिहास का सबसे गौरवपूर्ण दिन 15 अगस्त को माना जाता है। इस दिन देश ब्रिटिश शासन की गुलामी से आजाद हुआ था।
आजादी के महोत्सव को हर साल 15 अगस्त के दिन देशभर में धूम के साथ मनाया जाता है। साथ ही, यह दिन उन स्वतंत्रता सैनानियों की कुर्बानी याद करने का है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
1757 से लेकर 1947 तक अंग्रेजों का गुलाम रहा भारत। इससे पहले, 1757 से लेकर 1857 तक भारत पर ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी का कंट्रोल में था। देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान के आगे आखिरकार अंग्रेजों ने घुटने टेक दिए और करीब 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद भारत को 15 अगस्त, 1947 के दिन आजादी मिली।
स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। प्रतिवर्ष इस दिन को समस्त भारतीय नागरिक हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। भारत में पहले अंग्रेजों का शासन था, 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को अंग्रेजों के शासन से मुक्ती मिली थी। यानि इस दिन भारत को आजाद घोषित किया गया था।
15 अगस्त, 1947 को भारत को 200 सालों की अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी। ऐसे में 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
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15 अगस्त पर निबंध हिंदी में: Essay on Independence Day in Hindi
15 अगस्त पर निबंध: यह 78वां स्वतंत्रता दिवस है और हम भारतीय स्वतंत्रता के 79वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इस राष्ट्रीय त्योहार को मनाने के लिए आइए कुछ निबंध पढ़ें जिनका उपयोग छात्र अपने भाषण और अन्य प्रेरक उद्धरण बनाने के लिए कर सकते हैं।.
Independence Day Essay in Hindi: 15 अगस्त 2024 हमारा 78वां स्वतंत्रता दिवस है। यह एक राष्ट्रीय त्योहार है जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का जश्न मनाता है। छात्रों और बच्चों को इस बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए कि हमारे लोगों ने भारत को वर्षों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए क्या प्रयास किए हैं। सबसे अच्छा तरीका यह है कि उन्हें कहानियाँ सुनाएँ और भारतीय स्वतंत्रता दिवस और हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में उन्होंने जो सीखा है उस पर एक निबंध लिखने के लिए कहें। भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर निबंध लिखने के लिए नीचे दिए गए उदाहरणों का उपयोग करें।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 200 शब्दों में
उपरोक्त 100 शब्दों के निबंध में जोड़ें….
भारत का स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन, 1947 में, भारत ने 200 सालों के अंग्रेजी शासन से अपनी आजादी हासिल की थी।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 250 शब्द में
उपरोक्त 200 शब्दों के निबंध में जोड़ें….
15 अगस्त, भारत के लिए एक बहुत ही खास दिन है। इस दिन हम अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं। भारत की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन किए थे।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300 शब्द में
उपरोक्त 250 शब्दों के निबंध में जोड़ें….
भारत का स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी आजादी कितनी कीमती है। हमें अपने देश से प्यार करना चाहिए और इसकी रक्षा करनी चाहिए। हमें अपने देश को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाना है।
आज के युवाओं को देश के विकास में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। हमें शिक्षित बनना चाहिए और अपने देश की सेवा करनी चाहिए। हमें देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।
आजादी के बाद, भारत ने कई क्षेत्रों में बहुत प्रगति की है। लेकिन अभी भी कई चुनौतियां हमारे सामने हैं। हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें एकजुट होकर काम करना होगा और अपने देश को एक महान राष्ट्र बनाना होगा।
आप इन निबंधों को अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित कर सकते हैं।
- आप अपने निबंध में स्वतंत्रता सेनानियों के नामों का उल्लेख कर सकते हैं।
- आप स्वतंत्रता संग्राम के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन कर सकते हैं।
- आप भारत की आजादी के बाद की उपलब्धियों के बारे में लिख सकते हैं।
- आप भारत के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में लिख सकते हैं।
- आप देश के भविष्य के लिए अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं।
स्वतंत्रता सेनानियों के नारे
- सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजू-ए-क़ातिल में है। - राम प्रसाद बिस्मिल
- दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद ही रहेंगे, आज़ाद ही रहेंगे। - चंद्रशेखर आजाद
- तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। - सुभाष चंद्र बोस
- आज़ादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। - महात्मा गांधी
- देश की सेवा ही धर्म है। - चंद्रशेखर आजाद
- दिल्ली चलो। - सुभाष चंद्र बोस
- हिन्दुस्तान आजाद होगा। - सुभाष चंद्र बोस
- अंग्रेजों भारत छोड़ो। - महात्मा गांधी
- इंकलाब जिंदाबाद: (क्रांति जिंदाबाद) - भगत सिंह
- "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।" -महात्मा गांधी
- "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। -सुभाष चंद्र बोस
- "सत्यमेव जयते" (सच्चाई की ही जीत होती है) - महात्मा गांधी
- "जय जवान जय किसान" - लाल बहादुर शास्त्री
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