कौशल विकास योजना
कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया मिशन’ : कौशल भारत – कुशल भारत भारत में दस साल की कांग्रेस पार्टी के सत्ता शासन के बाद 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ विजय प्राप्त की और इस जीत का श्रेय उस समय के गुजरात मुख्यमंत्री, वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। मोदी सरकार, ने 2014 से ही, सत्ता में आने के बाद से, भारत के विकास के लिये अनेक कार्यक्रम शुरु किये जैसे: ‘डिजीटल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ आदि। इन कार्यक्रमों के बाद मोदी सरकार ने “कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया’ ” कार्यक्रम को शुरु किया है। ये एक बहु-आयामी विकास योजना है। इसके अन्तर्गत भारतीयों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जायेगी जिससे कि वो अधिक से अधिक रोजगार का सृजन कर सकें।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (स्किल इंडिया मिशन) – कौशल भारत कुशल भारत की शुरुआत
प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी, ने अपने स्वप्न “स्किल इंडिया” को, नई दिल्ली में “राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन” के रुप में, शुरु किया। जिसमें स्पष्ट किया कि ये सरकार की गरीबी के खिलाफ एक जंग हैं और भारत का प्रत्येक गरीब और वंचित युवा इस जंग का सिपाही है। इस योजना की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी ने 15 जुलाई 2015 को अन्तर्राष्ट्रीय युवा कौशल दिवस पर की थी। साथ ही इस योजना का लोगो (प्रतीक चिन्ह) और टैग लाइन का अनावरण भी किया था।
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिये अनेक कार्यक्रमों को शुरु किया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये सबसे महत्वपूर्ण कदम भारत में कौशल विकास योजना कार्यक्रमों की शुरुआत है। “कौशल भारत – कुशल भारत” की योजना भी इसी का एक भाग है। “स्किल इंडिया मिशन” योजना के अन्तर्गत चार अन्य योजनाओं (राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास और उद्यमिता के लिये राष्ट्रीय नीति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और कौशल ऋण योजना) को सम्मलित करके शुरु की गयी है।
स्किल इंड़िया मिशन के उद्देश्य और मुख्य तथ्य
देश को विकसित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2015 को पूरे भारत में लगभग 40 करोड़ भारतीयों, को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत, 2022 तक प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से “कुशल भारत- कौशल भारत” योजना को शुरु किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित करके उनकी कार्य क्षमता को बढ़ावा देना है। मुख्यरुप से कौशल विकास योजना का उद्देश्य भारत के युवाओं के कौशल के विकास के लिये उन क्षेत्रों में अवसर प्रदान करना है जो कई वर्षों से अविकसित है। इसके साथ ही साथ विकास करने के नये क्षेत्रों की पहचान करके उन्हें विकसित करने के प्रयास करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में, “कौशल विकास योजना, केवल जेब में रुपये भरना ऐसा नहीं है, बल्कि गरीबों के जीवन को आत्मविश्वास से भरना है।” इस प्रकार इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- गरीबी के कारण जो बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं उनके अन्दर छिपे कौशल को विकसित करना।
- योजनाबद्ध तरीके से गरीबों और गरीब नौजवानों को संगठित करके उनके कौशल को सही दिशा में प्रशिक्षित करके गरीबी का उन्मूलन करना।
- गरीबी को दूर करने के साथ-साथ गरीब लोगों, परिवारों तथा युवाओं में नया सामर्थ भर के आगे बढ़ने का आत्मविश्वास लाना तथा देश में नयी ऊर्जा लाने का प्रयास करना।
- सभी राज्यों और संघ राज्यों को संगठित करके आई.आई.टी. की इकाईयों के माध्यम से दुनिया में स्वंय को स्थापित करना।
- भारत की लगभग 65% जनसंख्या (जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है) को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये कौशल एंव अवसर प्रदान करना।
- देश के युवा और नौजवानों के लिये रोजगार उपलब्ध कराने के लिये उन्हें रोजगार के योग्य बनाने के लिये पूरी एक व्यवस्था के निर्माण को देश की प्राथमिकताओं में शामिल करना।
- आने वाले दशकों में पूरी दुनिया में कार्यकुशल जनसंख्या की आवश्यकता को पूरी करने के लिये विश्व के रोजगार बाजार का अध्ययन करके उसके अनुसार देश के युवाओं को प्रत्येक क्षेत्र में आज से ही कुशल बनाना।
- देश के युवा जिस कौशल (जैसे: गाड़ी चलाना, कपड़े सिलना, अच्छी तरह से खाना बनाना, साफ-सफाई करना, मकैनिक का काम करना, बाल काटना, आदि) को परंपरागत रुप से जानते हैं, उसके उस कौशल को और निखारकर व प्रशिक्षित करके उस व्यक्ति के कौशल को सरकार द्वारा मान्यता प्रदान करना।
- कौशल विकास के साथ उद्यमिता और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना।
- सभी तकनीकी संस्थाओं को विश्व में बदलती तकनीकी के अनुसार गतिशील बनाना।
इस कौशल विकास योजना में नया क्या है?
एन.डी.ए. सरकार द्वारा शुरु की गयी कौशल भारत – कुशल भारत योजना नयी योजना नही है इससे पहले यू.पी.ए. सरकार ने भी स्किल डेवल्पड योजना को शुरु किया था। यू.पी.ए. सरकार ने, वर्ष 2022 तक लगभग 500 मिलियन भारतीयों में कौशल विकास करने के लक्ष्य को रखा था। लेकिन एन.डी.ए. सरकार द्वारा इस लक्ष्य को बढ़ा कर 40 करोड़ कर दिया गया है। इस योजना में न केवल उद्यमी संस्थाओं को जोड़ा हैं बल्कि, पूरे भारत में कार्यरत सभी गैर-सरकारी संस्थानों से भी संबंध स्थापित किया है। इससे पहले ये योजना 20 मंत्रालयों द्वारा संचालित की जाती अब मोदी सरकार ने इसे एक मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है, जो बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।
न केवल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम नया हैं, बल्कि इसका मंत्रालय और उद्देश्य भी नये है। पहले ये 20 अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा संचालित किया जाता था अब सभी को एक साथ कर दिया गया है। इस तरह ये योजना पूरी तरह से नयी है जो न केवल नये अवसरों, क्षेत्र और स्थानों में कौशल विकास को करती है बल्कि जिन क्षेत्रों में कौशल विकास की संभावनाएं हैं उन्हें ढूँढती भी है। इस नये मंत्रालय (कौशल और उद्यमिता विकास मंत्रालय) की भूमिका इन 20 मंत्रालयों के समन्वय के साथ खत्म नहीं होती बल्कि ये कौशल विकास पर चलायी जा रही सभी योजनाओं के लिये जवाब देय भी है।
स्किल इंडिया मिशन के लक्ष्य और दिये जाने वाले प्रशिक्षण के प्रकार
कौशल भारत – कुशल भारत योजना का मुख्य लक्ष्य देश के गरीब व वंचित युवा है, जिनके पास हुनर तो है पर उसके लिये कोई संस्थागत प्रशिक्षण नहीं लिया है और न ही इसकी कोई मान्यता उनके पास होती है। युवाओं के इस हुनर को प्रशिक्षण द्वारा निखारकर बाजार योग्य बनाकर प्रमाण-पत्र देते हुये उनके लिए रोजगार का सृजन करना ही इस योजना का मुख्य लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने इस योजना की घोषणा के समय ही स्पष्ट किया था कि कौशल भारत – कुशल भारत योजना का लक्ष्य युवाओं में कौशल के विकास के साथ-साथ उनका मूल्य संवर्धन करना है।
इस योजना का लक्ष्य भारत में तकनीकी शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाकर उसे विश्व मांग के अनुरुप ढालना हैं। इस योजना की घोषणा के समय पी.एम. मोदी ने भाषण देते हुये कहा था कि भारत में परंपरागत शिक्षा पाठ्यक्रम प्रचलन में जिससे कि हम विश्व में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के साथ अपने आप को गतिशील नहीं बना पाये हैं और आज भी बेराजगार है। इसके लिये आवश्यक है कि हम अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम में विश्व मांग के अनुसार बदलाव लाये। आने वाले दशकों में किस तरह के कोशल की माँग सबसे अधिक की जायेगी उसका अध्ययन करके अपने देश में उस अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार यदि युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे तो भारत के युवाओं को रोजगार के सबसे अधिक अवसर मिलेंगे। इस तरह कौशल भारत – कुशल भारत एक आन्दोलन है, न कि सिर्फ एक कार्यक्रम।
विशेष कार्यक्रम को पूरा करने वाले युवाओं को मंत्रालय द्वारा प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। एक-बार प्रमाण पत्र मिलने के बाद इस सभी सरकारी व निजी, यहाँ तक कि विदेशी संगठनों, संस्थाओं और उद्यमों द्वारा भी वैध माना जायेगा। प्रशिक्षण देने के लिये विभिन्न श्रेणियों को लिया गया है; जैसे: वो बच्चे जिन्होंने स्कूल या कॉलेज छोड़ दिया है, और कुछ बहुत अधिक प्रतिभाशाली लड़कें और लड़कियाँ आदि। इसके साथ ही गाँव के वो लोग जो हस्तशिल्प, कृषि, बागवानी आदि का परंपरागत कौशल रखते है, उनकी आय को अधिक करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। कौशल भारत – कुशल भारत सम्पूर्ण राष्ट्र का कार्यक्रम है।
कौशल भारत – कुशल भारत मिशन के लाभ
कौशल भारत मिशन को अन्तर्गत मोदी सरकार ने गरीब व वंचित युवाओं प्रशिक्षित करके बेरोजगारी की समस्या और गरीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस मिशन का उद्देश्य उचित प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं में आत्मविश्वास को लाना है जिससे की उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इस योजना के माध्यम से सरकारी, निजी और गैर-सरकारी संस्थानों के साथ साथ शैक्षिक संस्थाएं भी सम्मलित होकर कार्य करेंगी। इस मिशन के कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित है:
- कौशल विकास योजना के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करके भारत में बेरोजगारी की समस्या के निवारण में सहायता।
- उत्पादकता में वृद्धि।
- भारत से गरीबी खत्म करने में सहायक।
- भारतीयों में छिपी हुई योग्यता को बढ़ावा देने में सहायक।
- राष्ट्रीय आय के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि।
- लोगों की जीवन निर्वाह आय में वृद्धि।
- भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार।
कौशल भारत – कुशल भारत अभियान को जागरुकता अभियानों के साथ सभी लोगो को उनके हुनर में कुशल करके भारत से बहु-आयामी समस्याओं का निराकरण करना है। प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में, “मैं भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के लिये पूरे राष्ट्र को प्रतिज्ञा करने के लिये आह्वान करता हूँ।”
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कौशल विकास योजना पर निबंध – Skill India Essay In Hindi
कौशल विकास योजना पर निबंध – essay on skill india in hindi.
सफलता जादू से नहीं मिलती है। सफल होने के लिए जरूरी कौशल की आवश्यकता होती है। यह सार्वभौमिक सत्य नई पीढ़ी पर भी उतना ही लागू होता है। युवा ऊर्जा किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति देने वाली ताकत बन सकती है, बशर्ते उसे प्रभावी रूप से दिशा दी जाए। कौशल विकास और रोजगार इस ताकत को आगे बढ़ाने के सबसे अच्छे साधन हैं।
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
युवा जनसंख्या के मामले में भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है, फिर भी भारतीय नियोक्ता कुशल मानव बल की जबरदस्त किल्लत से जूझ रहे हैं। कारण रोजगार के लिए आवश्यक विशेषज्ञता की कमी। श्रम ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में औपचारिक रूप से कुशल कार्यबल का वर्तमान आकार केवल 2 प्रतिशत है। इसके अलावा पारंपरिक शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं के बड़े वर्ग की रोजगार संबंधी योग्यता की चुनौती भी है।
भारतीय शिक्षा व्यवस्था शानदार मस्तिष्कों को जन्म देती रही है, लेकिन रोजगार विशेष के लिए जरूरी कौशल की उसमें कमी है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से निकल रही प्रतिभा और रोजगार योग्य कौशल की संभावना एवं मानक के मामले में उसकी अनुकूलता के बीच बड़ा अंतर है।
अंग्रेजी बोलने वाली जनसंख्या के इस वर्ग में राष्ट्र तथा पूरी दुनिया की कौशल संबंधी जरूरत पूरी करने की क्षमता है। जरूरत है तो सटीक एवं पर्याप्त कौशल विकास तथा प्रशिक्षण की, जो इस ताकत को तकनीकी रूप से कुशल मानव बल के सबसे बड़े स्रोत में बदल सकते हैं।
सरकार द्वारा आरंभ किए गए स्किल इंडिया मिशन का लक्ष्य कौशल प्रदान करते हुए रोज़गार के लिए कुशल कार्य बल तैयार कर इस समस्या का समाधान उपलब्ध कराना है। मिशन का लक्ष्य 2022 तक 40 करोड़ से अधिक लोगों को कौशल प्रदान करना तथा उनकी पसंद के कौशलों का प्रशिक्षण देते हुए उनकी रोजगार संबंधी योग्यता को बढ़ाना है।
समावेशी वृद्धि के लिए सभी स्तरों पर कुशल मानव संसाधन अनिवार्य है। कौशल विकास को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता। इसे कौशल प्रशिक्षण को एक ही समय में शिक्षा तथा रोजगार से जोड़ने की अटूट प्रक्रिया होना पड़ेगा। सरकारी एजेंसियाँ और व्यवस्था अकेले यह काम पूरा नहीं कर सकते। कौशल प्रदान करने की प्रक्रिया में निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों, कौशल प्रशिक्षण के अनुभव वाले शिक्षण संस्थानों को जुटना पड़ेगा। सभी वर्गों को समान महत्त्व दिए जाने की आवश्यकता है।
युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए शिक्षा का व्यवसायीकरण बेहद महत्त्वपूर्ण है। उसके साथ ही समाज के अन्य वर्गों जैसे महिलाओं, हाशिए पर पड़े लोगों, आदिवासियों आदि को ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता है, जो उनकी विविध एवं विशिष्ट जरूरतों के अनुसार हों। हाशिए पर पड़े अधिकतर वर्गों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने में निरक्षरता एक समस्या हो सकती है, लेकिन महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने में पारिवारिक मसलों और सामाजिक बंधनों से भी जूझना पड़ सकता है। किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इन तथ्यों को ध्यान में रखने की ज़रूरत है।
भारत पहले ही उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर चलना आरंभ कर चुका है। इस गति को बढ़ाने के लिए हमें ऐसे कौशल के उन्नयन पर ध्यान देने की जरूरत है, जो वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के अनुसार प्रासंगिक हैं। कौशल प्रशिक्षण की सुविधाओं का विस्तार ही एकमात्र चुनौती नहीं है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्पर्धा करने योग्य बनने के लिए कौशल की गुणवत्ता बढ़ाना भी एक चुनौती ही है।
राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता नीति 2015 गति के साथ, मानक के अनुरूप एवं सतत रूप से व्यापक स्तर पर कौशल प्रदान करने की चुनौती से निपटने का प्रस्ताव करती है। उसका लक्ष्य कौशल प्रदान करने के लिए देश में चल रही सभी गतिविधियों को एक सर्वोच्च रूपरेखा प्रदान करना है। वह कौशल प्रदान करने की प्रक्रिया का मानकीकरण करने और उसे राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर माँग के केंद्रों से जोड़ने का प्रयास भी करती है।
प्रयास के साथ कौशल में वृधि करने से सफलता मिलती है। सरकार के हाल के प्रयासों के कारण कौशल विकास के कार्यक्रम ने ‘आंदोलन’ का रूप धर लिया है। सरकार के इन प्रयासों के फल मिलने में कुछ समय लग सकता है, किंतु भविष्य में ‘कुशल भारत’ देश को प्रसन्न, स्वस्थ एवं संपन्न अर्थात् ‘कौशल भारत’ होने की दिशा में ले जाएगा और इस तरह कुशल भारत, कौशल भारत को नारा चरितार्थ हो जाएगा।
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Essay on World Youth Skills Day: छात्रों के लिए परीक्षाओं में आने वाले विश्व युवा कौशल दिवस पर निबंध
- Updated on
- जुलाई 1, 2024
विश्व युवा कौशल दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और प्रोत्साहित करना है ताकि वे अपने कौशल का विकास कर सकें और एक सम्मानजनक रोजगार प्राप्त कर सकेंI युवा किसे भी देश की सबसे बड़ी ताकत होते हैं और वे देश को आगे ले जाने का काम करते हैंI जिस देश का युवा जितना अधिक कौशलवान होगा वह उस देश के आर्थिक स्थिति उतनी ही अधिक सशक्त होगीI यहाँ World Youth Skills Day Essay in Hindi दिया गया है जिसकी मदद से छात्र विश्व युवा कौशल दिवस पर निबंध लिखना सीख सकते हैं।
This Blog Includes:
विश्व युवा कौशल दिवस का संक्षिप्त विवरण, world youth skills day essay in hindi: विश्व युवा कौशल दिवस पर 100 शब्दों में निबंध, विश्व युवा कौशल दिवस पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , कौशल विकास का महत्व, भारत में कौशल विकास की स्थिति, युवाओं के लिए कौशल विकास के अवसर.
आज भी हमारे देश में बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैंI यह एक वैश्विक चिंता का विषय हैI ऐसे में उनकी कौशल विकास क्षमता में इजाफा करना ज़रूरी है। इसलिए हर साल 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस मनाया जाता हैI यह दिवस युवाओं को रोजगार, उद्यमिता से संबंधित क्षेत्रों में कौशल सीखने के लिए प्रेरित करता है।
यहाँ विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day Essay in Hindi) पर 100 शब्दों में निबंध दिया जा रहा है:
प्रतिवर्ष 15 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व युवा कौशल दिवस, युवाओं को रोजगार, उद्यमिता और सार्थक जीवन के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने का वैश्विक प्रयास है। यह दिवस युवाओं की क्षमता और योगदान को स्वीकार करता है, तथा उन्हें बेहतर भविष्य के निर्माण में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करता है।
आज के युग में, तेज़ी से बदलते परिवेश में सफल होने के लिए, युवाओं को तकनीकी, व्यावसायिक और सामाजिक कौशल से युक्त होना ज़रूरी है। यह दिवस युवाओं को शिक्षा, प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करने के महत्व पर प्रकाश डालता है, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें।
विश्व युवा कौशल दिवस हर साल एक विशिष्ट विषय के साथ मनाया जाता है, जो युवाओं के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों और चुनौतियों को दर्शाता है। यह विषय सरकारों, शिक्षण संस्थानों, उद्योगों और युवा संगठनों को प्रासंगिक कार्यक्रमों और पहलों को विकसित करने के लिए प्रेरित करता है।
विश्व युवा कौशल दिवस, युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि युवा, राष्ट्र के विकास और समृद्धि की कुंजी हैं, और उनके कौशल विकास में निवेश करना, समाज के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।
यह भी पढ़ें: विश्व युवा कौशल दिवस पर विशेष विचार, जो युवाओं के सपनों को नए पंख देंगे
World Youth Skills Day Essay in Hindi पर 200 शब्दों में निबंध दिया गया है-
विश्व युवा कौशल दिवस हर वर्ष 15 जुलाई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य युवाओं में कौशल विकास को प्रोत्साहित करना और उनके रोजगार योग्य बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देना है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2014 में घोषित किया गया था, ताकि युवा पीढ़ी के कौशल विकास की महत्वता पर ध्यान आकर्षित किया जा सके।
युवाओं में कौशल विकास केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और सृजनात्मकता को भी बढ़ावा देता है। बदलते विश्व में तकनीकी प्रगति और औद्योगिक विकास के साथ, रोजगार के परंपरागत साधनों में बदलाव आया है। ऐसे में युवाओं को नये कौशलों की आवश्यकता है, जो उन्हें प्रतिस्पर्धी दुनिया में सफल बना सके।
इस दिन विभिन्न कार्यशालाओं, सेमिनारों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें युवा अपने कौशल को पहचानते और निखारते हैं। इसके अलावा, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा भी कई योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जो युवाओं को व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
विश्व युवा कौशल दिवस एक महत्वपूर्ण पहल है, जो युवाओं को सशक्त बनाने और उनके उज्जवल भविष्य का निर्माण करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे देश और समाज की प्रगति के लिए युवा पीढ़ी के कौशल विकास पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।
विश्व युवा कौशल दिवस पर 500 शब्दों में निबंध
World Youth Skills Day Essay in Hindi पर 500 शब्दों में निबंध दिया गया है-
प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (TVET) के महत्व के प्रति जागरूक करने और उन्हें कौशल विकास के अवसर प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। 21वीं सदी में, युवाओं के लिए कौशल विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें रोजगार प्राप्त करने, उद्यमिता शुरू करने और अर्थव्यवस्था में योगदान करने में सक्षम बनाता है।
- आज के प्रतिस्पर्धात्मक वैश्विक परिदृश्य में, युवाओं के लिए सफल होने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करना महत्वपूर्ण है। शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त कौशल युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त करने, अपनी आय बढ़ाने और जीवन स्तर में सुधार करने में मदद करते हैं।
- कौशल विकास छात्रों के समग्र विकास का आधार हैI शैक्षिक योग्यता से इतर यह युवाओं में आत्मविश्वास भरने का कार्य करता हैI यह युवाओं को भविष्य में करियर में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करता हैI यह युवाओं को समग्र विकास के लिए प्रेरित करता है जिससे युवा बहुमुखी प्रतिभा के धनी बन सकते हैं।
- कौशल विकास युवाओं को अपने कौशल में सुधार करके या नए कौशल को सीखकर बेहतर नौकरी पाने में मददगार साबित होता हैI इसमें कम्युनिकेशन स्किल्स, समस्या समाधान कौशल, फ़ास्ट रीडिंग और बेहतर निर्णय लेना आदि शामिल हैंI ऐसा करने से युवा अधिक मूलयवान कर्मचारी के रूप में खुद को प्रस्तुत कर सकते हैंI
- बदलते समय के साथ साथ तालमेल बनाकर चलने के लिए कौशल की ज़रूरत होती हैI आज के समय में बदलाव इतनी तेज़ी से होता है कि लोगों को नौकरी के बाज़ार में खुद को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए और जीवन में सफल बनाने के लिए नई नई स्किल्स सीखते रहना जरूरी हैI इन सब बातों को देखते हुए कौशल विकास का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता हैI
भारत में, युवाओं की एक बड़ी आबादी है, जिनमें से कई रोजगार के अवसरों की तलाश में हैं। हालांकि, कौशल की कमी के कारण, कई युवाओं को अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती है। भारत सरकार ने युवाओं के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)। इन पहलों का उद्देश्य युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रदान करना और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है।
आजकल युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के अवसर उपलब्ध हैं। वे सरकारी योजनाओं, निजी संस्थानों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। कुछ लोकप्रिय कौशल विकास कार्यक्रमों में शामिल हैं-
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
- राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC)
- जन शिक्षण संस्थान (JSS)
- स्किल इंडिया
विश्व युवा कौशल दिवस हमें युवाओं के लिए कौशल विकास के महत्व को याद दिलाता है। सरकार, उद्योग और शिक्षा संस्थानों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान किए जा सकें और उन्हें देश के विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा सके। युवाओं को भी अपनी क्षमता का एहसास करना चाहिए और कौशल विकास के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। इसके साथ ही खाली समय में या छुट्टी वाले दिन युवाओं को नई नई स्किल्स सीखकर खुद को सक्षम बनाने और अपनी योग्यता में वृद्धि करने के लिए तैयार करते रहना चाहिए।
यह भी पढ़ें: विश्व युवा कौशल दिवस: उद्देश्य, महत्व, इतिहास और थीम
2014 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में घोषित किया, ताकि युवाओं को रोजगार, सभ्य कार्य और उद्यमिता के लिए कौशल से लैस करने के रणनीतिक महत्व का जश्न मनाया जा सके।
विश्व युवा कौशल दिवस 2024 मनाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र में पुर्तगाल और श्रीलंका के स्थायी मिशन, यूनेस्को, आईएलओ और युवा मामलों पर महासचिव के दूत के कार्यालय के सहयोग से , सदस्य राज्यों, युवा विशेषज्ञों, सामाजिक भागीदारों और अन्य हितधारकों के साथ एक पैनल चर्चा आयोजित करेंगे।
विश्व युवा कौशल दिवस 2024 का विषय, “शांति और विकास के लिए युवा कौशल”, शांति स्थापना और संघर्ष समाधान में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
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